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18 Feb 2022 · 1 min read

*पाकिस्तान में रह गए हिंदुओं की पीड़ा( तीन* *मुक्तक* )

पाकिस्तान में रह गए हिंदुओं की पीड़ा( तीन मुक्तक )
————————————————
(1)
आपका सुन फैसला हम घुट के जैसे मर गए
देश बाँटा फिर हमें नापाक घोषित कर गए
एक झटके में लटक हम जैसे बीच अधर गए
हिंद ने पूछा कभी क्या हाल बंधु किधर गए
(2)
नागरिकता हिंद की देते बुलाते हिंद में
पाक के कब्जे से जा लाते छुड़ाते हिंद में
फिर नई सरगम नई धुन हम सजाते हिंद में
लाहौर को हम छोड़ अपना घर बसाते हिंद में
(3)
लखपती थे बेघरों की भाँति धारा में बहे
आसरा कुछ को मिला किस्से रहे कुछ अनकहे
यह निवेदन है हृदय से देश भारतवर्ष से
नागरिकता हिंद की थी, हिंद वाली ही रहे
———————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451

Language: Hindi
1 Like · 164 Views
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