Tag: मुक्तक
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*मजा मिलता कहॉं अन्यत्र, जो मेलों में मिलता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*अगर है मेल अच्छा तो, लड़ाई भी जरूरी है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
हर क्षण मुस्कुराता है (मुक्तक)
Ravi Prakash
देखो गर्म पारा है 【मुक्तक】
Ravi Prakash
कभी झुकना भी पड़ता है (मुक्तक)
Ravi Prakash
असल में वीर होते हैं (मुक्तक)
Ravi Prakash
रामपुर (मुक्तक)
Ravi Prakash
दिन कहना नहीं सीखो (मुक्तक)
Ravi Prakash
छोड़ो मांसाहार (मुक्तक)
Ravi Prakash
हवा को दोष क्या देना (मुक्तक)
Ravi Prakash
घर का खाना क्या कहना (मुक्तक)
Ravi Prakash
इंद्र घबराने लगे (मुक्तक)
Ravi Prakash
बुढ़ापे में जवानी हो 【मुक्तक】
Ravi Prakash
दबाए मुँह में तंबाकू(मुक्तक)
Ravi Prakash
भले मशहूर हो जाना 【मुक्तक】
Ravi Prakash
जेब नोटों से भरी ( मुक्तक )
Ravi Prakash
*पाकिस्तान में रह गए हिंदुओं की पीड़ा( तीन* *मुक्तक* )
Ravi Prakash
√√तीन मुक्तक : बचपन,जवानी,बुढापा
Ravi Prakash
*एक ज्यों परिवार हो 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
योगी जी की झोली में(मुक्तक)
Ravi Prakash
अपने पैर से ही चाल आती है 【मुक्तक】
Ravi Prakash
सही सलामत पैर हैं 【मुक्तक】
Ravi Prakash
*सभी को चाँद है प्यारा ( मुक्तक)*
Ravi Prakash
*खुशी कुछ खास मत करना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
ले सामान कम निकलो(मुक्तक)
Ravi Prakash
*मलाला (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*न जिंदा हैं न मुर्दा हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*हम आम जन (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*कश्मीर हमारा है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*स्वच्छ देश अभियान(मुक्तक)*
Ravi Prakash
*धनिक का कोई निर्धन आज रिश्तेदार शायद है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*नमन बच्चों को जो पढ़कर गरीबी में दिखाते हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*आर्य समाज (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*उजड़ जाता है वह उपवन जहॉं माली नहीं होता (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*दहल जाती धरा है जब, प्रबल भूकंप आते हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*प्यार होता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*समय है एक अनुशासन, जिसे सूरज निभाता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*कभी नेताजी इस दल में, कभी नेताजी उस दल में (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*तुच्छ कार्यों पर नहीं अड़िए (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*असल में वीर होते हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*परिस्थितियॉं हमेशा ही, नया कुछ मोड़ लेती हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*सबसे प्रेम कर अनुकूल कर लेना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*विभीषण हो भले कोई, उसे इज्जत नहीं मिलती (मुक्तक)*
Ravi Prakash
दो मुक्तक : 30 दिसंबर 1943
Ravi Prakash
*माता-पिता (दोहा मुक्तक)*
Ravi Prakash
*पुरस्कार का पात्र वही, जिसका संघर्ष नवल हो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*प्रबल सबसे बड़ा जीवन में, सब का भाग्य होता है 【 मुक्तक 】*
Ravi Prakash
*तुम्हारे हाथ में है कर्म,फलदाता विधाता है【मुक्तक】*
Ravi Prakash
*रहेगा सर्वदा जीवन, सभी को एक यह भ्रम है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*जितनी बार पढ़ोगे पुस्तक, नया अर्थ मिलता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash