Tag: मनीषा मंजरी
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हिम्मत से हौसलों की, वो उड़ान बन गया।
Manisha Manjari
वजूद पे उठते सवालों का जवाब ढूंढती हूँ,
Manisha Manjari
चल पड़ते हैं कभी रुके हुए कारवाँ, उम्मीदों का साथ पाकर, अश्क़ बरस जाते हैं खामोशी से, बारिशों में जैसे घुलकर।
Manisha Manjari
निहारने आसमां को चले थे, पर पत्थरों से हम जा टकराये।
Manisha Manjari
फ़ितरत
Manisha Manjari
अखंड साँसें प्रतीक हैं, उद्देश्य अभी शेष है।
Manisha Manjari
सिलसिले साँसों के भी थकने लगे थे, बेजुबां लबों को, रूह की खामोशी में थरथराना था।
Manisha Manjari
हाल-ए-दिल जब छुपा कर रखा, जाने कैसे तब खामोशी भी ये सुन जाती है, और दर्द लिए कराहे तो, चीखों को अनसुना कर मुँह फेर जाती है।
Manisha Manjari
आज कृत्रिम रिश्तों पर टिका, ये संसार है ।
Manisha Manjari
वस्रों से सुशोभित करते तन को, पर चरित्र की शोभा रास ना आये।
Manisha Manjari
आहटें।
Manisha Manjari
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
Manisha Manjari
एक शाम ऐसी कभी आये, जहां हम खुद को हीं भूल जाएँ।
Manisha Manjari
अंधेरों में अस्त हो, उजाले वो मेरे नाम कर गया।
Manisha Manjari
दूरियां ये जन्मों की, क्षण में पलकें मिटातीं है।
Manisha Manjari
आज नए रंगों से तूने घर अपना सजाया है।
Manisha Manjari
अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है।
Manisha Manjari
कुछ परछाईयाँ चेहरों से, ज़्यादा डरावनी होती हैं।
Manisha Manjari
धाराओं में वक़्त की, वक़्त भी बहता जाएगा।
Manisha Manjari
ये जो तेरे बिना भी, तुझसे इश्क़ करने की आदत है।
Manisha Manjari
किसने कहा, ज़िन्दगी आंसुओं में हीं कट जायेगी।
Manisha Manjari
वो लम्हें जो हर पल में, तुम्हें मुझसे चुराते हैं।
Manisha Manjari
सिंदूरी इस भोर ने, किरदार नया फ़िर मिला दिया ।
Manisha Manjari
"मैं" के रंगों में रंगे होते हैं, आत्मा के ये परिधान।
Manisha Manjari
कोरी आँखों के ज़र्द एहसास, आकर्षण की धुरी बन जाते हैं।
Manisha Manjari
आदतों में तेरी ढलते-ढलते, बिछड़न शोहबत से खुद की हो गयी।
Manisha Manjari
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
Manisha Manjari
इस नयी फसल में, कैसी कोपलें ये आयीं है।
Manisha Manjari
वक़्त ने हीं दिखा दिए, वक़्त के वो सारे मिज़ाज।
Manisha Manjari
जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी।
Manisha Manjari
तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है।
Manisha Manjari
गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है।
Manisha Manjari
कल्पनाओं की कलम उठे तो, कहानियां स्वयं को रचवातीं हैं।
Manisha Manjari
जीवन और मृत्यु के मध्य, क्या उच्च ये सम्बन्ध है।
Manisha Manjari
तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं।
Manisha Manjari
मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच।
Manisha Manjari
क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां,
Manisha Manjari
मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं।
Manisha Manjari
ये आँधियाँ हालातों की, क्या इस बार जीत पायेगी ।
Manisha Manjari
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
Manisha Manjari
ढलती हुई दीवार ।
Manisha Manjari
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है।
Manisha Manjari
क्या है उसके संवादों का सार?
Manisha Manjari
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
Manisha Manjari
विडंबना इस युग की ऐसी, मानवता यहां लज्जित है।
Manisha Manjari
ये आकांक्षाओं की श्रृंखला।
Manisha Manjari
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
Manisha Manjari
मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है, दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है
Manisha Manjari
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
Manisha Manjari
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए।
Manisha Manjari