Manisha Manjari Tag: कविता 175 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Manisha Manjari 10 Jun 2023 · 1 min read वक़्त ने हीं दिखा दिए, वक़्त के वो सारे मिज़ाज। वक़्त ने हीं दिखा दिए, वक़्त के वो सारे मिज़ाज, जब खामोशी में छिपाने पड़े, शब्दों के सारे वो राज। कभी भावनाओं में हीं हो जाती थी, जो बात, अब... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 148 Share Manisha Manjari 10 Jun 2023 · 1 min read तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं। तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं, उजालों में भटकी हूँ यूँ, की अंधेरों के साथ लौटी मैं। साग़र की गहराईओं में, अपनी कश्ती डुबो के लौटी मैं, आँधियों... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 124 Share Manisha Manjari 10 Jun 2023 · 1 min read ढलती हुई दीवार । ढलती हुई दीवार से पूछो, ज़िन्दगी का सही मतलब बताएगी, उसकी ईंटों की एक-एक दरार, जाने कितने किस्से सुनाएगी। बारिशों में भींगती थी, और धूप में जलती थी वो, पर... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 133 Share Manisha Manjari 10 Jun 2023 · 1 min read नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं। नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं, तेरे दिल के शहर को, मेरे सपनों का नगर बनाते हैं। आहटों को तेरी सुनूं तो, ये मेले तन्हाईओं... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 141 Share Manisha Manjari 10 Jun 2023 · 1 min read ये आकांक्षाओं की श्रृंखला। ये आकांक्षाओं की श्रृंखला, जीवन को भ्रम में उलझाती है, होठों की हंसीं चुराकर, आँखों में अश्रु भर जाती है। पथ की ओर अग्रसर पथिक, की राह को धुंधलाती है,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 95 Share Manisha Manjari 8 Jun 2023 · 1 min read आज नए रंगों से तूने घर अपना सजाया है। आज नए रंगों से तूने घर अपना सजाया है, निश्चितता का भाव, तेरे मुख पर छाया है। नयी खुशियों का घर में, गृह-प्रवेश कराया है, और भविष्य के सपनों का... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 235 Share Manisha Manjari 8 Jun 2023 · 1 min read दूरियां ये जन्मों की, क्षण में पलकें मिटातीं है। दूरियां ये जन्मों की, क्षण में पलकें मिटातीं है, आँखों को मूंदते हीं, साथ तुझे ले आतीं हैं। प्रेम बहता है अब भी रगों में, एहसास ये साँसें करातीं है,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 346 Share Manisha Manjari 7 Jun 2023 · 1 min read वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये। वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये, कलयुग की पराकाष्ठा तो देखो, चेहरों पर हैं चेहरों के साये, अहंकार का स्वर है ऊँचा, विवेक... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 340 Share Manisha Manjari 7 Jun 2023 · 1 min read इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है। इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है, उर्वर सी इस धरा को जो, बंजर करने चली आयी है। मेघ उठते थे सींचने, पर सैलाब की दस्तक़ छायी है,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 148 Share Manisha Manjari 7 Jun 2023 · 1 min read अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है। अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है, पगों के छाले कह रहे, डगर तेरी विशेष है। असत्य के इस आवरण में, सत्य तेरा वेश है, असफ़लताओं को अवसरों में,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 218 Share Manisha Manjari 7 Jun 2023 · 1 min read धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है। धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है, वेदना भरी चीखों का मुख से नहीं, आत्मा से ताना-बाना है। मान-सम्मान बढ़ाने को, उसे डोली में लेकर आना है, फिर... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 118 Share Manisha Manjari 3 Jun 2023 · 1 min read क्या है उसके संवादों का सार? एक हीं प्रश्न पूछते हैं, वो हर बार , क्या है उसके संवादों का सार? उसके सार में है, पीड़ा अपार, क्या सुन सकोगे, तुम हो तैयार? सोचा बदल देगी,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 127 Share Manisha Manjari 3 Jun 2023 · 1 min read निहारने आसमां को चले थे, पर पत्थरों से हम जा टकराये। निहारने आसमां को चले थे, पर पत्थरों से हम जा टकराये, लहू के कतरे तो तन से गिरे हैं, पर चोट मन की कोई देख ना पाए। जो ख़्वाब आँखों... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 311 Share Manisha Manjari 2 Jun 2023 · 1 min read आज कृत्रिम रिश्तों पर टिका, ये संसार है । आज कृत्रिम रिश्तों पर टिका, ये संसार है, विश्वास करें भी तो करें किस पर, ये भी बना व्यापार है। जिन आँखों ने देखे, हमारे लिए स्वप्नों के संसार है,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 298 Share Manisha Manjari 1 Jun 2023 · 1 min read सिंदूरी इस भोर ने, किरदार नया फ़िर मिला दिया । क़दम ठहरे रहे और राहों ने अलविदा कह भुला दिया, सिमटने की ख़्वाहिशों ने, फासलों को कुछ यूँ बढ़ा दिया। इश्क़ के उजालों ने, आँखों से दग़ा किया, मौत के... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 162 Share Manisha Manjari 31 May 2023 · 1 min read मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं। ज़हन से आज भी, तेरी आवाज़ें टकराती हैं, नए शब्दों में पीरो कर, नयी बातें कह जाती हैं। दूर समंदर की गहराईयों में, डूबा था जो सूरज कभी, नए क्षितिज़... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 118 Share Manisha Manjari 29 May 2023 · 1 min read तो मेरे साथ चलो। इन सुनहरे उजालों के साये बनने, तो कई चले आएंगे, जो तुम अंधेरों में भी हमसाया बन सको, तो मेरे साथ चलो। बातों का क्या है, बातें तो ख़त्म हो... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 403 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read कल्पनाओं की कलम उठे तो, कहानियां स्वयं को रचवातीं हैं। स्याह रात की चलनी से छन, वो भोर जगमगाती है, कारवाओं में तन्हा भटके, तो मंजिल मिल हीं जाती है। अंधकार की धुरी से, जो रौशनी हर पल टकराती है,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 2 180 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read अंधेरों में अस्त हो, उजाले वो मेरे नाम कर गया। अंधेरों में अस्त हो, उजाले वो मेरे नाम कर गया, मुझे शिखर पे बिठा, घाटियों में नदी बन के बह गया। कोरी नज़रों की शून्यता को नए नज़ारों सा कर... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 2 254 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read वो लम्हें जो हर पल में, तुम्हें मुझसे चुराते हैं। वो लम्हें जो हर पल में, तुम्हें मुझसे चुराते हैं, भटकते हुए तुझे ढूढ़ने, पास मेरे हीं आते हैं। किस्से तो तेरी शान से, सबको सुनाते हैं, पर सारांश की... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 1 202 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच। मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच, आँखों की नहीं, रूहों की सरगोशियां हैं, तेरे मेरे बीच। बातों की नहीं, ख़ामोशी की जुबानियाँ हैं, तेरे मेरे बीच,... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 1 137 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read सजदे में झुकते तो हैं सर आज भी, पर मन्नतें मांगीं नहीं जातीं। सजदे में झुकते तो हैं सर आज भी, पर मन्नतें मांगीं नहीं जातीं, पलकों पर सपने ठहरे तो हैं, पर नींदों को हैं आँखें ठग जाती। मंज़िलें आँखें बिछा कर... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 1 340 Share Manisha Manjari 24 May 2023 · 1 min read तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी। तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी, धड़कनों के बढ़ते शोर को, सुन पाए ना कभी। बारिशों का साथ लिए बरसते हैं जो दर्द मेरे, दर्द की उस... Poetry Writing Challenge · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 211 Share Manisha Manjari 10 Apr 2023 · 1 min read निर्लज्ज चरित्र का स्वामी वो, सम्मान पर आँख उठा रहा। कर्त्तव्य पथ पर अडिग हूँ मैं, और रणक्षेत्र वो सज़ा रहा, विप्लव तान के बीच फंसी, और शंखनाद से वो बुला रहा। कभी भेदा था, जिसने हृदय को, वही भेदी... Hindi · Book 2 · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 302 Share Manisha Manjari 8 Apr 2023 · 1 min read घर की चाहत ने, मुझको बेघर यूँ किया, की अब आवारगी से नाता मेरा कुछ ख़ास है। अस्थियों पर खड़ी, ये जो मेरी लाश है, अब ना किसी भी भावना की मोहताज़ है। महसूस नहीं होते हैं, अब दर्द नये, घावों के इतने निशाँ, मेरे पास हैं।... Hindi · Hindi Poem · कविता · काव्य संग्रह 2 · मनीषा मंजरी 339 Share Manisha Manjari 9 Mar 2023 · 1 min read हमसाया क्यों लहरों से मेरी, आकर तू टकराता है, मैं तो टूटती हीं हूँ, साथ मेरे तू भी टूट जाता है। रूठी सबसे हूँ मैं, क्यों तू हीं आकर मनाता है,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 301 Share Manisha Manjari 9 Mar 2023 · 1 min read फ़ितरत ठोकरें खा कर राहों में एक ज़न्नत, मैंने भी बनाई थी, सुकून का आलम था जहां, हाँ बस थोड़ी तन्हाई थी। मुद्दतों तक जलाया था खुद को, तभी तो बारिश... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 171 Share Manisha Manjari 7 Mar 2023 · 1 min read कोरा रंग लाख रंग फैले हैं फ़िज़ाओं में, पर रंग मुझपर कोई चढ़ता नहीं है, तेरे कोरे रंग में रंगी हूँ इस तरह, की रंग मुझपर से तेरा उतरता नहीं है। तन... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी · होली 1 324 Share Manisha Manjari 4 Mar 2023 · 1 min read चरित्रार्थ होगा काल जब, निःशब्द रह तू जायेगा। हुई स्वार्थ की पराकाष्ठा, तो व्यक्तित्व गिरता जायेगा, ये सत्य एक दिन, तेरी संवेदनाओं को भी सतायेगा। व्यंग का पात्र कब तक, तू औरों को बनायेगा, काल के आघात से,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 478 Share Manisha Manjari 4 Mar 2023 · 1 min read कुछ खामोशियाँ तुम ले आना। कर्त्तव्य रिश्ते का कुछ इस कदर निभाना, कि प्रकाश के उस दरिया को, लाँघ कर चले आना। सरल नहीं है, इस अविश्वनीय दूरी को मिटाना, पर त्याग आऊंगी ये संसार... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 205 Share Manisha Manjari 3 Mar 2023 · 1 min read खुले आँगन की खुशबू वो खुले आँगन की खुशबू, यादों को आज भी महकाती है, बरसात में चलायी, जो कागज़ की नाव, वो बारिश आँखों में लाती है। आज भी गर्मी की दोपहरें, उस... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 399 Share Manisha Manjari 3 Mar 2023 · 1 min read अपनेपन का मुखौटा मुखौटों के बाज़ार में, वो खुद को बेच आते हैं, इतने चेहरे एक शख्सियत में, जाने कहाँ से वो लाते हैं। मुस्कान ओढ़े दहलीज पर, तुम्हारे चले आते हैं, और... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 326 Share Manisha Manjari 3 Mar 2023 · 1 min read आहटें तेरे एहसास की हवाओं के साथ चली आती हैं, आहटें तेरे एहसास की हवाओं के साथ चली आती हैं, वीरान पड़े उस मंदिर में ज्योत, जीवन की जला जाती है। छंट जाते हैं बादल, तन्हाई के कुछ इस कदर,... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 323 Share Manisha Manjari 2 Mar 2023 · 1 min read आयी थी खुशियाँ, जिस दरवाजे से होकर, हाँ बैठी हूँ उसी दहलीज़ पर, रुसवा अपनों से मैं होकर। आयी थी खुशियाँ, जिस दरवाजे से होकर, हाँ बैठी हूँ उसी दहलीज़ पर, रुसवा अपनों से मैं होकर। कदम उठते थे जिसके, सिर्फ उँगलियाँ मेरी धड़कर, देखा नहीं एक बार... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · परिवार · मनीषा मंजरी · माँ 2 234 Share Manisha Manjari 28 Feb 2023 · 1 min read नींव में इस अस्तित्व के, सैकड़ों घावों के दर्द समाये हैं, आँखों में चमक भी आयी, जब जी भर कर अश्रु बहाये हैं। नींव में इस अस्तित्व के, सैकड़ों घावों के दर्द समाये हैं, आँखों में चमक भी आयी, जब जी भर कर अश्रु बहाये हैं। दंश उन्होंने हीं दिए, जिन्होंने अपनेपन के... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · ज़िन्दगी · मनीषा मंजरी 218 Share Manisha Manjari 27 Feb 2023 · 1 min read आहटें। सजदे में तेरे कमी ना जाने ये कैसी रह गयी, की आँखों की नमी बड़ी सिद्दत से थमी रह गयी। हाथों की लकीरें, तेरी अदाकारी का नमूना बनी रह गयी,... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · ज़िन्दगी · मनीषा मंजरी 167 Share Manisha Manjari 18 Feb 2023 · 1 min read हाल-ए-दिल जब छुपा कर रखा, जाने कैसे तब खामोशी भी ये सुन जाती है, और दर्द लिए कराहे तो, चीखों को अनसुना कर मुँह फेर जाती है। ये ज़िंदगी आस कुछ यूँ जगाती है, की राख बना मुझे उड़ा जाती है, किनारा दिखा कर तूफानों में, साहिलों पर नाव डूबा जाती है। उजड़े कारवाँ के मुसाफिरों को,... Hindi · Featuring In The Upcoming Nove · कविता · मनीषा मंजरी 176 Share Manisha Manjari 31 Jan 2023 · 1 min read ख्वाहिशें आँगन की मिट्टी में, दम तोड़ती हुई सी सो गयी, दरार पड़ी दीवारों की ईंटें भी चोरी हो गयीं। शब्दों के इस भीड़ में, भाषा आँखों की तिरस्कृत हो गयी, शोर करती रहीं धड़कनें, माला साँसों की खंडित हो गयी। ख्वाहिशें आँगन की मिट्टी में, दम तोड़ती हुई सी... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 252 Share Manisha Manjari 25 Jan 2023 · 1 min read अब आये हो तो वो बारिश भी साथ लाना, जी भरकर रो कर, जिससे है हमें उबर जाना। अब आये हो तो वो बारिश भी साथ लाना, जी भरकर रो कर, जिससे है हमें उबर जाना। होठों में दबी उस ख़्वाहिश को अब नहीं झुठलाना, की दर्द भरे... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता 1 177 Share Manisha Manjari 21 Jan 2023 · 1 min read बवंडरों में उलझ कर डूबना है मुझे, तू समंदर उम्मीदों का हमारा ना बन। तन्हा शामों की तारीफ़ ना बन, तकलीफें पसंद है मुझे, तू चैन की ताबीर ना बन। खामोश गीतों के लब्ज़ ना बन, दुआएं लगती नहीं मुझे, तू अनजाने में सही... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 270 Share Manisha Manjari 19 Jan 2023 · 2 min read एक शाम ऐसी कभी आये, जहां हम खुद को हीं भूल जाएँ। एक शाम ऐसी कभी आये, जहां हम खुद को हीं भूल जाएँ, भूल जाएँ की दर्द बहता है, इन रगों में, खुशियां कभी हमसे मिलने भी यूँ आये। दरवाज़ों के... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 166 Share Manisha Manjari 19 Jan 2023 · 1 min read कभी संभालना खुद को नहीं आता था, पर ज़िन्दगी ने ग़मों को भी संभालना सीखा दिया। कभी संभालना खुद को नहीं आता था, पर ज़िन्दगी ने ग़मों को भी संभालना सीखा दिया। कभी तो हल्की बातों से भी मन भर जाता था, और हादसों ने हसीं... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 283 Share Manisha Manjari 15 Jan 2023 · 1 min read कट कर जो क्षितिज की हो चुकी, उसे मांझे से बाँध क्या उड़ा सकेंगे? किनारे छोड़ आये थे, कि अनंत तक बहा करेंगे, सुकून की तलाश में, कब तक रूह को फ़ना करेंगे? बंजरों ने तबाही ला हीं दी, फिर हुई बारिश का क्या... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 3 278 Share Manisha Manjari 9 Jan 2023 · 1 min read दर्द की शर्त लगी है दर्द से, और रूह ने खुद को दफ़्न होता पाया है। वो वक़्त लौट आया है, जिससे कभी खुद को बचाया है, रौशनी के लिहाफ़ में लिपटकर, अँधेरा फ़िर मुस्कुराया है। शिकायत की थी पलों की, लो इल्ज़ामों का मौसम आया... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · दर्द · मनीषा मंजरी 2 179 Share Manisha Manjari 8 Jan 2023 · 1 min read सवाल में ज़िन्दगी के आयाम नए वो दिखाते हैं, और जवाब में वैराग्य की राह में हमें भटकाते हैं। बिखरते हैं लम्हें, तो ख़्वाब भी रुलाते हैं, झलक खुशियों की दिखाकर, वो अँधेरे लौट आते हैं। दुआएं सलामती की, जिसके लिए मांगे जाते हैं, वही अपनों के बीच, हमें... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 282 Share Manisha Manjari 30 Dec 2022 · 1 min read सम्मान ने अपनी आन की रक्षा में शस्त्र उठाया है, लो बना सारथी कृष्णा फिर से, और रण फिर सज कर आया है। टूटे-टूटे टुकड़ों को समेट, खुद को फिर बचाया है, वक़्त ने दर्द के आग़ोश में डुबो कर आजमाया है। समंदर का भ्रम दिखा, तपती रेत ने यूँ जलाया है, तक़दीर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 296 Share Manisha Manjari 28 Dec 2022 · 1 min read निखरे मौसम में भी, स्याह बादल चले आते हैं, भरते ज़ख्मों को कुरेद कर, नासूर बना जाते हैं। निखरे मौसम में भी, स्याह बादल चले आते हैं, भरते ज़ख्मों को कुरेद कर, नासूर बना जाते हैं। यूँ तो लिबास में वो, अपनों के छुप कर आते हैं, पर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 205 Share Manisha Manjari 27 Dec 2022 · 1 min read जो रूठ गए तुमसे, तो क्या मना पाओगे, ज़ख्मों पर हमारे मरहम लगा पाओगे? जो रूठ गए तुमसे, तो क्या मना पाओगे, ज़ख्मों पर हमारे मरहम लगा पाओगे? पलों से नहीं, सदियों से जोड़ा है तुम्हें, वक़्त की आँच में, मेरे साथ जल पाओगे?... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 1 236 Share Manisha Manjari 26 Dec 2022 · 1 min read वजूद पे उठते सवालों का जवाब ढूंढती हूँ, वजूद पे उठते सवालों का जवाब ढूंढती हूँ, दर्द भरे गलियारों में आज भी पनाह ढूंढती हूँ। किस्से जो दफ़्न हो गए उनके निशाँ ढूंढती हूँ, रेत को मुट्ठी से... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 176 Share Manisha Manjari 22 Dec 2022 · 1 min read दिल के टूटने की सदाओं से वादियों को गुंजाती हैं, क्यूँकि खुशियाँ कहाँ मेरे मुक़द्दर को रास आती है। कभी लबों पे दुआएं आने से डर जाती हैं, जैसे रात सुबह की आहट से थम जाती है। तुझे पाने की आरज़ू, सुकूं साँसों में लाती है, पर हक़ीक़त में... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · दर्द · मनीषा मंजरी 3 220 Share Previous Page 2 Next