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Tag: Manisha Manjari Hindi Poem
141 posts
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इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
Manisha Manjari
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
Manisha Manjari
किसने कहा, ज़िन्दगी आंसुओं में हीं कट जायेगी।
किसने कहा, ज़िन्दगी आंसुओं में हीं कट जायेगी।
Manisha Manjari
जीवन और मृत्यु के मध्य, क्या उच्च ये सम्बन्ध है।
जीवन और मृत्यु के मध्य, क्या उच्च ये सम्बन्ध है।
Manisha Manjari
ये जो तेरे बिना भी, तुझसे इश्क़ करने की आदत है।
ये जो तेरे बिना भी, तुझसे इश्क़ करने की आदत है।
Manisha Manjari
तेरी वापसी के सवाल पर, ख़ामोशी भी खामोश हो जाती है।
तेरी वापसी के सवाल पर, ख़ामोशी भी खामोश हो जाती है।
Manisha Manjari
बिखरे खुद को, जब भी समेट कर रखा, खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए।
बिखरे खुद को, जब भी समेट कर रखा, खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए।
Manisha Manjari
कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं।
कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं।
Manisha Manjari
कड़वा है पर सत्य से भरा है।
कड़वा है पर सत्य से भरा है।
Manisha Manjari
अनवरत सी चलती जिंदगी और भागते हमारे कदम।
अनवरत सी चलती जिंदगी और भागते हमारे कदम।
Manisha Manjari
धारणाएँ टूट कर बिखर जाती हैं।
धारणाएँ टूट कर बिखर जाती हैं।
Manisha Manjari
रक्तरंजन से रणभूमि नहीं, मनभूमि यहां थर्राती है, विषाक्त शब्दों के तीरों से, जब आत्मा छलनी की जाती है।
रक्तरंजन से रणभूमि नहीं, मनभूमि यहां थर्राती है, विषाक्त शब्दों के तीरों से, जब आत्मा छलनी की जाती है।
Manisha Manjari
सुबह की किरणों ने, क्षितिज़ को रौशन किया कुछ ऐसे, मद्धम होती साँसों पर, संजीवनी का असर हुआ हो जैसे।
सुबह की किरणों ने, क्षितिज़ को रौशन किया कुछ ऐसे, मद्धम होती साँसों पर, संजीवनी का असर हुआ हो जैसे।
Manisha Manjari
जो रूठ गए तुमसे, तो क्या मना पाओगे, ज़ख्मों पर हमारे मरहम लगा पाओगे?
जो रूठ गए तुमसे, तो क्या मना पाओगे, ज़ख्मों पर हमारे मरहम लगा पाओगे?
Manisha Manjari
निखरे मौसम में भी, स्याह बादल चले आते हैं, भरते ज़ख्मों को कुरेद कर, नासूर बना जाते हैं।
निखरे मौसम में भी, स्याह बादल चले आते हैं, भरते ज़ख्मों को कुरेद कर, नासूर बना जाते हैं।
Manisha Manjari
सम्मान ने अपनी आन की रक्षा में शस्त्र उठाया है, लो बना सारथी कृष्णा फिर से, और रण फिर सज कर आया है।
सम्मान ने अपनी आन की रक्षा में शस्त्र उठाया है, लो बना सारथी कृष्णा फिर से, और रण फिर सज कर आया है।
Manisha Manjari
सवाल में ज़िन्दगी के आयाम नए वो दिखाते हैं, और जवाब में वैराग्य की राह में हमें भटकाते हैं।
सवाल में ज़िन्दगी के आयाम नए वो दिखाते हैं, और जवाब में वैराग्य की राह में हमें भटकाते हैं।
Manisha Manjari
दर्द की शर्त लगी है दर्द से, और रूह ने खुद को दफ़्न होता पाया है।
दर्द की शर्त लगी है दर्द से, और रूह ने खुद को दफ़्न होता पाया है।
Manisha Manjari
कट कर जो क्षितिज की हो चुकी, उसे मांझे से बाँध क्या उड़ा सकेंगे?
कट कर जो क्षितिज की हो चुकी, उसे मांझे से बाँध क्या उड़ा सकेंगे?
Manisha Manjari
ख्वाहिशें आँगन की मिट्टी में, दम तोड़ती हुई सी सो गयी, दरार पड़ी दीवारों की ईंटें भी चोरी हो गयीं।
ख्वाहिशें आँगन की मिट्टी में, दम तोड़ती हुई सी सो गयी, दरार पड़ी दीवारों की ईंटें भी चोरी हो गयीं।
Manisha Manjari
आयी थी खुशियाँ, जिस दरवाजे से होकर, हाँ बैठी हूँ उसी दहलीज़ पर, रुसवा अपनों से मैं होकर।
आयी थी खुशियाँ, जिस दरवाजे से होकर, हाँ बैठी हूँ उसी दहलीज़ पर, रुसवा अपनों से मैं होकर।
Manisha Manjari
तो मेरे साथ चलो।
तो मेरे साथ चलो।
Manisha Manjari
निहारने आसमां को चले थे, पर पत्थरों से हम जा टकराये।
निहारने आसमां को चले थे, पर पत्थरों से हम जा टकराये।
Manisha Manjari
आज नए रंगों से तूने घर अपना सजाया है।
आज नए रंगों से तूने घर अपना सजाया है।
Manisha Manjari
ये आकांक्षाओं की श्रृंखला।
ये आकांक्षाओं की श्रृंखला।
Manisha Manjari
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
Manisha Manjari
ढलती हुई दीवार ।
ढलती हुई दीवार ।
Manisha Manjari
तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं।
तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं।
Manisha Manjari
वक़्त ने हीं दिखा दिए, वक़्त के वो सारे मिज़ाज।
वक़्त ने हीं दिखा दिए, वक़्त के वो सारे मिज़ाज।
Manisha Manjari
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
Manisha Manjari
कोरी आँखों के ज़र्द एहसास, आकर्षण की धुरी बन जाते हैं।
कोरी आँखों के ज़र्द एहसास, आकर्षण की धुरी बन जाते हैं।
Manisha Manjari
विडंबना इस युग की ऐसी, मानवता यहां लज्जित है।
विडंबना इस युग की ऐसी, मानवता यहां लज्जित है।
Manisha Manjari
गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है।
गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है।
Manisha Manjari
कुछ परछाईयाँ चेहरों से, ज़्यादा डरावनी होती हैं।
कुछ परछाईयाँ चेहरों से, ज़्यादा डरावनी होती हैं।
Manisha Manjari
"मैं" के रंगों में रंगे होते हैं, आत्मा के ये परिधान।
Manisha Manjari
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
Manisha Manjari
काश उसने तुझे चिड़ियों जैसा पाला होता।
काश उसने तुझे चिड़ियों जैसा पाला होता।
Manisha Manjari
क्यों बीते कल की स्याही, आज के पन्नों पर छीटें उड़ाती है।
क्यों बीते कल की स्याही, आज के पन्नों पर छीटें उड़ाती है।
Manisha Manjari
सिलसिले साँसों के भी थकने लगे थे, बेजुबां लबों को, रूह की खामोशी में थरथराना था।
सिलसिले साँसों के भी थकने लगे थे, बेजुबां लबों को, रूह की खामोशी में थरथराना था।
Manisha Manjari
चल पड़ते हैं कभी रुके हुए कारवाँ, उम्मीदों का साथ पाकर, अश्क़ बरस जाते हैं खामोशी से, बारिशों में जैसे घुलकर।
चल पड़ते हैं कभी रुके हुए कारवाँ, उम्मीदों का साथ पाकर, अश्क़ बरस जाते हैं खामोशी से, बारिशों में जैसे घुलकर।
Manisha Manjari
वजूद पे उठते सवालों का जवाब ढूंढती हूँ,
वजूद पे उठते सवालों का जवाब ढूंढती हूँ,
Manisha Manjari
कभी संभालना खुद को नहीं आता था, पर ज़िन्दगी ने ग़मों को भी संभालना सीखा दिया।
कभी संभालना खुद को नहीं आता था, पर ज़िन्दगी ने ग़मों को भी संभालना सीखा दिया।
Manisha Manjari
एक शाम ऐसी कभी आये, जहां हम खुद को हीं भूल जाएँ।
एक शाम ऐसी कभी आये, जहां हम खुद को हीं भूल जाएँ।
Manisha Manjari
बवंडरों में उलझ कर डूबना है मुझे, तू समंदर उम्मीदों का हमारा ना बन।
बवंडरों में उलझ कर डूबना है मुझे, तू समंदर उम्मीदों का हमारा ना बन।
Manisha Manjari
अब आये हो तो वो बारिश भी साथ लाना, जी भरकर रो कर, जिससे है हमें उबर जाना।
अब आये हो तो वो बारिश भी साथ लाना, जी भरकर रो कर, जिससे है हमें उबर जाना।
Manisha Manjari
आहटें तेरे एहसास की हवाओं के साथ चली आती हैं,
आहटें तेरे एहसास की हवाओं के साथ चली आती हैं,
Manisha Manjari
खुले आँगन की खुशबू
खुले आँगन की खुशबू
Manisha Manjari
कोरा रंग
कोरा रंग
Manisha Manjari
फ़ितरत
फ़ितरत
Manisha Manjari
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
Manisha Manjari
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