Posts Tag: प्रकाश की कविताएं 80 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Buddha Prakash 17 Apr 2022 · 1 min read पिता हे पिता ! तुम हो महान , अस्तित्व मेरा तुमने किया प्रदान , इस भवसागर में होते हो मेरे साथ , सुख देने के लिए करते हर संभव प्रयास ,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता · प्रकाश की कविताएं 22 22 936 Share Buddha Prakash 18 Apr 2022 · 1 min read पिता आदर्श नायक हमारे पिता तुम्हारे जीवन की सुनी है कहानी, तभी तो आदर्श नायक हो हमारे , बचपन में ऊँगली पकड़ कर चलना है सिखाया, संस्कार देकर जीवन जीना भी है बताया, रूखी-सूखी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता · प्रकाश की कविताएं 14 20 558 Share Buddha Prakash 9 May 2022 · 1 min read पिता के चरणों को नमन । पिता तुम्हारे चरणों को, नमन करते बार-बार हैं । जन्म हुआ इस अद्भुत संसार में, उसमें तुम्हारा आशीर्वाद है, समर्पित किया अपने जीवन को, ऐसा हृदय तुम्हारा विशाल है ।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता · प्रकाश की कविताएं 10 10 684 Share Buddha Prakash 23 Jul 2022 · 1 min read पहनते है चरण पादुकाएं । पहनते है चरण पादुकाएं । दशा और दुर्दशा का भी हाल बताते है, करते है सुरक्षा सभी के पैरों की, चलना हो जाता है बड़ा आसान , यात्रा हो या... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 9 4 457 Share Buddha Prakash 14 Aug 2022 · 1 min read फहराये तिरंगा । चलो चलें फहराये तिरंगा, हर घर में लगाए तिरंगा, देश के कोने-कोने में, वीरों के गीत गाए तिरंगा, शान तिरंगा मान तिरंगा, देश की पहचान तिरंगा ।....।1। चलो चलें फहराये... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 8 8 310 Share Buddha Prakash 17 Jul 2022 · 1 min read भूखे पेट न सोए कोई । अगर थोड़ा-सा समझदार बन जाओ, अहम् भाव को त्याग सको, अपना व्यक्तित्व पहचान लो, तुम भी वहीं इंसान हो, भूख में लंगर छ्के हो, भूखे पेट न सोए फिर कोई... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 8 4 307 Share Buddha Prakash 2 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत नहीं बदलनी थी । फ़ितरत नहीं बदलनी थी उसकी, पहली मुलाक़ात मे जो दिखी थी, एक ना एक दिन स्वतः बाहर आना था, हकीकत मे जो अंदर छुपी थी, उम्र कितनी भी गुजर जाए... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · प्रकाश की कविताएं 7 1 244 Share Buddha Prakash 22 Jul 2022 · 1 min read बरसात की झड़ी । उमड़-घुमड़ के आये मेघ, बरसात की झड़ी लगाने। सावन और मेघा, प्रेम से तन को भिगाने, मन को तृप्त करने, बरसो रे मेघा ,बरसो, ये नदियां तुझको तरसे, सुनने को... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 7 6 666 Share Buddha Prakash 19 May 2022 · 1 min read अरदास तुम्ही हो मालिक, तुम्ही खुदा हो, तुम्ही इस जगत के, जगत पिता हो। तुम्ही हो अम्बर, तुम्ही धरा हो, तुम्ही जीवन के, मात-पिता हो। तुम्ही हो दाता, तुम्ही ईश्वर हो,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 7 4 687 Share Buddha Prakash 4 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत का रहस्य किसकी क्या फ़ितरत , किसको है पता , जिसने इसको समझा, फ़ितरत कुछ और थी। बड़ी मासूमियत होती है, फ़ितरत छुपती है जहाँ, सदा चौंका देती है अंततः, पीठ पीछे... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · प्रकाश की कविताएं 6 2 359 Share Buddha Prakash 9 Mar 2022 · 1 min read मांँ की सीरत अद्भुत ममता की मूरत है, होती नहीं मांँ जैसी कोई सीरत है । मांँ का एहसास जग से ऊपर , मांँ का प्यार रब से ऊपर , मांँ का आशीर्वाद... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 5 3 298 Share Buddha Prakash 17 Sep 2022 · 1 min read अबला नारी नारियों का शोषण , अभी भी नहीं थम रहा, घर की देहलीज के अंदर, कैद कर अस्तित्व को, तन मन धन स्वभिमान , अबला को रौंद रहा । ना समझ... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 5 4 579 Share Buddha Prakash 25 Jun 2022 · 1 min read जिन्दगी है की अब सम्हाली ही नहीं जाती है । कश्मकश भरी जिन्दगी है, कहती एक कहानी है, बेहाल है जीवन जीना, उम्मीद के भी हाथ खाली है, जिन्दगी है की अब सम्हाली ही नहीं जाती है । साया प्रताड़ित... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 5 4 434 Share Buddha Prakash 22 May 2022 · 1 min read ये पहाड़ कायम है रहते । ये पहाड़ कायम है रहते, अपने स्थान पर दृढ़ स्थिर रहते, और ये झरने बहते रहते, यों ही सामंजस्य बना के रखते, अहंकार को गिरा कर रहते, अस्तित्व अपना बना... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 5 4 616 Share Buddha Prakash 29 Aug 2022 · 1 min read प्यार है ये भैया-भाभी का । भैया की आँखों मे ऐसा क्या दर्द है, पढ़ न सके कोई हकीम, जब भी मुस्कुरा दे भाभीजी, देख भैया जी यूँ ही हो जाए ठीक। सुनते नही जो अपने... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं · हास्य-व्यंग्य 4 2 679 Share Buddha Prakash 6 Oct 2022 · 1 min read चाहे जितनी देर लगे। कण-कण का कल्याण करे, रोम-रोम में होता है बसा, ऐसी है निराकार की कथा, देता है वह अंत में स्वतः, करता है जो भक्ति सदा। चाहे जितनी देर लगे......।1। मन... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 243 Share Buddha Prakash 20 Oct 2022 · 1 min read छोटी-छोटी जिन्दगी जीने की आदत है। छोटी-छोटी जिन्दगी जीने की आदत है, अरमानों की दौलत से लानत है मुझे। मिले हर पल जो खुशी इबादत है , हो जाए प्रसन्नता की बरसात हिक़ारत है मुझे। बूंँद-बूंँद... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 257 Share Buddha Prakash 1 Oct 2022 · 1 min read दफ्तर में इंसान बड़ा सुकून है दफ्तर में, बचे हुए है गृह चक्कर से, करते हुए काम यहाँ, हवा ले रहे मन भर के, मौज ले रहे उन सब के, लगा रहे जो... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 143 Share Buddha Prakash 25 Sep 2022 · 1 min read नौकरी जहांँ आजाद उड़ता पंछी था, जी रहा था अपने घर में, आ गया हूँ करने नौकरी, गुलामो के शहर में । ख्वाहिशें की बहुत थी, करना है अब नौकरी, बंदिशे... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 4 259 Share Buddha Prakash 14 Sep 2022 · 1 min read विश्वास की मंजिल अब तो रुक ही गये, अपनी मंजिल की छाँव में, सुकून मिला है अब जाकर, मिल ही गया ठहराव जब। खुशी का एहसास जो उठा, कितने संघर्षों के पश्चात् अब,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 475 Share Buddha Prakash 4 Nov 2022 · 1 min read तरुवर की शाखाएंँ शाखाएंँ तुम्हारी वृहद फैली, सघन उलझी हुई लताओ से, झुकी हुई है डाली-डाली, लदे हुए है फलो की ढ़ेरी से, शीश झुका कर आभार जताता, जड़ है दाता मधुर फल-फूलो... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 207 Share Buddha Prakash 21 Nov 2022 · 1 min read प्रेम की राख अंत समय में आये हो, जलने के बाद , जो राख बची है, उसमें ही संस्कार छुपे है। मर मिटा है ये शरीर, मस्तिष्क में याद बसी है। नश्वर तो... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 1 267 Share Buddha Prakash 19 Dec 2022 · 1 min read भय की आहट रात अँधेरी उजियारे के बिन, जोर शोर से पवन बह जाए, काली छाया अमावस की रात, आसमां में तारे दीपक-सा मुस्कुराये। आहट कानों के पट के समीप, जोरों के धड़कन... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 355 Share Buddha Prakash 22 Aug 2022 · 1 min read मरहम नहीं बस दुआ दे दो । दर्द से कराह रहे हो अब, चोटे बहुत खाई है तुमने, भूल कर इंसानियत कर्मो में, अनेकोंं के दिल दुखाये है, सोचा नहीं स्वार्थ में एक पल भी, अपनी ही... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 420 Share Buddha Prakash 8 Aug 2022 · 1 min read खंडहर में अब खोज रहे । जग में जो जिंदा हैं, बिछड़कर कितने गुजर गए , बना करके छोड़ गए खंडहर , खंडहर में अब खोज रहे , अपनों के हकीकत का रहस्य । वीरान पड़ा... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 4 398 Share Buddha Prakash 22 Feb 2023 · 1 min read पैगाम डॉ अंबेडकर का पैगाम देने आया मसीहा, पैगाम देकर ही गया। अपनो के खातिर दुनिया से, कलम की ताकत के बल पे, अधिकार दिलाने को ही लड़ा, शिक्षा का हक़ दलित शुद्रो को... Hindi · कविता · जय भीम कविता · प्रकाश की कविताएं 4 1 273 Share Buddha Prakash 18 May 2022 · 1 min read एहसासों से हो जिंदा जब नहीं ले सकते फैसला, खुद के जीवन का ; क्यों किसी के फैसले में, फासले बन जाते हो । जब कर नहीं सकते हो , प्यार किसी को ;... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 4 302 Share Buddha Prakash 20 Jun 2022 · 1 min read प्यारी मेरी बहना छोटी सी प्यारी तुम मेरी हो बहना, जैसा तुम चाहो वैसे ही रहना, याद तुम्हारी आती है हर पल अब, दिल के पास से दूर न रहना, कभी भी हो... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 347 Share Buddha Prakash 27 May 2022 · 1 min read आओ अब लौट चलें वह देश ..। आओ अब लौट चलें वह देश ..। अपना देश है बड़ा प्यारा, सुख शांति बसा है प्यार हमारा, अजनबियों के यहांँ से तो अच्छा है, अपनों के लिए लुटा दूंँ... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 4 572 Share Buddha Prakash 1 Feb 2023 · 1 min read हर बार तुम गिरोगे,हर बार हम उठाएंगे । हर बार तुम गिरोगे,हर बार हम उठाएंगे, लेकिन तुम्हारे कदम मजबूत कराएँगे, तुझे तेरे कदमों में चलना सिखाएंगे, कदम तुझे अपना बढ़ाना सिखाएंगे, हार कर भी तुझको जितना सिखाएंगे। हर... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 413 Share Buddha Prakash 8 Jan 2023 · 1 min read बहुत बातूनी है तू। बहुत बोलती है, छोटी-सी है तू, थकती नहीं बचपन की गुड़िया, बहुत बातूनी है तू। बेटी है अरमान लेकर, जीने की खातिर जन्मी है, छोटी मुँह बड़ी बात कहेगी, बहुत... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 2 155 Share Buddha Prakash 18 Mar 2024 · 1 min read मेरी गोद में सो जाओ मुझे मोल भाव में रखते है, कीमत कितनी है आंकते है, प्रकृति का एक अभिन्न अंग हूँ, हर जीवों का किस्सा हूँ। माँ की ममता मुझमें है छुपी, मेरी गोद... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं · प्रकृति की छाव में 3 2 37 Share Buddha Prakash 6 Dec 2022 · 1 min read बाबा भीमराव अम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस दिक्षा भूमि में आकर देखो, बुद्ध धम्म अपना कर देखो, जिसने बुद्ध का राह दिया, दलित शोषितों का वह राजा है, भीमराव बोधिसत्व कहलाये है। जय भीम जय भीम, गूंजता... Hindi · कविता · जय भीम कविता · प्रकाश की कविताएं 3 2 396 Share Buddha Prakash 1 May 2023 · 1 min read पेड़ से कौन बाते करता है । मूक बाधिर जीवित , इन पेड़ से कौन बातें करता है, कौन पूछता इनका हाल, जिनके फल फूलों से जग पलता है, गर्मी में जो छाया देते, सर्दी में लकड़ी... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 2 324 Share Buddha Prakash 31 Mar 2023 · 1 min read मैं तो बैंक कर्मचारी हूँ। तुम सबको क्या लगता है, मैं पैसों का मालिक हूँ, लॉकर की चाभी रखता हूँ, खजाने का वारिश हूँ, गलत सोचते हो तुम, मैं तो बैंक कर्मचारी हूँ। सजग और... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 2 166 Share Buddha Prakash 25 Mar 2022 · 1 min read एक उम्र थी मेरी भी । आज बूढ़ा दिखता हूंँ तो क्या हुआ , मैं भी कभी नवयुवकों-सा जवान था, जोश और उत्सुकता से भरा हुआ इंसान था, शारीरिक रूप से एक पहलवान था । एक... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 345 Share Buddha Prakash 27 Oct 2022 · 1 min read मृत्यु हूँ । क्या करोगे ? जब आ जाऊँ, पुष्प नहीं है, जो मुरझा जाए, समय नहीं है, जो गुजरता जाए, असत्य नहीं है, जो झुठलाया जाए, चरण नहीं है, जो लड़खड़ा जाए,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 2 122 Share Buddha Prakash 8 Sep 2022 · 1 min read बुद्धत्व से बुद्ध है । बुद्ध ही बुद्ध है जगत मे, जो है बुद्ध के तत्व में, पाया है निर्वाण, बुद्धत्व है वो सार, धम्म है वो ज्ञान, संघ का निर्माण, धम्म चक्र है गति... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 4 305 Share Buddha Prakash 8 Sep 2022 · 1 min read मोमबत्ती जब है जलती मोमबत्ती जब है जलती, हर क्षण है बदलती, ये भी क्या व्यंग है, पहुँचती जब चरम पे, घटती ही जाती, रोशन जग है करती, रोशनी है फैलाती, स्वयं को क्यों... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 4 274 Share Buddha Prakash 3 Oct 2022 · 1 min read माँ का एहसास कृपा तेरी है माँ , माँ मै सोया न अब तक, नींद न आई मुझे वैसे, बचपन में तू ने जब सुलाया, गा गा कर मीठी-मीठी लोरी, भुला अपने सारे... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 473 Share Buddha Prakash 25 Aug 2022 · 1 min read विनाश की जड़ 'क्रोध' । बिन बादलो के जब भी बरसात हुई, समझो वो क्रोध का प्रहार हुआ, बिन सूर्य के मस्तिष्क में गर्मी का ताप चढे़, समझो वो क्रोध की आग हुई, बिन प्रलय... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 4 207 Share Buddha Prakash 25 Apr 2022 · 1 min read जीवन में ही सहे जाते हैं । यूंँ ही क्यों विचलित हो, परेशान से इतने हो, ये पल तो आते जाते हैं, इसी जीवन में ही सहे जाते हैं ।....(१) दुख से बचा न कोई है, दर्द... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 275 Share Buddha Prakash 13 Apr 2022 · 1 min read उत्साह एक प्रेरक है उत्साहित होना जीवन में, अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, बिन उत्साह के जीवन जीना, नीरस-सा जग ही दिखता है ।....(१) रौनक मन की कुंठित होती , तन भी बोझिल लगता है... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 351 Share Buddha Prakash 21 Apr 2022 · 1 min read परिवर्तन की राह पकड़ो । आज अपना विषय बदलता हूंँ, आओ किसी नई जगह पर चलता हूंँ, जहांँ सारे बंधन से मुक्त हो जाऊंँ, अंदर से शरीर की आत्मा तृप्त हो जाए, करू कोई नई... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 2 296 Share Buddha Prakash 5 May 2022 · 1 min read सिपाही सिपाही वर्दी में सुसज्जित होता, सामाजिक वह स्वयं में होता, खाकी वर्दी कानून का अधिकार, मौका देख करे डंडे से प्रहार, उद्दंड बदमाश चोर पर कसे शिकंजा, घर और समाज... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 2 326 Share Buddha Prakash 17 Mar 2023 · 1 min read खामोशी की आहट एक आहट पर दौड़े चलें जाते हो, कौन है उस वीरान जगह में, दिखाई तो कोई देती नहीं, और तुम्हे उसकी आवाज सुनाई पड़ती है, कैसी आहट है? उसकी खामोशी... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 434 Share Buddha Prakash 12 Jun 2023 · 1 min read हमें जीना सिखा रहे थे। ज़माने से कितने खफा और नाराज थे, अपनों से बेगानों-सा वफ़ा निभा रहे थे, कोशिशें नफ़रत जताने वालोंं की हमसे थी इतनी , उनकी हर क्रिया से मुश्किलें नज़र आ... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 2 355 Share Buddha Prakash 23 Jun 2023 · 1 min read जीवन का मकसद क्या है? जीवन का मकसद क्या है? किसको इस बात की परवाह है, अपनी ही चिंता मे डूबे है सब, स्वार्थ सिद्धी ही एक कार्य है अब, अपना उल्लू सीधा हो जाये,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 460 Share Buddha Prakash 28 Jun 2023 · 1 min read बस गया भूतों का डेरा जब से कलयुग ने घेरा, डिजिटल का हुआ सवेरा, मोबाइल ने रुख मोड़ा, बस गया भूतों का डेरा। तारे चमकते थे आसमान में, चमचमाहट नजर आती आधी रात में, रात्रि... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं · हास्य-व्यंग्य 2 338 Share Buddha Prakash 22 Mar 2023 · 1 min read गूंजे नाम तुम्हारा धरती से अम्बर तक, गूंजे नाम तुम्हारा, कर के दिखलाओ, कार्य वह सुन्दर, गली-गली में, हर घर-घर में, गर्व से ले, नाम तुम्हारा। नाम तुम्हारा, तुम्हारी पहचान, बहुत महत्त्व ,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 172 Share Page 1 Next