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Tag: नायक जी के मुक्तक
45 posts
कवि
कवि
Pt. Brajesh Kumar Nayak
छिपी हो जिसमें सजग संवेदना।
छिपी हो जिसमें सजग संवेदना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
प्रदूषण-जमघट।
प्रदूषण-जमघट।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
स्वाधीनता के घाम से।
स्वाधीनता के घाम से।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जागी जवानी
जागी जवानी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
शुभ धाम हूॅं।
शुभ धाम हूॅं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
खींचो यश की लम्बी रेख।
खींचो यश की लम्बी रेख।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
अमर काव्य
अमर काव्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
विभेद दें।
विभेद दें।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना।
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
दिव्य बोध।
दिव्य बोध।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
प्रेम जीवन धन गया।
प्रेम जीवन धन गया।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
सदा बढ़ता है,वह 'नायक' अमल बन ताज ठुकराता।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मुस्की दे प्रेमानुकरण कर लेता हूॅं।
मुस्की दे प्रेमानुकरण कर लेता हूॅं।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
कहाॅं तुम पौन हो।
कहाॅं तुम पौन हो।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ज्ञानमय
ज्ञानमय
Pt. Brajesh Kumar Nayak
सुबुधि -ज्ञान हीर कर
सुबुधि -ज्ञान हीर कर
Pt. Brajesh Kumar Nayak
फूल
फूल
Pt. Brajesh Kumar Nayak
कर्म -पथ से ना डिगे वह आर्य है।
कर्म -पथ से ना डिगे वह आर्य है।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
प्रकाश एवं तिमिर
प्रकाश एवं तिमिर
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ज्ञान -दीपक
ज्ञान -दीपक
Pt. Brajesh Kumar Nayak
माॅं
माॅं
Pt. Brajesh Kumar Nayak
हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा।
हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
उल्लास
उल्लास
Pt. Brajesh Kumar Nayak
दुखों का भार
दुखों का भार
Pt. Brajesh Kumar Nayak
आह
आह
Pt. Brajesh Kumar Nayak
व्यंग्य आपको सिखलाएगा
व्यंग्य आपको सिखलाएगा
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जो विष को पीना जाने
जो विष को पीना जाने
Pt. Brajesh Kumar Nayak
हिंदी
हिंदी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
कलम लिख दे।
कलम लिख दे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
तरुण
तरुण
Pt. Brajesh Kumar Nayak
🚩पिता
🚩पिता
Pt. Brajesh Kumar Nayak
वक्त अब कलुआ के घर का ठौर है
वक्त अब कलुआ के घर का ठौर है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
सद्ज्ञानमय प्रकाश फैलाना हमारी शान है।
सद्ज्ञानमय प्रकाश फैलाना हमारी शान है।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
इसी से सद्आत्मिक -आनंदमय आकर्ष हूँ
इसी से सद्आत्मिक -आनंदमय आकर्ष हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
शुभ गगन-सम शांतिरूपी अंश हिंदुस्तान का
शुभ गगन-सम शांतिरूपी अंश हिंदुस्तान का
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
जल रहे अज्ञान बनकर, कहेें मैं शुभ सीख हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जगत कंटक बिच भी अपनी वाह है |
जगत कंटक बिच भी अपनी वाह है |
Pt. Brajesh Kumar Nayak
इसलिए कठिनाईयों का खल मुझे न छल रहा।
इसलिए कठिनाईयों का खल मुझे न छल रहा।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
Pt. Brajesh Kumar Nayak
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
Pt. Brajesh Kumar Nayak
वह फूल हूँ
वह फूल हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जीवनी स्थूल है/सूखा फूल है
जीवनी स्थूल है/सूखा फूल है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
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