Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Tag: कविता
200 posts
Page 2
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
Manisha Manjari
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए।
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए।
Manisha Manjari
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।
Manisha Manjari
जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा।
जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा।
Manisha Manjari
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
Manisha Manjari
मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है, दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है
मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है, दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है
Manisha Manjari
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है।
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है।
Manisha Manjari
"मैं" के रंगों में रंगे होते हैं, आत्मा के ये परिधान।
Manisha Manjari
जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी।
जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी।
Manisha Manjari
ये आँधियाँ हालातों की, क्या इस बार जीत पायेगी ।
ये आँधियाँ हालातों की, क्या इस बार जीत पायेगी ।
Manisha Manjari
कुछ परछाईयाँ चेहरों से, ज़्यादा डरावनी होती हैं।
कुछ परछाईयाँ चेहरों से, ज़्यादा डरावनी होती हैं।
Manisha Manjari
क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां,
क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां,
Manisha Manjari
गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है।
गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है।
Manisha Manjari
तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है।
तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है।
Manisha Manjari
धाराओं में वक़्त की, वक़्त भी बहता जाएगा।
धाराओं में वक़्त की, वक़्त भी बहता जाएगा।
Manisha Manjari
अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है।
अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है।
Manisha Manjari
विडंबना इस युग की ऐसी, मानवता यहां लज्जित है।
विडंबना इस युग की ऐसी, मानवता यहां लज्जित है।
Manisha Manjari
आदतों में तेरी ढलते-ढलते, बिछड़न शोहबत से खुद की हो गयी।
आदतों में तेरी ढलते-ढलते, बिछड़न शोहबत से खुद की हो गयी।
Manisha Manjari
अब युद्ध भी मेरा, विजय भी मेरी, निर्बलताओं को जयघोष सुनाना था।
अब युद्ध भी मेरा, विजय भी मेरी, निर्बलताओं को जयघोष सुनाना था।
Manisha Manjari
तेरी वापसी के सवाल पर, ख़ामोशी भी खामोश हो जाती है।
तेरी वापसी के सवाल पर, ख़ामोशी भी खामोश हो जाती है।
Manisha Manjari
कोरी आँखों के ज़र्द एहसास, आकर्षण की धुरी बन जाते हैं।
कोरी आँखों के ज़र्द एहसास, आकर्षण की धुरी बन जाते हैं।
Manisha Manjari
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
Manisha Manjari
ये जो तेरे बिना भी, तुझसे इश्क़ करने की आदत है।
ये जो तेरे बिना भी, तुझसे इश्क़ करने की आदत है।
Manisha Manjari
जीवन और मृत्यु के मध्य, क्या उच्च ये सम्बन्ध है।
जीवन और मृत्यु के मध्य, क्या उच्च ये सम्बन्ध है।
Manisha Manjari
किसने कहा, ज़िन्दगी आंसुओं में हीं कट जायेगी।
किसने कहा, ज़िन्दगी आंसुओं में हीं कट जायेगी।
Manisha Manjari
वक़्त ने हीं दिखा दिए, वक़्त के वो सारे मिज़ाज।
वक़्त ने हीं दिखा दिए, वक़्त के वो सारे मिज़ाज।
Manisha Manjari
तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं।
तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं।
Manisha Manjari
ढलती हुई दीवार ।
ढलती हुई दीवार ।
Manisha Manjari
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
Manisha Manjari
ये आकांक्षाओं की श्रृंखला।
ये आकांक्षाओं की श्रृंखला।
Manisha Manjari
आज नए रंगों से तूने घर अपना सजाया है।
आज नए रंगों से तूने घर अपना सजाया है।
Manisha Manjari
दूरियां ये जन्मों की, क्षण में पलकें मिटातीं है।
दूरियां ये जन्मों की, क्षण में पलकें मिटातीं है।
Manisha Manjari
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
Manisha Manjari
इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
Manisha Manjari
अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है।
अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है।
Manisha Manjari
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
Manisha Manjari
क्या है उसके संवादों का सार?
क्या है उसके संवादों का सार?
Manisha Manjari
निहारने आसमां को चले थे, पर पत्थरों से हम जा टकराये।
निहारने आसमां को चले थे, पर पत्थरों से हम जा टकराये।
Manisha Manjari
आज कृत्रिम रिश्तों पर टिका, ये संसार है ।
आज कृत्रिम रिश्तों पर टिका, ये संसार है ।
Manisha Manjari
सिंदूरी इस भोर ने, किरदार नया फ़िर मिला दिया ।
सिंदूरी इस भोर ने, किरदार नया फ़िर मिला दिया ।
Manisha Manjari
मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं।
मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं।
Manisha Manjari
तो मेरे साथ चलो।
तो मेरे साथ चलो।
Manisha Manjari
कल्पनाओं की कलम उठे तो, कहानियां स्वयं को रचवातीं हैं।
कल्पनाओं की कलम उठे तो, कहानियां स्वयं को रचवातीं हैं।
Manisha Manjari
अंधेरों में अस्त हो, उजाले वो मेरे नाम कर गया।
अंधेरों में अस्त हो, उजाले वो मेरे नाम कर गया।
Manisha Manjari
वो लम्हें जो हर पल में, तुम्हें मुझसे चुराते हैं।
वो लम्हें जो हर पल में, तुम्हें मुझसे चुराते हैं।
Manisha Manjari
मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच।
मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच।
Manisha Manjari
सजदे में झुकते तो हैं सर आज भी, पर मन्नतें मांगीं नहीं जातीं।
सजदे में झुकते तो हैं सर आज भी, पर मन्नतें मांगीं नहीं जातीं।
Manisha Manjari
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
Manisha Manjari
निर्लज्ज चरित्र का स्वामी वो, सम्मान पर आँख उठा रहा।
निर्लज्ज चरित्र का स्वामी वो, सम्मान पर आँख उठा रहा।
Manisha Manjari
घर की चाहत ने, मुझको बेघर यूँ किया, की अब आवारगी से नाता मेरा कुछ ख़ास है।
घर की चाहत ने, मुझको बेघर यूँ किया, की अब आवारगी से नाता मेरा कुछ ख़ास है।
Manisha Manjari
Page 2
Loading...