Posts Tag: वाचिक स्त्रग्विणी छंद 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid surenderpal vaidya 5 Nov 2025 · 1 min read एक से दूसरा मुक्तक ~~~~ एक से दूसरा दीप मिलकर जले। हाथ थामे पथिक नित्य पथ पर चले। रात अपनी स्वयं जगमगा दीजिए। स्नेह के भाव जब हैं हृदय में पले। ~~~~~~~~~~~~~~~~~ -सुरेन्द्रपाल... Hindi · Quote Writer · मुक्तक · वाचिक स्त्रग्विणी छंद 2 2 45 Share surenderpal vaidya 25 Oct 2025 · 1 min read प्रीति मुक्तक ~~~~~~~~~~~~~ प्रीति करना बहुत है कठिन मान लो। कौन चलता पकड़ हाथ सब जान लो। साथ हर हाल में है निभाना हमें। अब नहीं पग हटाना यही ठान लो।... Hindi · Quote Writer · प्रीति · मुक्तक · वाचिक स्त्रग्विणी छंद 1 1 41 Share surenderpal vaidya 17 Oct 2025 · 1 min read चमचागिरी गीतिका ~~~~ खूब चमचागिरी कीजिए बेझिझक। डूबिए गर्त में रात दिन कंठ तक। रात को दिन कहो और दिन को निशा। थूक कर चाटते भी रहो बेहिचक। बेच दो शर्म... Hindi · गीतिका · चमचागिरी · वाचिक स्त्रग्विणी छंद 1 1 81 Share surenderpal vaidya 3 Oct 2025 · 1 min read साथ चलते नहीं मुक्तक ~~~~~~~~~~~ हैं बहुत लोग जो साथ चलते नहीं। और उत्साह के शब्द कहते नहीं। इसलिए बढ़ चलें हम अकेले यहां। हैं सफल जो कहीं व्यर्थ रुकते नहीं। ~~~~~~~~~~~~~ -सुरेन्द्रपाल... Hindi · मुक्तक · वाचिक स्त्रग्विणी छंद 2 1 47 Share surenderpal vaidya 28 Sep 2025 · 1 min read चलें साथ हम मुक्तक ~~~~~~ हाथ में हाथ लेकर चलें साथ हम। चाल भी हो बराबर न ज्यादा न कम। बात मन की कहें आमने-सामने। शेष रहने न देना कहीं भी भरम। ~~~~... Hindi · Quote Writer · मुक्तक · वाचिक स्त्रग्विणी छंद 1 1 66 Share surenderpal vaidya 19 Sep 2025 · 1 min read हर हृदय में गीतिका ~~~~ हर हृदय में सुलगती अगन चाहिए। विश्व में अग्रणी निज वतन चाहिए। लोभ लालच तजें और आगे बढ़ें, पूर्ण करना हमें हर वचन चाहिए। उड़ सकें सब परिंदे... Hindi · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी छंद 82 Share surenderpal vaidya 1 Sep 2025 · 1 min read मुक्तक मुक्तक ~~~~ दूरियां हैं बहुत अब घटा दीजिए। चाहतें कब हुई कम बता दीजिए। आवरण व्यर्थ है भ्रम सघन बीच में। धुंध को अब स्वयं ही हटा दीजिए। ~~~~ -सुरेन्द्रपाल... Hindi · Quote Writer · मुक्तक · वाचिक स्त्रग्विणी छंद 1 1 49 Share surenderpal vaidya 12 Apr 2025 · 1 min read एक पल भी गीतिका ~~~~ एक पल भी नहीं था भुलाया हमें। साथ चलना बहुत रास आया हमें। मंजिलें दूर थी पास आती रही। हर कदम साथ तुमने बढ़ाया हमें। जब थकन थी... Hindi · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी छंद 2 1 113 Share surenderpal vaidya 16 Feb 2025 · 1 min read फासले कम करो गीतिका ~~~~ फासले कम करो पास आओ अभी। स्नेह का गीत प्रिय गुनगुनाओ अभी। भूल कर बात कल की निराशाजनक। दो कदम साहसी बन बढ़ाओ अभी। यह तमस भी स्वयं... Hindi · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी छंद 1 1 99 Share surenderpal vaidya 7 Jan 2025 · 1 min read व्यर्थ में गीतिका ~~~~ व्यर्थ में ही नहीं रूठ जाया करो। और कुछ बात मन की सुनाया करो। जब कभी चाह मन में मिलन की जगे। शीघ्र अपने कदम तुम बढ़ाया करो।... Hindi · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी छंद 1 1 148 Share Page 1 Next