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Tag: ग़ज़ल/गीतिका
781 posts
*सच कहने में सौ-सौ घाटे, नहीं हाथ कुछ आता है (हिंदी गजल)*
*सच कहने में सौ-सौ घाटे, नहीं हाथ कुछ आता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*जीतेंगे इस बार चार सौ पार हमारे मोदी जी (हिंदी गजल)*
*जीतेंगे इस बार चार सौ पार हमारे मोदी जी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*वही एक सब पर मोबाइल, सबको समय बताता है (हिंदी गजल)*
*वही एक सब पर मोबाइल, सबको समय बताता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*दिन गए चिट्ठियों के जमाने गए (हिंदी गजल)*
*दिन गए चिट्ठियों के जमाने गए (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*बहुत सुंदर इमारत है, मगर हमको न भाती है (हिंदी गजल)*
*बहुत सुंदर इमारत है, मगर हमको न भाती है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*ऊपर से जो दीख रहा है, कब उसमें सच्चाई है (हिंदी गजल)*
*ऊपर से जो दीख रहा है, कब उसमें सच्चाई है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*भारत माता की महिमा को, जी-भर गाते मोदी जी (हिंदी गजल)*
*भारत माता की महिमा को, जी-भर गाते मोदी जी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
*रोग से ज्यादा दवा, अब कर रही नुकसान है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*जिंदगी से हर किसी को, ही असीमित प्यार है (हिंदी गजल)*
*जिंदगी से हर किसी को, ही असीमित प्यार है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*बात सही है खाली हाथों, दुनिया से सब जाऍंगे (हिंदी गजल)*
*बात सही है खाली हाथों, दुनिया से सब जाऍंगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*मंत्री जी भी कभी किसी दिन, ई-रिक्शा पर बैठें तो (हिंदी गजल-
*मंत्री जी भी कभी किसी दिन, ई-रिक्शा पर बैठें तो (हिंदी गजल-
Ravi Prakash
*नौकरपेशा लोग रिटायर, होकर मस्ती करते हैं (हिंदी गजल)*
*नौकरपेशा लोग रिटायर, होकर मस्ती करते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*मोलभाव से बाजारूपन, रिश्तों में भी आया है (हिंदी गजल)*
*मोलभाव से बाजारूपन, रिश्तों में भी आया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*आज छपा जो समाचार वह, कल बासी हो जाता है (हिंदी गजल)*
*आज छपा जो समाचार वह, कल बासी हो जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*घर की चौखट को लॉंघेगी, नारी दफ्तर जाएगी (हिंदी गजल)*
*घर की चौखट को लॉंघेगी, नारी दफ्तर जाएगी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*सीधे-साधे लोगों का अब, कठिन गुजारा लगता है (हिंदी गजल)*
*सीधे-साधे लोगों का अब, कठिन गुजारा लगता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*अपना-अपना दृष्टिकोण ही, न्यायाधीश सुनाएगा (हिंदी गजल)*
*अपना-अपना दृष्टिकोण ही, न्यायाधीश सुनाएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*साबुन से धोकर यद्यपि तुम, मुखड़े को चमकाओगे (हिंदी गजल)*
*साबुन से धोकर यद्यपि तुम, मुखड़े को चमकाओगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*अखबारों में झूठ और सच, सबको सौ-सौ बार मिला (हिंदी गजल)*
*अखबारों में झूठ और सच, सबको सौ-सौ बार मिला (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*नशा करोगे राम-नाम का, भवसागर तर जाओगे (हिंदी गजल)*
*नशा करोगे राम-नाम का, भवसागर तर जाओगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*पुरखों की संपत्ति बेचकर, कब तक जश्न मनाओगे (हिंदी गजल)*
*पुरखों की संपत्ति बेचकर, कब तक जश्न मनाओगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*बस यह समझो बॅंधा कमर पर, सबके टाइम-बम है (हिंदी गजल)*
*बस यह समझो बॅंधा कमर पर, सबके टाइम-बम है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*सरिता में दिख रही भॅंवर है, फॅंसी हुई ज्यों नैया है (हिंदी
*सरिता में दिख रही भॅंवर है, फॅंसी हुई ज्यों नैया है (हिंदी
Ravi Prakash
*वर्तमान पल भर में ही, गुजरा अतीत बन जाता है (हिंदी गजल)*
*वर्तमान पल भर में ही, गुजरा अतीत बन जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*जग में होता मान उसी का, पैसा जिसके पास है (हिंदी गजल)*
*जग में होता मान उसी का, पैसा जिसके पास है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*सदियों से सुख-दुख के मौसम, इस धरती पर आते हैं (हिंदी गजल)*
*सदियों से सुख-दुख के मौसम, इस धरती पर आते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*जीवन के संघर्षों में कुछ, पाया है कुछ खोया है (हिंदी गजल)*
*जीवन के संघर्षों में कुछ, पाया है कुछ खोया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*राम हिंद की गौरव गरिमा, चिर वैभव के गान हैं (हिंदी गजल)*
*राम हिंद की गौरव गरिमा, चिर वैभव के गान हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*रामलला त्रेता में जन्में, पूर्ण ब्रह्म अवतार हैं (हिंदी गजल
*रामलला त्रेता में जन्में, पूर्ण ब्रह्म अवतार हैं (हिंदी गजल
Ravi Prakash
*सदियों बाद पधारे हैं प्रभु, जन्मभूमि हर्षाई है (हिंदी गजल)*
*सदियों बाद पधारे हैं प्रभु, जन्मभूमि हर्षाई है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*सत्पथ पर सबको चलने की, दिशा बतातीं अम्मा जी🍃🍃🍃 (श्रीमती उषा
*सत्पथ पर सबको चलने की, दिशा बतातीं अम्मा जी🍃🍃🍃 (श्रीमती उषा
Ravi Prakash
*धन्य अयोध्या जहॉं पधारे, पुरुषोत्तम भगवान हैं (हिंदी गजल)*
*धन्य अयोध्या जहॉं पधारे, पुरुषोत्तम भगवान हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*सुबह हुई तो सबसे पहले, पढ़ते हम अखबार हैं (हिंदी गजल)*
*सुबह हुई तो सबसे पहले, पढ़ते हम अखबार हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*गैरों से तो संबंध जुड़ा, अपनों से पर टूट गया (हिंदी गजल)*
*गैरों से तो संबंध जुड़ा, अपनों से पर टूट गया (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*बीमारी जो आई है, यह थोड़े दिन की बातें हैं (हिंदी गजल)*
*बीमारी जो आई है, यह थोड़े दिन की बातें हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*राम-नाम को भज प्यारे यह, जग से पार लगाएगा (हिंदी गजल)*
*राम-नाम को भज प्यारे यह, जग से पार लगाएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*अयोध्या धाम पावन प्रिय, जगत में श्रेष्ठ न्यारा है (हिंदी गज
*अयोध्या धाम पावन प्रिय, जगत में श्रेष्ठ न्यारा है (हिंदी गज
Ravi Prakash
*झूठी शान चौगुनी जग को, दिखलाते हैं शादी में (हिंदी गजल/व्यं
*झूठी शान चौगुनी जग को, दिखलाते हैं शादी में (हिंदी गजल/व्यं
Ravi Prakash
*सभी कर्मों का अच्छा फल, नजर फौरन नहीं आता (हिंदी गजल)*
*सभी कर्मों का अच्छा फल, नजर फौरन नहीं आता (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*खुशी मनाती आज अयोध्या, रामलला के आने की (हिंदी गजल)*
*खुशी मनाती आज अयोध्या, रामलला के आने की (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*किसी से भीख लेने से, कहीं अच्छा है मर जाना (हिंदी गजल)*
*किसी से भीख लेने से, कहीं अच्छा है मर जाना (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*जहॉं पर हारना तय था, वहॉं हम जीत जाते हैं (हिंदी गजल)*
*जहॉं पर हारना तय था, वहॉं हम जीत जाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*कितनी बार कैलेंडर बदले, साल नए आए हैं (हिंदी गजल)*
*कितनी बार कैलेंडर बदले, साल नए आए हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*नगर अयोध्या ने अपना फिर, वैभव शुचि साकार कर लिया(हिंदी गजल)
*नगर अयोध्या ने अपना फिर, वैभव शुचि साकार कर लिया(हिंदी गजल)
Ravi Prakash
*घूम रहे जो रिश्वत लेकर, अपना काम कराने को (हिंदी गजल)*
*घूम रहे जो रिश्वत लेकर, अपना काम कराने को (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*साथ तुम्हारा मिला प्रिये तो, रामायण का पाठ कर लिया (हिंदी ग
*साथ तुम्हारा मिला प्रिये तो, रामायण का पाठ कर लिया (हिंदी ग
Ravi Prakash
*हजारों हादसों से रोज, जो हमको बचाता है (हिंदी गजल)*
*हजारों हादसों से रोज, जो हमको बचाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*आदमी यह सोचता है, मैं अमर हूॅं मैं अजर (हिंदी गजल)*
*आदमी यह सोचता है, मैं अमर हूॅं मैं अजर (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*बहती हुई नदी का पानी, क्षण-भर कब रुक पाया है (हिंदी गजल)*
*बहती हुई नदी का पानी, क्षण-भर कब रुक पाया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
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