Manisha Manjari Tag: कविता 200 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Manisha Manjari 19 Oct 2023 · 1 min read तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो। ठहरे क़दमों को भी राहें ढूंढ लेंगी, तुम आवाज तो दो, पत्थरों को भी धड़कनें नई मिलेंगी, तुम आवाज तो दो। सवेरों में सूरज की रौशनी खिलेगी, तुम आवाज तो... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 4 223 Share Manisha Manjari 12 Oct 2023 · 1 min read जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए। जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए। खामोशी में एक चीख़ उठा करती है, एहसासों में एक तीर चुभा करती है। मुद्दतों बाद... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 245 Share Manisha Manjari 7 Oct 2023 · 1 min read वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं। वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं। वो मुस्कुराहटें जो, मासूम सी आँखों में कभी बसती हैं, अब बूँदें... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 134 Share Manisha Manjari 3 Oct 2023 · 1 min read जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा। आवरण ये अंधकार का, प्रकाश का मूल्य बढ़ायेगा, रात्रि के पहर को लाँघ, वो सूर्य भोर बन छायेगा। आशाओं का खंडित होना, हृदय की पीड़ा जगायेगा, पर साहस की पतवार... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 196 Share Manisha Manjari 27 Sep 2023 · 1 min read हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं। इस क्षितिज का चाँद, जब भी अक्स से मेरे आ मिलता है, दर्द भरी आँखों में, सुकून का एक पल खिलता है। सहलाती हैं हवाएं, परछाइयों को मेरे कुछ इस... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 119 Share Manisha Manjari 14 Sep 2023 · 1 min read मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है, दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है, दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है। बातों की चाहतें जगती हैं,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 118 Share Manisha Manjari 22 Aug 2023 · 1 min read सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है। सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है, ठहरी यादों की कश्तियाँ, जब पानी पर लहराती हैं। साँसों में घुले बचपन को, आँखों के परदों पर सजाती है,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 123 Share Manisha Manjari 18 Aug 2023 · 1 min read "मैं" के रंगों में रंगे होते हैं, आत्मा के ये परिधान। जमीं हक़ीक़त की और ख़्वाबों सा ऊँचा ये आसमान, एक दूजे से टकराकर, जो होते हैं अक्सर परेशान। एक तरफ़ आंसुओं से गढ़ी जाती है, जीवन की हर दास्तान, तो... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 253 Share Manisha Manjari 12 Aug 2023 · 1 min read जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी। जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी, सपनों सी मुलाक़ातें, पलकों के परदों पर आने लगी। ग़ैरों की भीड़ में, आवाज़ें तेरी गुनगुनाने लगी, बेमक़सद सी मुस्कराहट, यूँ हीं... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 207 Share Manisha Manjari 11 Aug 2023 · 1 min read ये आँधियाँ हालातों की, क्या इस बार जीत पायेगी । ये आँधियाँ हालातों की, क्या इस बार जीत पायेगी, खुशियों के जो चुराए लम्हें, उन्हें छीन ले जायेगी। लहरों पर चलती ख़्वाहिशें, साहिलों से मिल पायेगी, या गहराईयां समंदर की,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 226 Share Manisha Manjari 10 Aug 2023 · 1 min read कुछ परछाईयाँ चेहरों से, ज़्यादा डरावनी होती हैं। कुछ परछाईयाँ चेहरों से, ज़्यादा डरावनी होती हैं, गहरी खाईयां मैदानों से, बचाती वहाँ दिखती हैं। शोर चुभता नहीं, रूह को छलनी किये देता है, खामोश दर्पण व्यक्तित्व को, शब्दों... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 339 Share Manisha Manjari 30 Jul 2023 · 1 min read क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां, क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां, कलकल करती मिलती हों, निःस्वार्थ प्रेम की नदियाँ वहाँ। ईर्ष्या की स्याह स्याही से, ना रंगा दिखता हो... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 193 Share Manisha Manjari 25 Jul 2023 · 1 min read गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है। गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है, दरवाजे पर टिकी ये नज़र, उम्मीदों के दीये जलाती है। छोड़ गया था ये कहकर, मेरी दुनिया तू... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 138 Share Manisha Manjari 24 Jul 2023 · 1 min read तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है। तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है, परतें धूल की हटाते हीं, तेरे अस्तित्व को ज़िंदा कर लाता है। उठते हैं तूफ़ान पुराने, और नए आशियानों... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 359 Share Manisha Manjari 24 Jul 2023 · 1 min read धाराओं में वक़्त की, वक़्त भी बहता जाएगा। धाराओं में वक़्त की, वक़्त भी बहता जाएगा, ये आज हीं बीता कल और, आने वाला कल कहलायेगा। जीवन की इस यात्रा में जो तू, नदी सी सौम्यता अपनाएगा, पत्थरों... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 233 Share Manisha Manjari 24 Jul 2023 · 1 min read अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है। अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है, रौशनी के घने धोखों से, इसी ने तो बचाया है। सूरज के उस ताप ने, जिस अस्तित्व को जलाया है, चाँद... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 220 Share Manisha Manjari 23 Jul 2023 · 1 min read विडंबना इस युग की ऐसी, मानवता यहां लज्जित है। विडंबना इस युग की ऐसी, मानवता यहां लज्जित है, अहंकार ने पग यूँ पसारे, की चेतना भी मूर्छित है। अभिमान का ताप गहन है, नैतिकता तो वर्जित है, निर्वस्त्र हो... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 102 Share Manisha Manjari 20 Jul 2023 · 1 min read आदतों में तेरी ढलते-ढलते, बिछड़न शोहबत से खुद की हो गयी। आदतों में तेरी ढलते-ढलते, बिछड़न शोहबत से खुद की हो गयी, बारिशों से भींगती रही आँखें मगर, जुदा मुक़द्दर के बादलों से हो गयी। कदम बढ़ते रहे रास्तों पर, और... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 4 2 140 Share Manisha Manjari 14 Jul 2023 · 1 min read अब युद्ध भी मेरा, विजय भी मेरी, निर्बलताओं को जयघोष सुनाना था। संघर्ष भरी उस यात्रा का, हर पड़ाव हीं अनजाना था, शोलों और काँटों पर, नंगे पगों को चलते जाना था। आरम्भ हुआ एक युद्ध, जिससे सम्मान का ताना-बाना था, मिथ्या... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 5 5 297 Share Manisha Manjari 14 Jul 2023 · 1 min read तेरी वापसी के सवाल पर, ख़ामोशी भी खामोश हो जाती है। आहटें तेरी यादों की, यूँ बेमक़सद सी चली आती हैं, की नींदें आँखों में, अब बस बेवफ़ाई हीं लिख पाती हैं। सुखे पत्तों की सिलवटों की, आवाज़ें जो कानों से... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 2 467 Share Manisha Manjari 7 Jul 2023 · 1 min read कोरी आँखों के ज़र्द एहसास, आकर्षण की धुरी बन जाते हैं। कोरी आँखों के ज़र्द एहसास, आकर्षण की धुरी बन जाते हैं, दर्द की असीमता को लांघने, दावे अनगिनत बिछ जाते हैं। सत्य के शांत तटों से हीं, असत्य के तूफ़ान... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 3 135 Share Manisha Manjari 20 Jun 2023 · 1 min read बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो । बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो, तपिश सूरज की यादों में आ, सहलाती है कैसे। अँधेरी रातों में स्तब्ध आसमां की चीख़ों को सुनो, टूटते तारे की जुदाईयाँ, उसे... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 2 166 Share Manisha Manjari 15 Jun 2023 · 1 min read ये जो तेरे बिना भी, तुझसे इश्क़ करने की आदत है। ये जो तेरे बिना भी मुझे, तुझसे इश्क़ करने की आदत है, मरुभूमि की तपिश को, बारिशों की राहत है। ये जो मेरे कानों में गूंजती, तेरी अनसुनी आहटों की... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · Manishamanjari · कविता · मनीषा मंजरी 3 4 177 Share Manisha Manjari 10 Jun 2023 · 1 min read जीवन और मृत्यु के मध्य, क्या उच्च ये सम्बन्ध है। जीवन और मृत्यु के मध्य, क्या उच्च ये सम्बन्ध है, आरम्भ से पूर्व हो चूका, अंत का प्रबंध है। उपवन से पतझड़ में भी, आती पुष्पों की सुगंध है, पर... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 142 Share Manisha Manjari 10 Jun 2023 · 1 min read किसने कहा, ज़िन्दगी आंसुओं में हीं कट जायेगी। किसने कहा, ज़िन्दगी आंसुओं में हीं कट जायेगी, खुशी की लहर, कभी तो मुस्कुराती हुई चली आएगी। बंजर ये धरती, कब तक दरारें हीं दिखाएगी, लहलहाती फ़सलें, कभी इसकी गोद... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 165 Share Manisha Manjari 10 Jun 2023 · 1 min read वक़्त ने हीं दिखा दिए, वक़्त के वो सारे मिज़ाज। वक़्त ने हीं दिखा दिए, वक़्त के वो सारे मिज़ाज, जब खामोशी में छिपाने पड़े, शब्दों के सारे वो राज। कभी भावनाओं में हीं हो जाती थी, जो बात, अब... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 150 Share Manisha Manjari 10 Jun 2023 · 1 min read तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं। तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं, उजालों में भटकी हूँ यूँ, की अंधेरों के साथ लौटी मैं। साग़र की गहराईओं में, अपनी कश्ती डुबो के लौटी मैं, आँधियों... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 130 Share Manisha Manjari 10 Jun 2023 · 1 min read ढलती हुई दीवार । ढलती हुई दीवार से पूछो, ज़िन्दगी का सही मतलब बताएगी, उसकी ईंटों की एक-एक दरार, जाने कितने किस्से सुनाएगी। बारिशों में भींगती थी, और धूप में जलती थी वो, पर... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 135 Share Manisha Manjari 10 Jun 2023 · 1 min read नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं। नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं, तेरे दिल के शहर को, मेरे सपनों का नगर बनाते हैं। आहटों को तेरी सुनूं तो, ये मेले तन्हाईओं... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 143 Share Manisha Manjari 10 Jun 2023 · 1 min read ये आकांक्षाओं की श्रृंखला। ये आकांक्षाओं की श्रृंखला, जीवन को भ्रम में उलझाती है, होठों की हंसीं चुराकर, आँखों में अश्रु भर जाती है। पथ की ओर अग्रसर पथिक, की राह को धुंधलाती है,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 99 Share Manisha Manjari 8 Jun 2023 · 1 min read आज नए रंगों से तूने घर अपना सजाया है। आज नए रंगों से तूने घर अपना सजाया है, निश्चितता का भाव, तेरे मुख पर छाया है। नयी खुशियों का घर में, गृह-प्रवेश कराया है, और भविष्य के सपनों का... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 237 Share Manisha Manjari 8 Jun 2023 · 1 min read दूरियां ये जन्मों की, क्षण में पलकें मिटातीं है। दूरियां ये जन्मों की, क्षण में पलकें मिटातीं है, आँखों को मूंदते हीं, साथ तुझे ले आतीं हैं। प्रेम बहता है अब भी रगों में, एहसास ये साँसें करातीं है,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 347 Share Manisha Manjari 7 Jun 2023 · 1 min read वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये। वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये, कलयुग की पराकाष्ठा तो देखो, चेहरों पर हैं चेहरों के साये, अहंकार का स्वर है ऊँचा, विवेक... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 341 Share Manisha Manjari 7 Jun 2023 · 1 min read इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है। इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है, उर्वर सी इस धरा को जो, बंजर करने चली आयी है। मेघ उठते थे सींचने, पर सैलाब की दस्तक़ छायी है,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 150 Share Manisha Manjari 7 Jun 2023 · 1 min read अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है। अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है, पगों के छाले कह रहे, डगर तेरी विशेष है। असत्य के इस आवरण में, सत्य तेरा वेश है, असफ़लताओं को अवसरों में,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 227 Share Manisha Manjari 7 Jun 2023 · 1 min read धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है। धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है, वेदना भरी चीखों का मुख से नहीं, आत्मा से ताना-बाना है। मान-सम्मान बढ़ाने को, उसे डोली में लेकर आना है, फिर... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 121 Share Manisha Manjari 3 Jun 2023 · 1 min read क्या है उसके संवादों का सार? एक हीं प्रश्न पूछते हैं, वो हर बार , क्या है उसके संवादों का सार? उसके सार में है, पीड़ा अपार, क्या सुन सकोगे, तुम हो तैयार? सोचा बदल देगी,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 130 Share Manisha Manjari 3 Jun 2023 · 1 min read निहारने आसमां को चले थे, पर पत्थरों से हम जा टकराये। निहारने आसमां को चले थे, पर पत्थरों से हम जा टकराये, लहू के कतरे तो तन से गिरे हैं, पर चोट मन की कोई देख ना पाए। जो ख़्वाब आँखों... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 313 Share Manisha Manjari 2 Jun 2023 · 1 min read आज कृत्रिम रिश्तों पर टिका, ये संसार है । आज कृत्रिम रिश्तों पर टिका, ये संसार है, विश्वास करें भी तो करें किस पर, ये भी बना व्यापार है। जिन आँखों ने देखे, हमारे लिए स्वप्नों के संसार है,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 307 Share Manisha Manjari 1 Jun 2023 · 1 min read सिंदूरी इस भोर ने, किरदार नया फ़िर मिला दिया । क़दम ठहरे रहे और राहों ने अलविदा कह भुला दिया, सिमटने की ख़्वाहिशों ने, फासलों को कुछ यूँ बढ़ा दिया। इश्क़ के उजालों ने, आँखों से दग़ा किया, मौत के... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 165 Share Manisha Manjari 31 May 2023 · 1 min read मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं। ज़हन से आज भी, तेरी आवाज़ें टकराती हैं, नए शब्दों में पीरो कर, नयी बातें कह जाती हैं। दूर समंदर की गहराईयों में, डूबा था जो सूरज कभी, नए क्षितिज़... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 120 Share Manisha Manjari 29 May 2023 · 1 min read तो मेरे साथ चलो। इन सुनहरे उजालों के साये बनने, तो कई चले आएंगे, जो तुम अंधेरों में भी हमसाया बन सको, तो मेरे साथ चलो। बातों का क्या है, बातें तो ख़त्म हो... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 406 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read कल्पनाओं की कलम उठे तो, कहानियां स्वयं को रचवातीं हैं। स्याह रात की चलनी से छन, वो भोर जगमगाती है, कारवाओं में तन्हा भटके, तो मंजिल मिल हीं जाती है। अंधकार की धुरी से, जो रौशनी हर पल टकराती है,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 2 180 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read अंधेरों में अस्त हो, उजाले वो मेरे नाम कर गया। अंधेरों में अस्त हो, उजाले वो मेरे नाम कर गया, मुझे शिखर पे बिठा, घाटियों में नदी बन के बह गया। कोरी नज़रों की शून्यता को नए नज़ारों सा कर... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 2 260 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read वो लम्हें जो हर पल में, तुम्हें मुझसे चुराते हैं। वो लम्हें जो हर पल में, तुम्हें मुझसे चुराते हैं, भटकते हुए तुझे ढूढ़ने, पास मेरे हीं आते हैं। किस्से तो तेरी शान से, सबको सुनाते हैं, पर सारांश की... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 1 217 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच। मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच, आँखों की नहीं, रूहों की सरगोशियां हैं, तेरे मेरे बीच। बातों की नहीं, ख़ामोशी की जुबानियाँ हैं, तेरे मेरे बीच,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 1 138 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read सजदे में झुकते तो हैं सर आज भी, पर मन्नतें मांगीं नहीं जातीं। सजदे में झुकते तो हैं सर आज भी, पर मन्नतें मांगीं नहीं जातीं, पलकों पर सपने ठहरे तो हैं, पर नींदों को हैं आँखें ठग जाती। मंज़िलें आँखें बिछा कर... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 1 348 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी। तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी, धड़कनों के बढ़ते शोर को, सुन पाए ना कभी। बारिशों का साथ लिए बरसते हैं जो दर्द मेरे, दर्द की उस... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 215 Share Manisha Manjari 10 Apr 2023 · 1 min read निर्लज्ज चरित्र का स्वामी वो, सम्मान पर आँख उठा रहा। कर्त्तव्य पथ पर अडिग हूँ मैं, और रणक्षेत्र वो सज़ा रहा, विप्लव तान के बीच फंसी, और शंखनाद से वो बुला रहा। कभी भेदा था, जिसने हृदय को, वही भेदी... Hindi · Book 2 · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 306 Share Manisha Manjari 8 Apr 2023 · 1 min read घर की चाहत ने, मुझको बेघर यूँ किया, की अब आवारगी से नाता मेरा कुछ ख़ास है। अस्थियों पर खड़ी, ये जो मेरी लाश है, अब ना किसी भी भावना की मोहताज़ है। महसूस नहीं होते हैं, अब दर्द नये, घावों के इतने निशाँ, मेरे पास हैं।... Hindi · Hindi Poem · कविता · काव्य संग्रह 2 · मनीषा मंजरी 341 Share Previous Page 2 Next