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29 Nov 2022 · 1 min read

*विभीषण हो भले कोई, उसे इज्जत नहीं मिलती (मुक्तक)*

विभीषण हो भले कोई, उसे इज्जत नहीं मिलती (मुक्तक)
_________________________
जो सीढ़ी छोड़ देते हैं, उन्हें फिर छत नहीं मिलती
अलग परिवार से होकर, कभी हिम्मत नहीं मिलती
गुजारा है जहॉं बचपन, उसे मत छोड़ना हरगिज
विभीषण हो भले कोई, उसे इज्जत नहीं मिलती
—————————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
1 Like · 84 Views
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