Posts Tag: कुण्डलिया 2k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read खत लो फिर किसी की बात किसी तक पहुंच गई यूं लगा कि किसी की आरजू पूरी हो गई | वो तो गुदगुदा गए मन ही मन अनंत कि उनकी निगाह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 2 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read रात नहीं कहता कोई किसी से हर बात नही कहता अपने दिल के हर जज़्बात नहीं कहता | कभी कुछ तो कभी कुछ छुपाता है दिन तो कहता है मगर रात नहीं कहता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 2 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read रुख बदल गया अधखिली सी धूप को स्याह अंधेरा बदल गया सूरज निकलते निकलते अपना रुख बदल गया | बड़ी आस थी कि धूप निकल आएगी दुख की छांव को अलविदा कह जायेगी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · गीत · गीतिका 3 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read मेरी सूरत हो तुम इस कदर मेरे ख्यालों में हो मेरे दिन और मेरी रातों में हो कि जैसे तुम इक नदिया हो मेरे पल पल में तुम बहती हो तुम इस कदर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · गीत · गीतिका 4 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read माँ ठिठुरती ठंड में निठुरती अंध में चूल्हे पर तवे चिमटे हाथ सिमटे... आग की लपटों से बचती, रोटियां सेंकती माँ | बरतनों का ढेर देर सबेर बच्चो का शोर क्रोध... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 5 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read इंतजार एक इंतजार अजीब सा है ये इकरार अजीब सा है मुझे मेरे मन को एतबार अजीब सा है इंतजार कि खुशी चली आएगी गमों की धूप ये ढली चली आएगी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 9 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read प्यार एक मीठा अहसास है प्यार एक मीठा अहसास है जीवन की प्यास है कृष्ण की बंसी है प्यार राधा की आस है | प्यार एक मीठा अहसास है जीवन की आस हैं | मन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 10 Share भरत कुमार सोलंकी 27 May 2024 · 1 min read वसियत जली जमाने की रफ्तार में, हमारी चाल धीमी जरुर हुई राहगीरों पर छाप छोड़, वो यू सीधी गुरुर हुई ।। गुरुर की आजमाईश पर, मेरे अपने यु शिकार हुए कुछ को... Hindi · कुण्डलिया 5 Share भरत कुमार सोलंकी 27 May 2024 · 1 min read वासियत जली थी जमाने की रफ्तार में, हमारी चाल धीमी जरुर हुई राहगीरों पर छाप छोड़, वो यू सीधी गुरुर हुई ।। गुरुर की आजमाईश पर, मेरे अपने यु शिकार हुए कुछ को... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 5 Share भरत कुमार सोलंकी 27 May 2024 · 1 min read जिंदगी को बोझ मान जिन्दगी ने हमें निकम्मा बना दिया अन्धेरी चाहत ने हमें शम्मा बना दिया बोझ जिन्दगी का उठाये फिर रहा हूँ प्रतीक्षा की अंगार पर खुद को रख आज राख बना... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 5 Share भरत कुमार सोलंकी 27 May 2024 · 1 min read यही विश्वास रिश्तो की चिंगम है " रिश्तो को संगम " भाव का दाव रख आंखो से आंखों को मिलाकर अपनी भाव विभोर की छाव रख वो स्वप्न नयनी आयी नजरों को झुकाकर यही भावनाएँ, बनी... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 8 Share surenderpal vaidya 27 May 2024 · 1 min read तम्बाकू को अलविदा कुण्डलिया ~~ तम्बाकू को अलविदा, कह दो करो न देर। खुला निमंत्रण रोग को, है यह देर सवेर। है यह देर सवेर, मुक्त हो इससे जीवन। तब आए आनंद, खिले... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 11 Share भरत कुमार सोलंकी 26 May 2024 · 2 min read दिनकर शांत हो दिनकर तुम शांत हो आज तेरी बेशर्मी की हद हो गयी तपन की आंच भी सरहद हो गयी सुहाना समझते थे हम तुमे रावण बन मर्यादा तोडी मंद हो गयी... Hindi · कुण्डलिया · शेर 10 Share Sumangal Singh Sikarwar 25 May 2024 · 1 min read आइना हूं कभी लवों को तो कभी मुस्कुराहट बयान करता हूं, कभी जुल्फों को तो कभी नैन नक्श बयां करता हूं| कभी हंस देता हूं उनकी हंसी को देखकर कभी उनके खूबसूरत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · हिंदी कविता 1 13 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 24 May 2024 · 1 min read पत्रकारिता सामाजिक दर्पण दर्पण सामाजिक कहें,लिखते सच है बात | पत्रकार का काम यह,रोचक हो शह- मात | रोचक हो शह -मात,उचित अभिव्यक्ति करेंगे| पीड़ित सँग मजदूर, पत्र आवाज बनेंगे | चाटुकार जो... Hindi · कुण्डलिया 12 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 24 May 2024 · 1 min read रक्तदान पर कुंडलिया थोड़ा थोड़ा खून लें, करते कुछ कानून.| क्या मिर्चा धनिया समझ,लें लें सबका खून लें लें सबका खून,चाहकर खून न देते | व्यवसायिक जो लोग,जरुरी धन ले लेते. रक्त बेचते... Hindi · कुण्डलिया 17 Share surenderpal vaidya 23 May 2024 · 1 min read हस्त मुद्राएं कुण्डलिया ~~ हस्त मुद्राएं नृत्य में, रखती बहुत महत्व। बिन इनके मन भाव का, पूर्ण नहीं प्राकट्य। पूर्ण नहीं प्राकट्य, बहुत हैं घटक कला के। सबका हो समावेश, हृदय का... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 1 11 Share surenderpal vaidya 23 May 2024 · 1 min read नयनजल कुण्डलिया ~~ कभी नयनजल बह रहा, लेकर मन की बात। कभी विरह की वेदना, लेकर सारी रात। लेकर सारी रात, अश्रु जब छलका करते। होता समय व्यतीत, दृगों को मलते... Poetry Writing Challenge-3 · आंसू · कुण्डलिया 1 10 Share surenderpal vaidya 22 May 2024 · 1 min read विरह की वेदना कुण्डलिया ~~ कभी नयनजल बह रहा, लेकर मन की बात। कभी विरह की वेदना, लेकर सारी रात। लेकर सारी रात, अश्रु जब छलका करते। होता समय व्यतीत, दृगों को मलते... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 15 Share Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya) 21 May 2024 · 1 min read नशा त्याग दो बीड़ी बंडल पुडिया सिगरेट, छोड़ो मेरे भाई. रहो निरोगी बीमारी से, न घर में होये लड़ाई.. सुरा सुंदरी मदिरा लोभ, दरिद्रता के द्वार. भूखे नंगे लड़का घूमत, ऐसे जीवन को... Hindi · कविता · कहानी · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा 18 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 May 2024 · 1 min read जनता जनता से जो मांगते, वोट नोट का प्यार | प्यारी जनता कर रही, जी भर कर दुत्कार | जी भर कर दुत्कार, वोट की खातिर रोते | जाति जाति में... Hindi · कुण्डलिया 1 24 Share भरत कुमार सोलंकी 19 May 2024 · 1 min read मन के सवालों का जवाब नही " मन के सवाल का जवाब नहीं विचारशील मै बैठकर कागज कलम की तन्हाई पर कुछ सवाल उभरे हैं। एकान्त की पराकाष्ठा पर इस मन की गहराई के सवाल का... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 12 Share Neeraj Mishra " नीर " 18 May 2024 · 1 min read खुद को इतना .. सजाय हुआ है विरह गीत श्याम सुंदर मेरे.. मैंने तेरे लिए खुद को इतना .. सजाय हुआ है ये काजल ,ये चूड़ी , ये गजरा मैने मैहदी लगाया हुआ है .. श्याम सुंदर... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया · गीत · विरह गीत · विरह वेदना 1 14 Share Neeraj Mishra " नीर " 18 May 2024 · 1 min read लाल दशरथ के है आने वाले ओ री सखी , जरा आँगन बुहारों आँगन बुहारो , चलो दुगरा बुहारो लाल दशरथ के है आने वाले द्वार दीपों से तुम सजा लो .... है खुशी की घड़ी... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया · गीत 1 20 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read कभी ख़ुद को गले से तो लगाया जा नहीं सकता कभी ख़ुद को गले से तो लगाया जा नहीं सकता लिखा हो जो मुक़द्दर में मिटाया जा नहीं सकता जिसे तुम राज़ देते हो वही नुक़्सान भी देगा यहाँ हर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 19 Share Neeraj Mishra " नीर " 16 May 2024 · 1 min read महाकाल महिमा कल कल बहती गंग धारा , जिन जटओं से कंठ नीला पड़ गया हो , जहर की धाराओं से सर्प ले रहा हो अंगड़ैया , जिस शिरोधरा पर तांडव कर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका 1 16 Share D.N. Jha 16 May 2024 · 1 min read कृषक बरसे सावन झूम के,कृषक दिखे खुशहाल। बिन पानी के खेत सब,हो जाता बदहाल । हो जाता बदहाल, खेत जब सूखा रहता। बारिश हो अति जोर,फसल पानी में बहता। बादल गरजे... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 48 Share सत्य कुमार प्रेमी 16 May 2024 · 1 min read राग द्वेश से दूर हों तन - मन रहे विशुद्ध। कुण्डलिया छंद राग द्वेश से दूर हों तन - मन रहे विशुद्ध। जप - तप संयम ज्ञान दो शान्ति दूत हे बुद्ध। शान्ति दूत हे बुद्ध शान्ति की खोज करूं... Hindi · कुण्डलिया 16 Share D.N. Jha 16 May 2024 · 1 min read बरसात पहले जैसे अब कहाॅं, होती है बरसात। जोर -जोर से भी कभी,होती थी दिन रात। होती थी दिन -रात,चाल छप्पर से टपटप। बादल गरजे जोर,हवा चलती थी सपसप। जल्दी लगती... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 13 Share Nitesh Shah 14 May 2024 · 1 min read कोरोना कोरोना ने खोली आँखें, जगा दी प्रेम की आशा, सलामी देते है उनको, जिन्होंने की बड़ी सेवा, डॉक्टर हो या नर्से हो, करू शत शत नमन उनको, बचा की रूह... Hindi · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका 18 Share D.N. Jha 14 May 2024 · 1 min read अभिराम मंदिर प्यारा बन गया, दुनियाॅं में अभिराम। रहे बहुत बनवास में ,आए हैं निज धाम। आए हैं निज धाम,मनुज के भाग खुलेंगे। रघुवर से अब आस,सभी को दरस मिलेंगे। पहुॅंच... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 1 50 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read मातृभाषा हिंदी हिंदी है सबकी पहचान, हिंदी से है देश महान, पढ़ते हम गीता कुरान, हिंदी में है पूरा ज्ञान, हिंदी का सब करो सम्मान, हिंदी भाषाओं में प्रधान, है तीसरा इसका... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 17 Share मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read कुंडलिया छंद रोटी की खातिर किया, भूखा कृत्य हजार।। तृषित उदर कब देखता, भरा स्वर्ण भंडार।। भरा स्वर्ण भंडार, भूख के सम्मुख बौना। भूखा है यह पेट, नहीं यह खेल-खिलौना। बदले मनुज... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 20 Share भरत कुमार सोलंकी 12 May 2024 · 2 min read पास तो आना- तो बहाना था" •. पास तो आना- तो बहाना था" मन की बन तू शायरी मन से लिखता हूँ डायरी खास बनकर खामोश मन के पास तेरा तो आना-जाना था। कलम मेरी खुश... Hindi · कुण्डलिया 1 1 18 Share Mangilal 713 11 May 2024 · 1 min read मां की महत्ता मुंह से निकली बच्चे के पहली पुकार है “मां” आदि और अंत संसार का होती है “मां” आगे जिसके पूरी दुनिया छोटी लगती वो है “मां” आगे जिसके रिश्ते सारे... Hindi · कविता · कुण्डलिया · कोटेशन · ग़ज़ल · बाल कविता 8 27 Share surenderpal vaidya 7 May 2024 · 1 min read नेता कुण्डलिया ~~ मुखिया जी का चल रहा, बढ़िया कारोबार। नेता बनकर घूमते, सबके बन सरदार। सबके बन सरदार, सभी पर धौंस जमाते। लड़ते कभी चुनाव, भाग्य स्वयं आजमाते। कहते वैद्य... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया · राजनीति 27 Share surenderpal vaidya 2 May 2024 · 1 min read नेता जी * कुण्डलिया * ~~ नेता जी को प्रिय सदा, अपना इच्छापत्र। और प्रचारित हर जगह, यत्र तत्र सर्वत्र। यत्र तत्र सर्वत्र, हर जगह प्रथम सभी से। मैं मेरा परिवार, करेगा... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया · राजनीति 2 27 Share Bodhisatva kastooriya 1 May 2024 · 1 min read प्रकट भये दीन दयाला चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी को अयोध्या में इच्छवाकु वंश महाराज दशरथ की पत्नी कौशल्या ने सुत जायो! भगवान विष्णु ने लियो सप्तम अवतार,लंकापति , ब्राह्मण श्रेष्ठ की आसुरी प्रवृत्तियों... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 24 Share surenderpal vaidya 28 Apr 2024 · 1 min read * छलक रहा घट * ** कुण्डलिया ** ~~ छलक रहा घट प्रीति का, मन संवेदनशील। स्वार्थ भरी कोई वहां, चलती नहीं दलील। चलती नहीं दलील, प्यार होता है निश्छल। नहीं देखता वक्त, साथ देता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 2 41 Share surenderpal vaidya 24 Apr 2024 · 1 min read * बातें व्यर्थ की * ** कुण्डलिया ** ~~ आ जाओ अब पास में, क्यों रहते हो दूर। लेकर बातें व्यर्थ की, क्यों रहते हो चूर। क्यों रहते हो चूर, जिन्दगी जीकर देखो। और स्नेह... Hindi · ईर्ष्या द्वेश · कुण्डलिया 1 1 28 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 15 Apr 2024 · 1 min read माता रानी दर्श का माता रानी दर्श का,बनता जब संयोग। दिक्कत सारी खुद मिटे,मिटते सारे रोग। मिटते सारे रोग,अर्थ भी समुचित आए। उमड़े उर अनुराग,भक्ति का पथ ही भाए। कहता कविवर ओम,मातु हैं सब... Hindi · कुण्डलिया 1 33 Share shabina. Naaz 2 Apr 2024 · 1 min read उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब जिगर ज़िन्दा रखना चाहिये .......ShabinaZ Hindi · Quote Writer · कुण्डलिया 45 Share Bodhisatva kastooriya 1 Apr 2024 · 1 min read गणेश वंदना बल,बुद्धि,विवेक के तुम ही दाता! मंगलमुर्ति हो मंगल कार्य विधाता!! शिव-गौरा सुत, लम्बोदर सुखदाई, मात-पितृ प्रदक्शिणा तुम्है लुभाता!! किए पराजित कार्तिकेय विवेक से, प्रथम पूज्य पद तुम्है सदा दिलाता!! "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 1 36 Share Bodhisatva kastooriya 1 Apr 2024 · 1 min read संत रविदास! माघ मास की पूर्णिमा कहलावै है मधुमास! संत सुधीजन करते प्रयागराज मे कल्पवास!! मन,क्रम,वचन शुद्धि कौ जैतौ है अधिवास! बाद बसंत सूर्य देव की ऊर्जा हो जावै खास! बरसाने की... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया 1 36 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए कितनी भी उड़ाने भरो आसमान में लेकिन शाम होते ही धरती पर लौट आना... Hindi · कविता · कुण्डलिया · कोटेशन 1 49 Share RAMESH SHARMA 25 Mar 2024 · 1 min read गोरे गोरे गाल मैंने हाथों में लिया, ज्यों ही रंग गुलाल I याद तुम्हारे आ गये, गोरे गोरे गाल I गोरे गोरे गाल, तुम्हारे होठ गुलाबी I उलझे उलझे बाल, मटकते नैन शराबी... Hindi · कुण्डलिया 1 157 Share surenderpal vaidya 25 Mar 2024 · 1 min read * हो जाता ओझल * ** कुण्डलिया ** ~~ हो जाता ओझल कभी, बादल में है चांद। किंतु पुनः दिखता हमें, कुछ ही पल के बाद। कुछ ही पल के बाद, सत्य है शाश्वत रहता।... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया · सत्य 3 1 50 Share गुमनाम 'बाबा' 24 Mar 2024 · 1 min read कुंडलिया (मैल सब मिट जाते है) *कुंडलिया (मैल सब मिट जाते है)* मिट जाते हैं मैल सब, होता तन का मेल। लगता जैसे चल पड़ी, खुशियों वाली रेल।। खुशियों वाली रेल, भरे खुशियों से झोली। बढ़... Hindi · कुण्डलिया · हास्य 39 Share shabina. Naaz 23 Mar 2024 · 1 min read फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........ फिर एक पल भी ना लगा ये सोचने में........ वो जो अपने थे...... अब पराये है... ShabinaZ Hindi · Quote Writer · कुण्डलिया 53 Share surenderpal vaidya 21 Mar 2024 · 1 min read * रंग गुलाल अबीर * ** मुक्तक ** ~~ खूब हवा में उड़ चले, रंग गुलाल अबीर। होली मिलकर खेलते, सभी गरीब अमीर। सभी गरीब अमीर, पर्व यह समरसता का। आ जाता हर वर्ष, लिए... Hindi · कुण्डलिया · फागुन · होली 1 1 52 Share Page 1 Next