Posts Tag: Ashantlekhani 106 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next 'अशांत' शेखर 16 Oct 2022 · 1 min read ✍️उत्सव और मातम… उत्सव जित का मनाया जाता है... उत्सव हार का भी मनाया जाता है... मातम हार का मनाया जाता है... मातम जित का भी मनाया जाता है... सिर्फ हार और जित... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 2 192 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️कभी कभी कभी कभी रास्ते पैरोंतलों से गुमसुम गुजर जाते है कभी कभी कदमो के भरोसे हम मौन खड़े रह जाते है कभी कभी वक़्त छूट जाता है हम खाली हाथों को... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 2 181 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️समतामूलक प्रकृति… तर्क की कमियां विषमता की निर्वाहक होती है... सत्य से वो सदा पीछा छुड़ाकर पथभ्रष्ट रहती है... समतामूलक प्रकृति में निरंतर असत्य बाधाएं बनकर… …………………………………………// ✍️'अशांत' शेखर 15/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 2 175 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️मगर क्रांति के अंत तक.. पीड़ाएँ कभी बोलती नहीं वो मौन ही रहती है सब्र के अंत तक.. चेतन मन ही विद्रोह की निर्मिती करता है.. अक्सर पीड़ा का मौन टूटने के बाद.. मगर क्रांति... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 4 169 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️रूह के एहसास... मैं गहरा दर्द हूँ आँखों में भरकर भी आप मुझे गिरा सकते हो मैं चोटिल लफ्ज़ हूँ जुबाँ से बोलकर भी आप मुझे महसूस करा सकते हो गर लफ्ज़ अश्क़... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 4 295 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️हृदय को थोड़ा कठोर बनाकर शिकायते हारे मन की सबब होती है हमदर्दी नर्म भावनाओ की वजह होती है मायूसी कमजोर जेहन की शिकार होती है हृदय को थोड़ा कठोर बनाकर भी जिंदगी बसर होती... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 4 222 Share 'अशांत' शेखर 14 Oct 2022 · 1 min read ✍️और शिद्दते बढ़ गयी है... कुछ मुद्दते गुजर गयी है पहचानी राहों से मिले हुये..! और शिद्दते बढ़ गयी है अंजान मंझिलो से मिलने की..! …………………………………// ✍️'अशांत' शेखर 14/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 2 320 Share 'अशांत' शेखर 14 Oct 2022 · 1 min read ✍️यहाँ सब अदम है... चाँद सूरज को कहाँ मालूम है उनके नाम वैसे तो आकाश के कही सितारे है बेनाम धर्म मज़हब ये इँसा की ज़ेहनी खुरापात.. यहाँ अदम खुदा भगवान यूँही है बदनाम... Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 2 211 Share 'अशांत' शेखर 10 Oct 2022 · 1 min read ✍️कुछ चेहरे.. कितने परतों के नक़ाब में ढके होते है कुछ दगाबाज चेहरे शक़्ल पे तो सादगी मगर भीतर छुपे होते है कुछ राज गहरे ………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 10/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 4 4 300 Share 'अशांत' शेखर 10 Oct 2022 · 1 min read ✍️कुछ रिश्ते... मिट्टी के कच्चे घडे की तरह होते है कुछ रिश्ते.. अंदर मीठा पानी भरो फिर भी नीचे से टपकते.. ………………………………………………………………………// ✍️'अशांत' शेखर 10/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · कोटेशन 3 2 232 Share 'अशांत' शेखर 8 Oct 2022 · 1 min read ✍️हम जिस्म के सूखे एहसासो से बंझर है रोज कही ना कही उठती होगी आवाजें हमें तो शोरशराबे की आदत सी पड़ गयी है...! रोज कही ना कही उठता होगा धुँवा हम तो अंगारों में झुलसते ही रहते... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 9 196 Share 'अशांत' शेखर 7 Oct 2022 · 1 min read ✍️तजुर्बों से अधूरे रह जाते गर किताबो में सारी बाते पढ़ लेते तो.. इस जिंदगी से फिर क्या सिख लेते हम सुबह को बेचकर शाम कैसे ख़रीदना..? इन तजुर्बों से यूँही अधूरे रह जाते हम... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 6 176 Share 'अशांत' शेखर 7 Oct 2022 · 1 min read ✍️इतिहास के पन्नो पर... उन्ही की होती है इतिहास के पन्नो पर कहानियाँ जिन की वतन पे बेख़ौफ मर मिटती है जवानियाँ …………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 07/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 2 190 Share 'अशांत' शेखर 7 Oct 2022 · 1 min read ✍️दरबदर भटकते रहा.. जिस राह को मैं तलाश रहा था उसने मुझे मुड़ने का इशारा किया.. और उन्ही रास्तों को ढूंढते हुए वो मुसाफिर दरबदर भटकते रहा.. ……………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 04/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 2 165 Share 'अशांत' शेखर 7 Oct 2022 · 1 min read ✍️वो सब अपने थे... अब मैं भी थक गया हूँ मेरे पीठ में खंजरों के घांव गिनकर हाँ सब तो उन्हीं के थे जिन्हें बैठा था मैं अपना समझकर …………………………………………..…// ©✍️'अशांत' शेखर 07/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 2 440 Share 'अशांत' शेखर 5 Oct 2022 · 1 min read ✍️'रामराज्य' प्रतिवर्ष मेरा दहन करने से भी आप अपने भीतर की बुराई को अब तक जला नहीं पा रहे हो ये आपकी हार,नाकामी या फिर कमजोरी मानो आप अपने ही आप... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 2 177 Share 'अशांत' शेखर 2 Oct 2022 · 1 min read ✍️कुदरत और फ़ितरत गिरगिट को रंग बदलने का हुनर तो क़ुदरत से मिला मगर यहाँ हर वक़्त रंग इंसान के फ़ितरत ने बदला …………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 02/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 5 301 Share 'अशांत' शेखर 2 Oct 2022 · 1 min read ✍️हर इँसा समता का हकदार है राजा महाराजाओ के वो रजवाड़े रियासतो की वसीयतें कहाँ अब बरक़रार है भीम के संविधान का ये कमाल है इस बुद्धभूमि में हर इँसा समता का हकदार है ………………………………………………………………………// ©✍️'अशांत'... Hindi · Ashantlekhani 3 186 Share 'अशांत' शेखर 2 Oct 2022 · 1 min read ✍️सिर्फ गांधी का गांधी होना पर्याप्त नहीं था... सिर्फ गांधी का गांधी बनना ही पर्याप्त नहीं होता है… उनके महात्मा होने के सफर का पड़ाव कभी समाप्त नही होता है… एक जिंदा गांधी कभी कभी मर सकते है... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 2 139 Share 'अशांत' शेखर 1 Oct 2022 · 1 min read ✍️सूरज से रोशन है जहाँ दिन की रोशनी में चाँद की हैसियत ही क्या ? अँधेरे में तो सूरज के ही उजालो पे वो इतराता है हम हर खूबसूरत मुखड़े को यूँही चाँद कहते है... Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 2 218 Share 'अशांत' शेखर 30 Sep 2022 · 1 min read ✍️जिगर को सी लिया...! मुश्किलो ने ही सारी उम्र को जी लिया बाकी खुशियों को अश्कों ने पी लिया ज़िस्म के पुर्जो को मरम्मत चाहिए थी हमने एहसासो से जिगर को सी लिया ……………………………………………………//... Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 2 173 Share 'अशांत' शेखर 29 Sep 2022 · 1 min read ✍️अरमानों की ख्वाईश उजालो का सूरज ढल जाने से क्या होता है बस वो एक रात ही तो तन्हा खामोश होती है नींद का एक ख़्वाब टूट जाने से क्या होता है आँखों... Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 4 173 Share 'अशांत' शेखर 29 Sep 2022 · 1 min read ✍️शहीदों को नमन आपने महज़ चरखो पे महीन धागे कताये... उन्होंने धागों से रस्सी के फंदे बनाये... बाकी के आधे सच,आधे झूठ इतिहास ने बताये... ………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 29/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 185 Share 'अशांत' शेखर 29 Sep 2022 · 1 min read ✍️नये सभ्यता के प्रयोगशील मानसिकता का विकास हां मेरी जाती का नाम सुनते ही उनके कदम ठहर जाते थे ठाकुर मोहल्ले के चौराहे पर आधे कोस की दुरी से वो मेरे बस्ती का जायजा कर लेते थे... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 2 237 Share 'अशांत' शेखर 28 Sep 2022 · 1 min read ✍️मसला तो ख़्वाब का है एक आसान सी जिंदगी जीने के बेहद सरल रास्ते होते है जिंदगी के सारे खतरे तो ख़्वाब जीने के लिए उठाने होते है ……………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 28/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · कोटेशन 1 2 253 Share 'अशांत' शेखर 28 Sep 2022 · 1 min read ✍️अस्तित्वाच्या पाऊलखुणा पावलांना कधी कुठे उसंत असते... ते शोधत फिरतात आपल्याच अस्तित्वाच्या पाऊलखुणा चुकलेल्या भूतकाळातल्या... पुन्हा पुन्हा भविष्याच्या वाटचालीत दिशाभूल करणारा तोच तो भूतकाळ येऊ नये म्हणून... मात्र वर्तमान निरंतर सांगड घालत... Marathi · Ashantlekhani · मुक्तक 297 Share 'अशांत' शेखर 27 Sep 2022 · 1 min read ✍️मानव का वर्तन मानव का वर्तन अथाह सागर सा प्रतीत हो… ना ज्वार के चढ़ाव का अहम हो… ना भाटा के उतार की शरम हो… …………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 27/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · कोटेशन 1 2 163 Share 'अशांत' शेखर 27 Sep 2022 · 1 min read ✍️संस्कारो से सादगी तक अल्फाज़ो की सोच समझ आपके तालीम और संस्कारो की एक बेहतरीन मिसाल होती है आवाजो के इस शोरशराबो में सिर्फ ख़ामोशी और सादगी इंसानियत के लिये बेमिसाल होती है …………………………………//... Hindi · Ashantlekhani · कोटेशन 2 5 166 Share 'अशांत' शेखर 26 Sep 2022 · 1 min read ✍️एक सुबह और एक शाम रोज एक सुबह शाम के इंतजार में दम तोड़ देती है रोज एक शाम सुबह के वादों की कसम तोड़ देती है …………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 26/09/2022 Hindi · Ashantlekhani 3 6 154 Share 'अशांत' शेखर 26 Sep 2022 · 1 min read ✍️कल और आज कल के इंतजार में शायद ये वक़्त गुजर जायेगा आज की शुरुवात में शायद ये लम्हा सँवर जायेगा ………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 26/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · कोटेशन 4 6 302 Share 'अशांत' शेखर 25 Sep 2022 · 1 min read ✍️कमाल था... मेरा ऊंचाई को छूना भी तो बड़ा ही कमाल था..! आसमाँ का ख़्वाब किसका यहाँ मुक्कमल था..? …………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 25/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 5 370 Share 'अशांत' शेखर 25 Sep 2022 · 1 min read ✍️ मिलाप... आखिर जानेवालों पर ये कैसा है विलाप उम्र का तो मौत के साथ गहरा है मिलाप ………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 25/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 4 129 Share 'अशांत' शेखर 24 Sep 2022 · 1 min read ✍️काही आठवणी स्मरतांना मनाला चेटुक करणाऱ्या हव्याहव्याशा काळजाच्या गाभार्यात घर करणाऱ्या गावातल्या कथा असतात वर्दळीच्या रस्त्यात भान हरपणाऱ्या जीवाच्या आकांताने धावणाऱ्या शहराच्या व्यथा असतात गांव कसं कुडकुडत असतं आणि शहर थरथरत असतं मात्र... Marathi · Ashantlekhani · कविता 1 142 Share 'अशांत' शेखर 24 Sep 2022 · 1 min read ✍️आहट मेरी ख़ामोशी ही वजह है इन सन्नाटो की जुबाँ खुलेगी तो आहट होगी तूफानों की ………………………………………………………// ©✍️'अशांत'शेखर 24/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 6 156 Share 'अशांत' शेखर 24 Sep 2022 · 1 min read ✍️रंग बदलती जिंदगी मुझे यहाँ का हर मौसम पतझड़ सा ही मिला याद नहीं मैं किस मौसम में बहारो सा खिला न जाड़ो से ना कभी धुप से कोई शिकवा रहा रंग बदलती... Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 5 629 Share 'अशांत' शेखर 23 Sep 2022 · 1 min read ✍️बस हम मजदुर है हम अच्छे बुरे वक़्त के सब यहाँ गुलाम है हर किरदारो के साँचे में ढलने पर मजबूर है ठेकेदार सी ये जिंदगी उसे कौन मना करे..! उम्र के बोझ को... Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 2 186 Share 'अशांत' शेखर 23 Sep 2022 · 1 min read ✍️सफलता के लिए... सफलता के लिए जितने की जिद.. हार के डर से बड़ी होनी चाहिये उस जिद के साथ कोशिशे हजार मगर उम्मीद एक खड़ी होनी चाहिये …………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 23/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 4 8 283 Share 'अशांत' शेखर 23 Sep 2022 · 1 min read ✍️आस टूट जाती है जो चाहो वो पाओ ऐसा यहाँ होता नहीं... पाने की चाह में अक्सर उम्र कट जाती है नींद कितने भी सुनहरे ख़्वाब दिखा लें... सुबह जागते ही उसकी आस टूट... Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 6 225 Share 'अशांत' शेखर 23 Sep 2022 · 1 min read ✍️सुलगता जलजला ख़ामोशी भी इक सुलगता जलजला होती है ऊँची आवाजो को दबा दे ऐसी बला होती है ………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 23/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 6 157 Share 'अशांत' शेखर 21 Sep 2022 · 1 min read ✍️राजू ये कैसी अदाकारी..? हम चाहते है हर लम्हा दुनियां अपने अदाओं से सदा हंसते रहे मगर जिंदगी के पर्दे पे दुनिया को अलविदा कहने का एक सीन सबको निभाना ही पड़ता है तुम्हारी... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 4 149 Share 'अशांत' शेखर 21 Sep 2022 · 1 min read ✍️कुछ तो वजह हो... कोई तो एक मुस्कुराहट की वजह पास हो.. अर्सा हो गया अपने हँसते चेहरे से मिले हुए कोई तो तन्हा जिंदगी का हमसफ़र साथ हो.. मुद्दते गुजरी है भीड़ के... Hindi · Ashantlekhani · शेर 4 6 297 Share 'अशांत' शेखर 20 Sep 2022 · 1 min read ✍️बुद्ध का उदय दुःखो की चरमसीमा पर अक्सर वे लोग हार जाते है जिनके संयम जवाब दे जाते है इसके बाद ही तो सुखमय परम आनंद के सफर की शुरुवात होती है मात्र... Hindi · Ashantlekhani · कोटेशन 2 4 243 Share 'अशांत' शेखर 19 Sep 2022 · 1 min read ✍️अहंकार हजारो हार के बाद मिलनेवाली एक जित दुनिया पर भारी पड़ जाती है हजारो जित के बाद मिलनेवाली एक हार अहंकार पर भारी पड़ जाती है ………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 19/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 4 6 194 Share 'अशांत' शेखर 19 Sep 2022 · 1 min read ✍️ये इंकलाबी मुट्ठियां मैं इरादों पर अटल हूँ तुम कोशिश जारी रखना मजबूत है बुनियाद हथौड़े की मार भारी रखना हुकूमत के ताज जिनके सर उन्हें गुमान है चढ़ा अवाम के उंगलि पे... Hindi · Ashantlekhani · ग़ज़ल 2 7 167 Share 'अशांत' शेखर 18 Sep 2022 · 1 min read ✍️मेरी वो कमी छुपा लेना रूह में कुछ बाकी रही मेरी वो कमी छुपा लेना थोड़ी आँखों में अश्क़ की है तेरे नमी छुपा लेना मैंने तराशी है तूझ में वो खूबी मेंरा वो हुनर... Hindi · Ashantlekhani · ग़ज़ल 3 10 187 Share 'अशांत' शेखर 17 Sep 2022 · 1 min read ✍️चीते की रफ़्तार जहाँपनाह क्या अब विकास भी चीते की रफ़्तार सा होगा अभी तक आपने महंगाई के रफ्तार की चिता जलाई नहीं …………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 17/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 4 6 135 Share 'अशांत' शेखर 17 Sep 2022 · 1 min read ✍️मैले है किरदार उनके खुद के किरदार पे मैल चढ़ा है वो मेरे शख़्सियत पर धूल उड़ा रहे है ……………………………………………………// ©✍️'अशांत'शेखर 17/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 5 6 186 Share 'अशांत' शेखर 17 Sep 2022 · 1 min read ✍️हम बाहर हो गये हर किसी को भीतर थोडी जगह देते रहे और हम अपने ही आप से बाहर हो गये ……………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 17/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 7 131 Share 'अशांत' शेखर 16 Sep 2022 · 1 min read ✍️हम हादसों का शिकार थे धूप में किसी की छाँव थे कभी बेमौसम बहार थे वक़्त के हालातों में उलझी हुई हाथ की लकीर थे किसी की जरूरत थे तो किसी के लिए बेकार थे... Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 6 277 Share 'अशांत' शेखर 16 Sep 2022 · 1 min read ✍️जुबाँ और कलम ना रख तू यूँही अपने दिल में वहम.. के मेरा जेहन मेरे रूह का आधार नही ये मेरी जुबाँ और कलम इतनी तेज है के जितनी किसी शमशीर में धार... Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 4 174 Share Previous Page 2 Next