Posts Tag: लेख 5k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Ravi Betulwala 29 May 2024 · 1 min read क़म्बख्त ये बेपरवाही कहीं उलझा ना दे मुझको, क़म्बख्त ये बेपरवाही कहीं उलझा ना दे मुझको, जितना लगता हूँ सुलझा हुआ.. उतना ही बहका हुआ हूँ मैं, रात का मुसाफिर हूँ अंधेरों से याराना है.. डरना मैंने सीखा... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 89 Share Sunil Maheshwari 29 May 2024 · 2 min read इंसानियत दोस्तों, इंसानियत पर कुछ भी लिखना मेरा पसंदीदा विषय रहा है, आज भी मेरी आंखों के सामने इंसानियत फिर से शर्मसार हुयी। दोस्तों आज दिल्ली मैटो् में यात्रा करते समय... Hindi · लेख 1 114 Share Ravi Betulwala 29 May 2024 · 1 min read लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है, लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है, तुम ही करीब आये थे और तुम ही दूर जा रही हो... खुदा जाने किस तरह का इश्क़ निभाया जा रहा है,... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 93 Share Ravi Betulwala 29 May 2024 · 1 min read तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा.. तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा.. चुपके से तेरे दिल ने... मुझसे मिलने का फैसला भी किया ही होगा, तुम नहीं मिलोगी मुझसे ये जानता... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 102 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 29 May 2024 · 6 min read प्रारब्ध का सत्य प्रारब्ध का सत्य-- होनी एव संयोग एक दूसरे के सहोदर है जो प्रारब्ध कि प्रेरणा है लेकिन इन तीनो को कर्म ज्ञान और सत्य से परिवर्तित किया जा सकता है।... Hindi · लेख 99 Share Ravi Prakash 29 May 2024 · 2 min read *जैन पब्लिक लाइब्रेरी, रामपुर* *जैन पब्लिक लाइब्रेरी, रामपुर* __________________________ रामपुर में 'जैन पब्लिक लाइब्रेरी' की स्थापना 1 अक्टूबर 1936 को फूटा महल (निकट मिस्टन गंज) में हुई थी। उस समय रियासती शासन था। लाइब्रेरी... Hindi · यात्रा वृत्तांत · लेख 85 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 29 May 2024 · 8 min read सत्संग की ओर ||श्री राधाकृष्णाभ्याम नमः || || श्री स्वामी हरिदासोविजयतेत् राम || || श्रीमन्नीत्यनिकुंजविहारिणे नमः || श्री हरि- गुरु की कृपा से जीव को मनुष्य देह की दुर्लभता का ज्ञान होता है|... Hindi · लेख 108 Share Dr.Archannaa Mishraa 29 May 2024 · 2 min read हिंदी साहित्य में लुप्त होती जनचेतना हिंदी साहित्य में लुप्त होती जनचेतना हिंदी साहित्य अपने आप में ही हज़ारों समुन्दरों को समेटे हुए है। हिंदी साहित्य की बुनियाद और नीव बड़ी ही मज़बूती से खड़ी हुई... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 2 173 Share Ravi Betulwala 29 May 2024 · 1 min read अपना ईमान तक गवाये बैठे है...!! एक चेहरे पर ना जाने कितने मुखड़े लगाये बैठे है, एक भरोसे के दिखावे पर कितने बेईमान छुपाये बैठे है, इतने भी कितने गिर चले है लोग यहां.. किसी को... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 138 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 28 May 2024 · 2 min read क्या हम वास्तविक सत्संग कर रहे है? लोगों को वास्तविक सत्संग मिल ही नही रहा।ना लोग चाह रहे है।अच्छे से मेकअप आर्टिस्ट से मेकअप करवाके , सुंदर सजीले वस्त्र पहने कथावाचक जों कथा कम और लच्छेदार बाते... Hindi · लेख 73 Share नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर 28 May 2024 · 6 min read नर नारायण नर नारायण-- ब्रह्मांड के दो प्रमुख अवयव है जो परब्रम्ह परमात्मा कि कल्पना रचना कि वास्तविकता है प्रथम प्रकृति है जो ब्रह्मांड का आधार है जिसमे पंच तत्व महाभूतों का... Hindi · लेख 107 Share Sunil Maheshwari 28 May 2024 · 2 min read चाहत बेहतर स्वास्थ्य की दोस्तों, अच्छे स्वास्थ्य की चाहत तो सभी को रहती है, पर क्या उसको पाने के लिये हम सभी भरसक प्रयास करते हैं? जो हमें करने चाहिए, जैसे कि योग, व्यायाम,... Hindi · लेख 1 97 Share Sunil Maheshwari 26 May 2024 · 2 min read लेखनी का सफर कुछ कर गुजरने का जुनून दोस्तों ये बात तब की है,जब में इस बेरंग दुनिया की उलझनों में कहीं खोया हुआ था,अपनी विशिष्ट पहचान बनाने के सपने के साथ दुनियां... Hindi · लेख 1 135 Share Sunil Maheshwari 26 May 2024 · 2 min read स्त्री की स्वतंत्रता स्त्री की स्वतंत्रता कोई नहीं चाहता, ये बात काफी हद तक सत्य है। जहां एक ओर हर मर्द स्त्री को घर गृहस्थी की जिम्मेदारी, बच्चों का पालन-पोषण, और खाना पकाने... Hindi · लेख 1 118 Share Sunil Maheshwari 25 May 2024 · 2 min read मानसिक तनाव दोस्तों मेरा अनुभव कहता है कि अधिकांश समय तनाव का मुख्य कारण काम का समय से पूरा नहीं करना होता है, जिससे हमें मानसिक तनाव होता है, हमें अवचेतन मन... Hindi · लेख 3 1 136 Share Sunil Maheshwari 25 May 2024 · 2 min read नतीजों को सलाम दुनिया सिर्फ "नतीजों" को ही "सलाम" करती है, संघर्ष को नहीं" ये कहावत कारपोरेट जगत में बिल्कुल चरितार्थ होती है। आज की प्रतिस्पर्धा की दौड़ में कंपनी, अपने कर्मचारियों से... Hindi · लेख 3 59 Share Sunil Maheshwari 25 May 2024 · 2 min read पिता की जिम्मेदारी -एक मार्मिक एहसास दोस्तों नहीं जानता कि मेंने पिता का ओहदा पाकर क्या पाया या क्या खोया, बस जिदंगी के कुछ खट्टे मीठे, तीखे,प्यार भरे एहसासों के तले ये जिदंगी जहाँ चलाती गयी... Hindi · लेख 3 5 78 Share Ravi Betulwala 25 May 2024 · 1 min read थोड़ा Success हो जाने दो यारों...!! थोड़ा Success हो जाने दो यारों, अपनी कहानी भी सबको सुनाऊंगा, थोड़ा वक़्त लगेगा... पर इसी महफ़िल में लौट कर वापस आऊंगा ! दुनिया की तमाम बंदिशे तोड़कर निकल पड़ा... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 4 4 155 Share Ravi Betulwala 25 May 2024 · 1 min read . क्यूँ लोगों से सुनने की चाह में अपना वक़्त गवाएं बैठे हो !! इस खामोश चेहरे के पीछे किसका दर्द छुपाये बैठे हो, आँखों की नमी साफ - साफ कह रही है, तुम ही कह दो सच... कितने धोखे खाये बैठे हो, दिल... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 3 70 Share Dr. Kishan tandon kranti 24 May 2024 · 1 min read दुःख (पीड़ा) दुःख ऐसी चीज नहीं है, जो कभी खत्म हो सके। यह किसी न किसी रूप में जीवन में विद्यमान रहेगा ही। इसलिए दुःख, पीड़ा, संकट इत्यादि को गले लगाना और... Hindi · लेख 3 2 110 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 24 May 2024 · 2 min read विचारिए क्या चाहते है आप? संसार की दयनीय स्थिति हो चुकी है।आज अधिकांश लोग परमात्मा से प्रेम करते ही नही है।हम जैसे लोग परमात्मा से सिर्फ अपनी चाह पूरी करवाना चाहते है।हमने परमात्मा को माना... Hindi · लेख 109 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 23 May 2024 · 2 min read कोई विरला ही बुद्ध बनता है आज बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सभी को बधाईयां एवं। शुभकामनाएं।आज मन में विचार आया की आज से 2500 वर्ष पूर्व एक युवक के मन में कुछ दृश्यों को देख... Hindi · लेख 107 Share Ravi Betulwala 23 May 2024 · 1 min read दिल की बात आंखों से कहने में वक्त लगता है.. इस खामोश चेहरे के पीछे किसका दर्द छुपाए बैठे हो, आंखों की नमी साफ-साफ कह रही है.. तुम ही कह दो सच कितने धोखे खाये बैठे हो.. दिल की बात... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 76 Share Ravi Betulwala 23 May 2024 · 1 min read ना मैं निकला..ना मेरा वक्त कही..!! मैं खुद को खुद में ढूंढता हूं..फिर खुद में ही खो जाता हूँ, मेरे अंतर्मन के ख्यालों से खुद को ही बहलाता हूँ, कोई देखे अगर मुझे एक नजर.. बिना... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 54 Share Ravi Betulwala 23 May 2024 · 1 min read कोई वजह अब बना लो सनम तुम... फिर से मेरे करीब आ जाने को..!! तुम्हें भूलना मुश्किल लगे क्यूँ , खुद को भूलना इतना आसान क्यूँ , तुम ही तुम बसी हो क्यूँ यादों में अब भी, तुम ही तुम हो क्यूँ सवालों में... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 107 Share Ravi Betulwala 23 May 2024 · 1 min read Nonveg-Love सिर से घूँघट भी उसका उतर जायेगा.. ज़ब मेरे दिल से दिल उसका मिल जायेगा.. फिर ये सांसे भी साँसो में घुल जाएगी.. वो बाहों में होकर मुस्कुरायेगी.. धीरे -... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 63 Share Kalamkash 22 May 2024 · 1 min read जब व्यक्ति वर्तमान से अगले युग में सोचना और पिछले युग में जी जब व्यक्ति वर्तमान से अगले युग में सोचना और पिछले युग में जीना शुरू कर देता है, तब वह कविता करने लगता है...✍️ Hindi · Hindi Motivational Quotes · कविता · लेख 1 96 Share Shyam Sundar Subramanian 22 May 2024 · 3 min read लोकतांत्रिक मूल्य एवं संवैधानिक अधिकार सामयिक परिपेक्ष्य में बदलते लोकतांत्रिक मूल्य एवं जनता के संवैधानिक अधिकारों के हनन का प्रत्यक्ष प्रमाण दृष्टिगत होता है। लोकतंत्र को समाज का आदर्श व्यवस्था माना गया है, जहाँ जनता... Hindi · लेख · सामयिकी 92 Share श्रीहर्ष आचार्य 21 May 2024 · 3 min read माँ मैथिली आओर विश्वक प्राण मैथिली --- रामइकबाल सिंह 'राकेश' मिथिला प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण प्रान्त है। इमनी लावण्यमयी मजुंल मूर्ति, मधुरिमा से भरी हुई सरस बेला और उन्मादिनी भावनाएँ किसके हृदय को नहीं गुदगुदा देती ? यहाँ के बसन्तकालीन... Hindi · लेख 78 Share श्रीहर्ष आचार्य 21 May 2024 · 7 min read मैथिली का प्रभाव असम बंगाल और उड़ीसा विद्यापति और ब्रजबुलि विद्यापति आज प्रायः छह सौ वर्षों से, बिना किसी बाहरी अवलम्ब के जीते चले जा रहे हैं, जिस तरह कुछ अन्य कवि भी जीते आए हैं। किन्तु उनकी जो मधुरता... Hindi · लेख 94 Share श्रीहर्ष आचार्य 21 May 2024 · 4 min read बौद्ध नैयायिक अथवा मैथिल नैयायिक न्यायशास्त्र और वाद-विवाद से बहुत सम्बन्ध है। - यदि बौद्ध, बाह्मण तथा दूसरे सम्प्रदायों का पूर्वकाल में आपस का यह विचार-संघर्ष और शास्त्रार्थ न होता रहता, तो भारतीय न्यायशास्त्र में... Hindi · लेख 56 Share Ravi Betulwala 21 May 2024 · 1 min read मजदूर...!! एक मजबूरी का रंग देखा मजदूरो के संग, कुछ पैसों की खातिर जर्जर कर गए हो तन, कभी हाथ- पांव में फफोले मिले.. कुछ औजारों के घाँव से सने.. जिंदगी... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 3 87 Share श्रीहर्ष आचार्य 20 May 2024 · 7 min read गंगा के समान तीर्थ, माता के तुल्य गुरु, भगवान् विष्णु के सदृश देवता तथा सीतायण से बढ़ कर कोई श्रेष्ठ वस्तु नहीं है। जब हम कोसलदेश अयोध्या का नाम लेते हैं, उस समय विदेहदेश मिथिला का भी स्मरण हो आता है। सुप्रसिद्ध विद्वान् डाक्टर रामकृष्ण गोपाल भण्डारकर ने अपनी History of the Deccan... Hindi · लेख 65 Share श्रीहर्ष आचार्य 20 May 2024 · 5 min read मिथिलाक सांस्कृतिक परम्परा जनक, याज्ञवल्क्य, गौतम, गंगेश, मण्डन, विद्यापति, ज्योतिरोश्वरक,जैन आ बौद्ध महिमामयी भूमि मिथिला, न्याय, तत्वमीमांसा एवं सांख्यक जन्मभूमि मिथिला भौगलिक दृष्टिएँ 25°28' सँ 26° 52' उत्तर अक्षांश तथा 84° 56' से... Maithili · लेख 83 Share श्रीहर्ष आचार्य 20 May 2024 · 4 min read ॥ वर्णरत्नाकर ॥ श्रो ज्योतिरीश्वर ठाकुर मिथिला में लोकनाट्यों की परंपरा अत्यंत समृद्ध रही है । सम्पूर्ण भारत के लोकनाट्यों को प्रभावित करने वाले तीन मुख्य कारण की उत्पत्ति यही हुई है । 11वीं शताब्दी में... Hindi · लेख 369 Share Raju Gajbhiye 20 May 2024 · 1 min read शिक्षित लोग शिक्षित लोग । शिक्षित लोग बहुत चतुर होते हैं , वे यह नहीं चाहते हैं कि हमारे लोग आगे बढ़े , शिक्षत हो इसलिए विज्ञान , गणित को कोई महत्व... Hindi · लेख 155 Share Ravi Betulwala 19 May 2024 · 1 min read Don't Be Judgemental...!! सच कहने से मैं घबराता नहीं और झूठों संग यारी निभाता नहीं, आंखों में आंखें डाल कर बात करता हूं.. मैं अपनी बात से मुकर पाता नहीं, कोई सच्ची करें... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 300 Share Ravi Betulwala 19 May 2024 · 1 min read इश्क के कई जहाजों सहित.. डूब के किनारे पर आए हैं हम...!! आशिकी के समुन्दर को तैर के पार कर आए हैं हम धोखों भरी लहरों से कई थपेड़े खाए हैं हम, जिंदगी जहन्नुम-सी कर जाती है... ये आशिकी भी कमीनी चीज... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 54 Share ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी " 17 May 2024 · 2 min read आत्मस्वरुप पिछली पोस्ट में हमने पढ़ा की संसार का स्वरूप क्या है वो नित्य निरंतर परिवर्तनशील और नाशवान है।अतः जो नाशवान को नष्ट होते हुवे देखता है वो अविनाशी है।वही हमारा... Hindi · लेख 125 Share Ravi Betulwala 17 May 2024 · 1 min read साथ चल के जीं ले जिंदगी अरमानों की...।। तुमसे मिलकर हम तो..खो गए हैं राहों में, इश्क में है हम..या इश्क है निगाहों में, भा गई हो मुझको तुम.. हर एक अदाओं में, ना तुम-सा कोई है..ना कोई... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 1 138 Share Adha Deshwal 15 May 2024 · 1 min read समय का खेल किसी के चले जाने से समय नहीं रुकता, किसी नये के आ जाने से समय नहीं झुकता, जो वापस आ जाए वो समय नहीं, समय लौट आए ये खेल नहीं,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · लेख 6 107 Share Adha Deshwal 15 May 2024 · 1 min read आवाज़ लोग कहते हैं, कि शांत रहना चाहिए, सब कुछ चुप चाप सहना चाहिए' उनको एक जवाब देना, सारे सवालो का हिसाब देना, अगर हम लड़कियाँ चुप रहें, चुप -चाप सब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · लेख 8 1 191 Share Adha Deshwal 15 May 2024 · 1 min read कड़वा है मगर सच है जो बीत गई, तो बात गई, जीवन में एक सितारा था, माना वो बेहद प्यारा था| जो टूट गया, सो टूट गया, जीवन में एक सपना था, माना वो लगता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · लेख 7 121 Share GOVIND UIKEY 14 May 2024 · 4 min read मडमिंग (गोंडी विवाह) की संकल्पना मडमिंग में दो चीजो का बहुत ही अधिक महत्त्व होता है मंडा और मड़ा। घर के आगे खूंटो को गाड़कर उस पर जामुन के पेड़ की पत्तेदार डालियों से जब... Hindi · लेख 1 120 Share Ravi Betulwala 13 May 2024 · 2 min read मैं बिल्कुल आम-सा बंदा हूँ...!! बिल्कुल सिंपल-सी लाइफ है मेरी..और बिल्कुल आम-सा बंदा हूं, बहुत ज्यादा मेरे सपने नहीं..पर जितने भी है उन्हीं को पूरा करने की होड़ में लगा रहता हूं, कोई फिक्र नहीं... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 2 138 Share Sudhir srivastava 12 May 2024 · 2 min read समाज में परिवार की क्या भूमिका है? समाज में परिवार की भूमिका पर कुछ भी कहने से पूर्व मेरा विचार है कि हम सब परिवार की एक इकाई हैं और परिवार समाज की एक इकाई ही है।... Hindi · लेख 2 157 Share Ravi Betulwala 12 May 2024 · 1 min read थकान...!! दिन का पहला अलार्म रोज नींद तोड़ जाता है, याद दिला जाता है कि.. हम परदेश में है बाबू, यहां नींद होने से पहले जागना, अधूरी नींद में जैसे-तैसे तैयार... Poetry Writing Challenge-3 · लेख 2 145 Share Dr. Kishan tandon kranti 12 May 2024 · 1 min read अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ,,,,, 'लेडी विद दि लैम्प' कही जाने वाली फ्लोरेंस नाइटिंगेल (1820-1910) के जन्मदिन 12 मई को सन् 1965 से दुनिया भर में अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस... Hindi · लेख 3 2 120 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read अपनी झलक ये जिंदगी दिखा दे अपनी झलक ये जिंदगी, देखा वो राहों में गुनगुनाए पड़ी देखो इधर उधर ढूंढा बहुत पर कम्बक्त है न साथ खड़ी, खेले लुक्का छिपाई, आंख मिचौली कर मुस्कुराए... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · गीत · लेख · संस्मरण 1 103 Share Anant Yadav 12 May 2024 · 1 min read नारी स्वाधीन बन नारी स्वाधीन बन, जब मन में धीर पन जीवन की छाया बन, समृद्धि की स्रोत बन सबका है साथी बन खुशियों की सावन बन, मन को मोह बनावन बन सबकुछ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल · गीत · लेख 1 61 Share Previous Page 5 Next