Posts Tag: कविता 57k posts List Grid Previous Page 2 Next Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read मन भारी है बाहर के शोर पर मेरे मन का शोर भारी है, इसको शांत करने की नही कोई तैयारी है। जमाने की हर आँच मन पर जमी हुई गहरी, उस आँच से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 5 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read प्रेम रोको,टोको,चाहे मन पर बाँध लगाओ चाहे मन को सीमाओं में बाँधे जाओ, जाने अनजाने ह्रदय में प्रस्फुटित, प्रेम रूपी बीज का मन में अंकुरण पाओ। कभी ताकत बन सारे मुश्किल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 5 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read इजाजत है तुझे भी इजाजत अपने सपनों को जीने का, खुशियों के चंद लम्हें में गम को अपने पीने का, अपनी भावनाओं को प्रकट करना चाहे तो कर, रिश्तों के उधड़ते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 5 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read इश्क अंजाम ए इश्क़ कहाँ कौन समझ पाया है, इश्क़ का नशा जिसके रूह में समाया है। ख़्वाबों ख्यालों में एक चेहरा होता अक्सर, जिसके लिए दिल में जज्बात गहराया है।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read कल्पना कल्पना के विस्तृत नभ में भागती फिरूँ मैं इधर उधर नही चाहती खो जाऊँ मैं अपने जीवन की हर सुहानी डगर। कल्पना की गहराई हो सदा ही, सागर से भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 7 Share Ruchika Rai 18 May 2024 · 1 min read जज्बात ये मेरे जज्बात मुझसे ही दगा कर जाते हैं, चाहती नही बयां हो फिर भी आँखों मे उतर आते हैं। न कोई सिलसिला न कोई वादा न कोई गिला, फिर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 8 Share Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD 18 May 2024 · 1 min read "UG की महिमा" उठि कै तड़के भोर से, रहे प्याज खुदवाय। मस्त मगन मन झूमि कै, खुरपी रहे चलाय।। धीरे-धीरे करि जतन, साबुत प्याज निराय। खोदि बाल्टी भरि लिहे, लेहु तनिक सुस्ताय।। प्रेम... Hindi · कविता 3 5 7 Share Shyam Sundar Subramanian 18 May 2024 · 1 min read खुली किताब एहसास के पन्नों पर लिखी हुई एक खुली किताब हूँ, गुज़री हक़ीक़त का सिलसिलेवार हिसाब हूँ , यादों की धूल भी कुछ लगी हुई है, साज़िशों से कुछ पन्ने भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 11 Share उमा झा 18 May 2024 · 1 min read उठो भवानी उठो भवानी शंखनाद कर, चंडमुंड फिर आया है। रणभूमि में असंख्य रक्तबीज ने, फिर जग में उपलाया है। तुझे है समझा अबला नारी, कोमल तन मन की एक बेचारी। शिशुपालन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 11 Share उमा झा 18 May 2024 · 1 min read मनुज न होता तो ऐसा होता मनुज न होता तो ऐसा होता, न उड़ान मेरे सपनों में होता, पर्वत- निर्झर- सागर- तरुवर, उड़ता- फिरता इधर- उधर फुर्र, प्रात कलरव की देता सौगात, ले मलय पर्वत से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 10 Share Kanchan Gupta 18 May 2024 · 17 min read आँख भर जाये जब यूँ ही तो मुस्कुराया कर आँख भर जाये जब यूँ ही तो मुस्कुराया कर मनाना छोड़ कर क़िस्मत से रूठ जया कर सुरमयी शाम कभी काली घटायें बन कर ऐ तमन्ना तू मेरे द्वार पर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 1 8 Share नवीन जोशी 'नवल' 18 May 2024 · 1 min read भारत के सैनिक मैं भारत का सैनिक हूँ, भारत माँ मुझको प्यारी है। अडिग खड़ा हूँ सीमा पर दुश्मन को मार भगाऊंगा, अंतिम क्षण तक भारत माँ मैं तेरे ही गुण गाऊंगा। देश... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 9 Share सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life) 18 May 2024 · 1 min read आज की हकीकत सच को दबाकर झूठ को उछाला जा रहा है, ये वो दौर है जब रावण को भी राम बनाया जा रहा है, एक चेहरे के नीचे दस चहरों को छिपा... Hindi · कविता 1 20 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read वृक्षारोपण ज्यों ज्यों होता रहेगा *वृक्षारोपण* त्यों त्यों शुद्ध होता रहेगा पर्यावरण प्रदूषण द्विजारेय (CO2) का होगा अवशोषण स्वस्थ रहेगा *ओम्* जन-जन का तन मन ओमप्रकाश भारती ओम् बालाघाट मध्यप्रदेश Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 10 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read बचपन बनाम पचपन किस्सा सुनिए बचपन का और साथ ही पचपन का खेलो खाओ बचपन में बेफिक्री है बचपन में बच्चों सा है पचपन में अच्छों सा है पचपन में माता-पिता का लाड़... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 7 Share Suman (Aditi Angel 🧚🏻) 18 May 2024 · 1 min read मैं सफ़ेद रंग हूं मैं सफ़ेद रंग हूं, निर्मलता का प्रतीक हूं, शुद्धता और शांति का संदेशक हूं, कपास की मलमल हूं, धर्म की नींव हूं, वैराग्य का प्रतीक हूं, पवित्रता और त्याग की... Poetry Writing Challenge-3 · SilentEyes · कविता · रंग 2 8 Share Suman (Aditi Angel 🧚🏻) 18 May 2024 · 1 min read मिट्टी में मिल जाना है क्यों है घमंड तुझको इस काया का जिसे मिट्टी में मिल जाना है, ये दौलत, ये शोहरत, ये रिश्ते नाते सब एक दिन छूटकर यहीं रह जाना है। - सुमन... Poetry Writing Challenge-3 · SilentEyes · कविता 2 8 Share Suman (Aditi Angel 🧚🏻) 18 May 2024 · 1 min read शायरी दुख-दर्द से घिरी जिंदगी में भी खुशियां पास चली आएंगी बस एक आस जगा लो दिल में, और मुस्कुराहट सजा लो चेहरे पे। Poetry Writing Challenge-3 · SilentEyes · कविता 2 9 Share Bodhisatva kastooriya 18 May 2024 · 1 min read गांव अबकी गर्मी गँ|व बिताई! कूलर-फ्रिज़ की याद न आई!! दिनचर्या कुछ ऐसी भाई, जीवन मे छाई अरुणाई !! अबकी गर्मी गँ|व बिताई! कोयल की जब दी कूक सुनाई, तज खटिया,मस्तक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 6 Share Bodhisatva kastooriya 18 May 2024 · 1 min read गांव अबकी गर्मी गँ|व बिताई! कूलर-फ्रिज़ की याद न आई!! दिनचर्या कुछ ऐसी भाई, जीवन मे छाई अरुणाई !! अबकी गर्मी गँ|व बिताई! कोयल की जब दी कूक सुनाई, तज खटिया,मस्तक... Hindi · कविता 9 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 18 May 2024 · 1 min read किसी का साथ देना सीखो किसी का साथ देना सीखो, धोखा तो आजकल सब देते हैं!! बुरा वक्त कभी बताकर नहीं आता, अच्छे वक्त में साथ तो सब देते हैं!! बेवजह किसी होठों की हसीं... Hindi · कविता 9 Share Pratibha Pandey 18 May 2024 · 1 min read आप ही बदल गए #दिनांक:-18/5/2024 #शीर्षक:-आप ही बदल गए। हम अपने जंजालो में और फंसते चले गए, उन्हे लगा यारों, हम बदल गए । करके नजदीकी, ये दूर तलक भरम गए, कुण्ठा के मस्तक... Hindi · कविता 6 Share Surinder blackpen 18 May 2024 · 1 min read घड़ी का इंतजार है बेसब्री से उस घड़ी का इंतजार है। जब तुम कहोगे, हां तुमसे प्यार है। राह तकते तकते थक जाते हैं नैना तेरी दीद के बिना,आये न चैना। क्यों गंवा रहे... Hindi · कविता 5 Share Juhi Grover 18 May 2024 · 1 min read ज़िन्दगी के निशां यहाँ ज़िन्दगी की धड़कनें थम सी गई हैं, चलो, दूसरे घर नहीं, तीसरे घर चलते हैं, कहीं तो ज़िन्दगी में साँसें मौजूद हीहोंगी, कि कहीं तो ज़िन्दादिली ही वजूदमें होगी।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहर · ख़्वाहिशें · ज़िन्दगी · ज़िन्दादिली 1 6 Share Juhi Grover 18 May 2024 · 1 min read ध्वनि प्रतिध्वनि वहाँ ध्वनि प्रतिध्वनि की गूँज, कण कण में विराजमान थी। गूँज रहा था लहरों का संगीत, और प्रतिध्वनि में थी मधुरता। चाहतों का बहता था समन्दर, और प्रतिध्वनि में थी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ध्वनि · प्रतिध्वनि · विराजमान · विह्वलता 1 6 Share ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी 18 May 2024 · 1 min read वासना है तुम्हारी नजर ही में तो मैं क्या क्या ढकूं, वासना है तुम्हारी नजर ही में तो मैं क्या क्या ढकूं, तू ही बता क्या करूं के चैन की जिंदगी जी सकूं।। साडी पहनती हूं तो तुझे मेरी कमर दिखती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 9 Share Neeraj Mishra " नीर " 18 May 2024 · 1 min read मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ बचपन की शरारते जवानी में खोए होश खोए होश के सफर की कहानी लिखना चाहता हूँ मैं सब कुछ लिखना चाहता हूँ दिखावे दोस्त दोस्ती स्वरथ की प्यार बर्बादी का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मुक्तक 8 Share Naman kumar Jaswal 18 May 2024 · 1 min read वो दिन वो दिन वो भी क्या ज़िंदगी थी छोटी सी उम्र थी ना कोई समझ थी हस्ते ही रहते थे अपनी मस्ती में ही रहते थे फिर एक दिन अम्मी ने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read नूतन वर्ष अभिनंदन नूतन वर्ष तुम्हारा सादर वंदन है अभिनंदन है मलयागिरि की मंद सुगंध बयार शीतल चंदन है मन का राग द्वेष छल छद्म वेश अभिमान त्याग नव उमंग उत्साह *ओम्* प्रकृति... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 5 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read होली बुरा ना मानो होली है यह हमरे दिल की बोली है लेकर आई होली , जब वसंत के रंग क्यों न खेलें हम सभी , प्रकृति के संग छोड़ें रासायनिक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 6 Share ओमप्रकाश भारती *ओम्* 18 May 2024 · 1 min read कविता कविता भी होती सरल जैसे जल होता तरल पढ़ मन न होता विह्वल दिल करे पढ़ने हर पल मिलन हो जाता सरल गर कविता न होती सरल *ओम्* कैसे पाते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 6 Share महेश चन्द्र त्रिपाठी 18 May 2024 · 1 min read प्रेम परस्पर करें हम सभी प्रेम परस्पर करें हम सभी, खींचें नहीं किसी की टाॅंग। आज समय की यही जरूरत, और यही है युग की माॅंग।। प्रेमाश्रयी भक्ति से बढ़कर, भक्ति नहीं है कोई अन्य।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 8 Share नेताम आर सी 18 May 2024 · 1 min read ऐ .. ऐ .. ऐ कविता ऐ .. ऐ .. ऐ कविता, मुझे कवि बना के ही छोड़ोगी। वीर हास्य व्यंग श्रृंगार, करूणा के दिशा में ही मोड़ोगी। ऐ .. ऐ .. ऐ कविता . .... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 11 Share Kush Dogra 18 May 2024 · 1 min read सफ़र ज़िंदगी की बिसात में मात खाए, हमें एक सफ़ेद व लाल हक़िम के सताए l दिखा के अर्श का ख़्वाब, फर्श पे पटक दिए हम है अपने हाथों में छेद... Hindi · कविता 1 1 18 Share Juhi Grover 17 May 2024 · 1 min read लहर लहर चल पड़ी है, नक्कालों की, चापलूसों की और चालाकों की। नकल करना ही भाता है उन्हें, नया करना नहीं लुभाता उन्हें। काम करने की आदत छूट गई, हदों में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · चमत्कार · लहर · व्यवधान 8 Share Juhi Grover 17 May 2024 · 1 min read ज़िन्दगी में अब बचा क्या है? बर्बाद कर दिया खुद को काफ़िर बनकर, ज़िन्दगी में अब बचा क्या है? शाम के बाद रात तो होनी ही थी, इसमें अब शुभा क्या है? कोई भी राह हमें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · काफ़िर · ग़ज़ल · ज़िन्दगी · मंज़र 8 Share ABHA PANDEY 17 May 2024 · 1 min read *कवि की शक्ति* *कवि की शक्ति* लेखनी चलाकर, संसार हिला सकते हैं। शब्दों से भावों के, ज्वार उठा सकते हैं। मन की सरिता, जब निर्बाध बहाते हैं। हर शब्द को चिंगारी से मशाल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 8 Share Adha Deshwal 17 May 2024 · 1 min read देख इंसान कहाँ खड़ा है तू देख इंसान कहाँ खड़ा है तू, लोगों के मेले हैं, दर्द तूने कितने झेलें हैं, उन दर्दों की दवा है तू, देख इंसान कहाँ खड़ा है तू| ये दुनिया के... Poetry Writing Challenge-3 · Reality · Self Analysis And Realisation · कविता 3 13 Share Dr.sima 17 May 2024 · 1 min read मेरे भाव मेरे भगवन धनुष वाले हो रामा, बंशी वाले हरे कृष्णा। जरा सुधी लेना ,जरा सुधी लेना। धनुष वाले हो रामा ,बंशी वाले हरे कृष्णा। पिंजरे के पंछी को,बस तेरा ही ठिकाना। ये... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share Mukta Rashmi 17 May 2024 · 2 min read *जीवन के गान* जीवन के गान ___________________________________ मिट्टी का तन चंचल मन,क्षण भर का मेरा जीवन ! जीवन प्रबल ! जीवन सम्बल ! जीवन ही परम प्रार्थना ! अनमोल है! अतुल्य है !... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 8 Share Dr.sima 17 May 2024 · 1 min read खोते जा रहे हैं । हरेक पडाव पर उम्र खोते जा रहे हैं । मुकम्मल जिंदगी करने के लिए, अतिरिक्त पेशा ढोते जा रहे हैं। जरूरत के फेर में चैन को खोते जा हैं ।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 7 Share Anamika Tiwari 'annpurna ' 17 May 2024 · 1 min read बेरोजगारी की महामारी ## बेरोजगारी की महामारी## गीता में श्री कृष्ण ने कहा कर्म करो तो फल मिलता है, लेकिन अब ऐसा कहां होता कर्म के बाद जख्म मिलता है। नींदे त्यागी सुख... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 12 Share सत्य कुमार प्रेमी 17 May 2024 · 1 min read बारह ज्योतिर्लिंग कविता (बारह ज्योतिर्लिंग) विश्वनाथ जी यूपी में हैं तमिलनाडु में रामेश्वर। महाराष्ट्र में भीमाशंकर त्रयंबकेश्वर घृष्णेश्वर। सोमनाथ और नागेश्वर जी दोनों ही गुजरात बसे, एम पी की पावन धरती पर... Hindi · कविता 8 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 17 May 2024 · 1 min read प्यारी रात सुबह का जोगी गेरुआ वस्त्र पहने लेकर अनूठा इकतारा सूर्य अराधना मे रत। प्रचंड तेजस्वी तपती दुपहरी अपने तप के तेज से करती व्याकुल इंद्रासन। सौम्य साध्वी संध्या बिखेर कर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 12 Share PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य ) 17 May 2024 · 1 min read मानी बादल हरियाली खोई बहाव में, धूसर हो गई धरती की, प्यारी-प्यारी चूनर धानी। कितने बरसे बादल मानी? पानी में डूबे गाॅंव-गाॅंव , कहाॅं जले चूल्हे औ'अलाव? चारों तरफ पानी पानी। कितने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 9 Share Neeraj Mishra " नीर " 17 May 2024 · 1 min read श्याम के ही भरोसे न तेरा .... न मेरा , श्याम सबके है प्यारे श्याम के ही भरोसे , लगेंगे किनारे | श्याम भक्ति का रस, जिसने - जिसने पिया भव सागर से पार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत 9 Share नवीन जोशी 'नवल' 17 May 2024 · 1 min read राष्ट्रहित में मतदान करें संविधान से शक्ति लेकर, आओ अमृतपान करें, चलो सभी मतदान करें.......२.... ! महाशक्ति हो देश हमारा, उसी के हित में वोट करें, अपनी उंगली की ताकत से, देशद्रोह पर चोट... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 6 Share Amber Srivastava 17 May 2024 · 1 min read मेरे पिता का गांव। बहती नदी लहलहाते खेत, कहीं धूप कहीं छांव, पूर्वजों का दिया आशीर्वाद ये, है मेरे पिता का गांव, समय धारा में बह कर गांव से, शहर आ गई जीवन की... Hindi · कविता 10 Share Rajesh Kumar Kaurav 17 May 2024 · 1 min read भाव हमारे निर्मल कर दो मन मेरा भटक रहा है , फँसा है माया जाल में । पूजे मैने कई दिवाले , उलझा विधि विधान में । अब आ पहुंचा शरण तुम्हारी , माँ गायत्री... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 11 Share Mahesh Tiwari 'Ayan' 17 May 2024 · 1 min read खुद से ही खुद को छलते हैं वो हमसे मुहब्बत करते थे हम उनसे मुहब्बत करते हैं कभी हंसते हैं कभी रोते हैं कभी खुद से बातें करते हैं दर्द के सतरंगी मौसम में अश्कों के मोती... Hindi · कविता 16 Share Previous Page 2 Next