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10 Oct 2017 · 1 min read

जैसी चाहत वैसे फल

**हम यूँ ही शरमाते रहे,
लोगों को अपना समझकर,
लोगों ने अपनाया ही नहीं,
अपनी दशा ..सुना डाली,
पशु-पक्षियों के नाम से सजी गालियां दे देकर,
.
हमने भी अपनी कसक,
कुछ इस तरह निकाली,
.
विष्णु से मिले वर ने,
नारद की शक्ल “हरि”रूप में बदल डाली,
उसी हरि रूप ने खोई हुई,
सीता मईंया खोज डाली,
.
उपयोगिता बड़ी है,
शक्ल में कुछ नहीं रखा है भाई,
ये बातें बहुतों को,
थोड़ी देर से समझ में आती है,
इससे पहले वे अपने लिए खुद
खोद चुके होते है खाई,
.
डॉ महेंद्र सिंह खालेटिया,

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 277 Views
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