Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2022 · 1 min read

फहराये तिरंगा ।

चलो चलें फहराये तिरंगा,
हर घर में लगाए तिरंगा,

देश के कोने-कोने में,
वीरों के गीत गाए तिरंगा,

शान तिरंगा मान तिरंगा,
देश की पहचान तिरंगा ।….।1।

चलो चलें फहराये तिरंगा,
हर घर में लगाए तिरंगा,

आँखों को नम कर दे तिरंगा,
शहीदो की याद दिलाये तिरंगा,

सरहद हो या घर की छत,
भारत के वीर सपूत लहराये तिरंगा।….।2।

चलो चलें फहराये तिरंगा,
हर घर में लगाए तिरंगा,

राष्ट्र ध्वज है सबका तिरंगा,
राष्ट्र भक्ति का सम्मान तिरंगा,

तिरंगा है भारत का झंडा,
भारतीयों का गौरव है तिरंगा।…।3।

चलो चलें फहराये तिरंगा,
हर घर में लगाए तिरंगा,

आजादी के पावन पर्व पर,
तिरंगे से सजाये ये बंधन,

एक स्वर में हृदय से निकले,
जय हो भारत जय हो तिरंगा।….।4।

रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा, हमीरपुर।

8 Likes · 8 Comments · 291 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Buddha Prakash
View all
You may also like:
मुझे इश्क से नहीं,झूठ से नफरत है।
मुझे इश्क से नहीं,झूठ से नफरत है।
लक्ष्मी सिंह
मैं माँ हूँ
मैं माँ हूँ
Arti Bhadauria
"उम्मीद का दीया"
Dr. Kishan tandon kranti
उत्तंग पर्वत , गहरा सागर , समतल मैदान , टेढ़ी-मेढ़ी नदियांँ , घने वन ।
उत्तंग पर्वत , गहरा सागर , समतल मैदान , टेढ़ी-मेढ़ी नदियांँ , घने वन ।
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
वक्त कितना भी बुरा हो,
वक्त कितना भी बुरा हो,
Dr. Man Mohan Krishna
मेरी मोहब्बत का चाँद
मेरी मोहब्बत का चाँद
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ठग विद्या, कोयल, सवर्ण और श्रमण / मुसाफ़िर बैठा
ठग विद्या, कोयल, सवर्ण और श्रमण / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
माली अकेला क्या करे ?,
माली अकेला क्या करे ?,
ओनिका सेतिया 'अनु '
क्या जानते हो ----कुछ नही ❤️
क्या जानते हो ----कुछ नही ❤️
Rohit yadav
जीवन कभी गति सा,कभी थमा सा...
जीवन कभी गति सा,कभी थमा सा...
Santosh Soni
किसी का भी असली किरदार या व्यवहार समझना हो तो ख़ुद को या किसी
किसी का भी असली किरदार या व्यवहार समझना हो तो ख़ुद को या किसी
*Author प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चाहत के ज़ख्म
चाहत के ज़ख्म
Surinder blackpen
ज़िंदगी को
ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
मुझे किसी को रंग लगाने की जरूरत नहीं
मुझे किसी को रंग लगाने की जरूरत नहीं
Ranjeet kumar patre
*खुशी उसकी मनाने से (मुक्तक)*
*खुशी उसकी मनाने से (मुक्तक)*
Ravi Prakash
है जो बात अच्छी, वो सब ने ही मानी
है जो बात अच्छी, वो सब ने ही मानी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं भी तुम्हारी परवाह, अब क्यों करुँ
मैं भी तुम्हारी परवाह, अब क्यों करुँ
gurudeenverma198
देह माटी की 'नीलम' श्वासें सभी उधार हैं।
देह माटी की 'नीलम' श्वासें सभी उधार हैं।
Neelam Sharma
💐प्रेम कौतुक-408💐
💐प्रेम कौतुक-408💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
फिर कभी तुमको बुलाऊं
फिर कभी तुमको बुलाऊं
Shivkumar Bilagrami
आजकल के परिवारिक माहौल
आजकल के परिवारिक माहौल
पूर्वार्थ
" रहना तुम्हारे सँग "
DrLakshman Jha Parimal
ज़िंदगी के सौदागर
ज़िंदगी के सौदागर
Shyam Sundar Subramanian
कर्मों के परिणाम से,
कर्मों के परिणाम से,
sushil sarna
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
खुदकुशी नाहीं, इंकलाब करअ
खुदकुशी नाहीं, इंकलाब करअ
Shekhar Chandra Mitra
ये आंखें जब भी रोएंगी तुम्हारी याद आएगी।
ये आंखें जब भी रोएंगी तुम्हारी याद आएगी।
Phool gufran
धमकियां शुरू हो गई
धमकियां शुरू हो गई
Basant Bhagawan Roy
Loading...