सही सलामत आपकी, गली नही जब दाल
*बेटी को पलकों पर रखना, धन्यवाद दामाद जी (गीत)*
महत्वपूर्ण यह नहीं कि अक्सर लोगों को कहते सुना है कि रावण वि
बचपन के सबसे प्यारे दोस्त से मिलने से बढ़कर सुखद और क्या हो
*शिक्षक जुगनू बन जाते हैँ*
कितना रोके मगर मुश्किल से निकल जाती है
रेत सी इंसान की जिंदगी हैं
जीते जी मुर्दे होते है वो लोग जो बीते पुराने शोक में जीते है
दर्द के ऐसे सिलसिले निकले
अच्छा ही हुआ कि तुमने धोखा दे दिया......
कैसे हमसे प्यार करोगे
KAVI BHOLE PRASAD NEMA CHANCHAL
उम्र के उस पड़ाव पर पहुंचे जब किसी के साथ की बेहद जरूरत होती
❤️ DR ARUN KUMAR SHASTRI ❤️
हे कलम तुम कवि के मन का विचार लिखो।