Tag: मनीषा मंजरी
157
posts
आयी थी खुशियाँ, जिस दरवाजे से होकर, हाँ बैठी हूँ उसी दहलीज़ पर, रुसवा अपनों से मैं होकर।
Manisha Manjari
अंधेरों में अस्त हो, उजाले वो मेरे नाम कर गया।
Manisha Manjari
कल्पनाओं की कलम उठे तो, कहानियां स्वयं को रचवातीं हैं।
Manisha Manjari
तो मेरे साथ चलो।
Manisha Manjari
निहारने आसमां को चले थे, पर पत्थरों से हम जा टकराये।
Manisha Manjari
आज नए रंगों से तूने घर अपना सजाया है।
Manisha Manjari
ये आकांक्षाओं की श्रृंखला।
Manisha Manjari
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
Manisha Manjari
ढलती हुई दीवार ।
Manisha Manjari
तुझे ढूंढने निकली तो, खाली हाथ लौटी मैं।
Manisha Manjari
वक़्त ने हीं दिखा दिए, वक़्त के वो सारे मिज़ाज।
Manisha Manjari
बर्फ़ीली घाटियों में सिसकती हवाओं से पूछो ।
Manisha Manjari
कोरी आँखों के ज़र्द एहसास, आकर्षण की धुरी बन जाते हैं।
Manisha Manjari
विडंबना इस युग की ऐसी, मानवता यहां लज्जित है।
Manisha Manjari
गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है।
Manisha Manjari
कुछ परछाईयाँ चेहरों से, ज़्यादा डरावनी होती हैं।
Manisha Manjari
"मैं" के रंगों में रंगे होते हैं, आत्मा के ये परिधान।
Manisha Manjari
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
Manisha Manjari
कभी एक तलाश मेरी खुद को पाने की।
Manisha Manjari
क्यों बीते कल की स्याही, आज के पन्नों पर छीटें उड़ाती है।
Manisha Manjari
सिलसिले साँसों के भी थकने लगे थे, बेजुबां लबों को, रूह की खामोशी में थरथराना था।
Manisha Manjari
चल पड़ते हैं कभी रुके हुए कारवाँ, उम्मीदों का साथ पाकर, अश्क़ बरस जाते हैं खामोशी से, बारिशों में जैसे घुलकर।
Manisha Manjari
वजूद पे उठते सवालों का जवाब ढूंढती हूँ,
Manisha Manjari
कभी संभालना खुद को नहीं आता था, पर ज़िन्दगी ने ग़मों को भी संभालना सीखा दिया।
Manisha Manjari
एक शाम ऐसी कभी आये, जहां हम खुद को हीं भूल जाएँ।
Manisha Manjari
बवंडरों में उलझ कर डूबना है मुझे, तू समंदर उम्मीदों का हमारा ना बन।
Manisha Manjari
जिस्म तो बस एक जरिया है, प्यार दो रूहों की कहानी।
Manisha Manjari
आहटें तेरे एहसास की हवाओं के साथ चली आती हैं,
Manisha Manjari
खुले आँगन की खुशबू
Manisha Manjari
कोरा रंग
Manisha Manjari
फ़ितरत
Manisha Manjari
तंग गलियों में मेरे सामने, तू आये ना कभी।
Manisha Manjari
सजदे में झुकते तो हैं सर आज भी, पर मन्नतें मांगीं नहीं जातीं।
Manisha Manjari
मीलों की नहीं, जन्मों की दूरियां हैं, तेरे मेरे बीच।
Manisha Manjari
वो लम्हें जो हर पल में, तुम्हें मुझसे चुराते हैं।
Manisha Manjari
मेरे प्रेम की सार्थकता को, सवालों में भटका जाती हैं।
Manisha Manjari
क्या है उसके संवादों का सार?
Manisha Manjari
दूरियां ये जन्मों की, क्षण में पलकें मिटातीं है।
Manisha Manjari
अस्तित्व अंधेरों का, जो दिल को इतना भाया है।
Manisha Manjari
तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है।
Manisha Manjari
क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां,
Manisha Manjari
सुस्त हवाओं की उदासी, दिल को भारी कर जाती है।
Manisha Manjari
ये आँधियाँ हालातों की, क्या इस बार जीत पायेगी ।
Manisha Manjari
जो भूलने बैठी तो, यादें और गहराने लगी।
Manisha Manjari
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
Manisha Manjari
जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा।
Manisha Manjari
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।
Manisha Manjari
नववर्ष।
Manisha Manjari
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
Manisha Manjari
कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है,
Manisha Manjari