Posts Tag: लघु उपन्यास 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kanchan Khanna 15 Mar 2024 · 2 min read सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६) जंगल की तरफ जाता हुआ यह रास्ता सुनसान या असुरक्षित बिल्कुल नहीं था। यह शहर की सड़क की भांति ही एक चलता हुआ रास्ता था, जहाँ पर कारों व टैक्सियों... Hindi · लघु उपन्यास 124 Share Kanchan Khanna 4 Mar 2024 · 3 min read सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ११) शाम को एक बार फिर हम घूमने निकले। मौसम अभी भी बहुत खुशगवार था। बहुत ठंडी हवा चल रही थी। कभी-कभी अचानक गिरती कोई बूँद और आसमान में भटकते बादल... Hindi · लघु उपन्यास 130 Share Kanchan Khanna 4 Mar 2024 · 2 min read सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १०) पहाड़ अपनी व्यथा कहता चला जा रहा था और मैं मगन उसे सुन रही थी। साथ ही समझने का प्रयास भी कर रही थी कि नींद में अचानक बादलों के... Hindi · लघु उपन्यास 119 Share Kanchan Khanna 4 Mar 2024 · 3 min read सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९) यह सब सोचते हुए मैं स्वयं को नींद की आगोश में जाता महसूस कर रही थी। साथ ही सोच रही थी कि पहाड़ क्या सचमुच बदल गये हैं। यदि हाँ,... Hindi · लघु उपन्यास 170 Share Kanchan Khanna 5 Feb 2024 · 2 min read सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ८) परमार्थ निकेतन से गंगा घाट की ओर आते हुए हम बाजार होते हुए घाट पर पहुँच गये। अब तक गंगा आरती का समय हो गया था। हम भी आरती में... Hindi · लघु उपन्यास 208 Share Kanchan Khanna 5 Feb 2024 · 2 min read सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ७) वापसी में हम एक बार पुनः जानकी सेतु की ओर पहुँच गये। यहाँ से हम आश्रम की तरफ वापस लौट सकते थे। लेकिन अभी हमारे पास घूमने व अन्य स्थान... Hindi · लघु उपन्यास 149 Share Kanchan Khanna 15 Jan 2024 · 2 min read सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५) त्रिवेणी घाट के विषय में सोचते हुए ही मैं शायद सो जाती कि अमित ने मुझे पुकार लिया। वह मुझसे शाम के कार्यक्रम के विषय में पूछ रहा था कि... Hindi · लघु उपन्यास 152 Share Kanchan Khanna 13 Jan 2024 · 2 min read सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ४) अगले दिन सुबह तैयार होकर चाय-नाश्ता लेकर हम तीनों ने जैसा कि रात में तय किया था, हम ऋषिकेश के प्रसिद्ध स्थल त्रिवेणी घाट की ओर निकल गये। त्रिवेणी घाट... Hindi · लघु उपन्यास 409 Share Kanchan Khanna 12 Jan 2024 · 2 min read सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ३) आकृति भी मानो मेरे हृदय में उठे प्रश्न को जान गयी, तुरन्त ही उसने कहना आरम्भ किया कि क्या तुम नहीं पहचान सकीं मुझे ? मैं वही हूँ जिससे मिलने... Hindi · लघु उपन्यास 329 Share Kanchan Khanna 23 Dec 2023 · 2 min read सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २) आश्रम के रिसेप्शन काउंटर पर पहुँचकर हमने पहले से बुक कराये गये अपने रूम की चाबी प्राप्त की, अपनी आई डी एवं सिक्योरिटी जमा करायी और आश्रम में हमें दिये... Hindi · लघु उपन्यास 284 Share Kanchan Khanna 22 Dec 2023 · 3 min read सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १) और फिर एक बार हम निकल पड़े। आखिर कब तक व्यक्ति मन को बाँध सकता है? मन तो चचंल व हठी है। एक बार जो ठान ले, बस किसी साधू... Hindi · लघु उपन्यास 301 Share