Posts Tag: प्रकाश की कविताएं 80 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Buddha Prakash 23 Apr 2024 · 1 min read एक छाया एकदम से याद आया, वो तो थी एक छाया, सिहर उठी मेरी काया, धीरे–धीरे भय था आया। गुमनाम-सा एक मेहमान-सा, बिच राह मे खड़ा था पाया, अँधेरे मे देख ना... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 56 Share Buddha Prakash 6 Apr 2024 · 1 min read शिक्षा अपनी जिम्मेदारी है शिक्षा का मंदिर खुला हुआ है, बुद्धि के पट बंद है जिसके, मंगहाई और बेरोजगारी का आलम, संगत शराब व्यसन में डूबा है, कैसे ना रहे खाली ये विद्यालय, जब... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 57 Share Buddha Prakash 18 Mar 2024 · 1 min read मेरी गोद में सो जाओ मुझे मोल भाव में रखते है, कीमत कितनी है आंकते है, प्रकृति का एक अभिन्न अंग हूँ, हर जीवों का किस्सा हूँ। माँ की ममता मुझमें है छुपी, मेरी गोद... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं · प्रकृति की छाव में 3 2 39 Share Buddha Prakash 22 Jan 2024 · 1 min read बदल चुका क्या समय का लय? ये बात कही और नही, खास बहुत थे करीब तुम, विश्वास नहीं था होगा क्या ? ये समय का फेर-बदल , निकट जो था ? दो गज़ दूरी पर, क्या... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 87 Share Buddha Prakash 9 Jan 2024 · 1 min read आओ उस प्रभु के दर्शन कर लो। आओ प्रभु के दर्शन कर लो, उस अम्बर मे उजागर हुआ, घने घन को चीरते हुए, ओढ़े स्वेत कफन धरा है, प्रकाश लालिमा से रंग कर, मिटा दिया जो कोहरे... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 87 Share Buddha Prakash 7 Jan 2024 · 1 min read आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है। चुप रहकर जो सह लेते जो, क्या दुख उन्ही को होता है ? ये भ्रम सभी का होता है, ये दर्द उसी का होता, महसूस हृदय से जो करता, प्रीत... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 1 124 Share Buddha Prakash 15 Oct 2023 · 1 min read अर्धांगिनी चुप चाप रो रहा रातो को, दुःख जो ढो रहा उन बातो पे, कभी प्रेम गीत जो गाता था, कोकिल सा कंठ बजाता था, तन्हाइयों मे नहीं सो रहा है,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 166 Share Buddha Prakash 15 Oct 2023 · 1 min read मजबूत रिश्ता एक पल को मोहताज नहीं, जीवन मे एहसास नहीं, सदियों से नहीं बिखर सका, रिश्ते मे कुछ खास है बाकी। कैसा भी हो, कुछ भी हो अनबन, छुपा हुआ है... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 127 Share Buddha Prakash 20 Aug 2023 · 1 min read मौसम का मिजाज़ अलबेला मौसम का मिजाज़, बनते बिगड़ते देर नहीं, पल भर मे धूप - छाँव, क्षण मात्र में वर्षा का जल, प्रकृति की अद्भुत घटना स्वतंत्र, हृदय प्रसन्न और सुंदर हो मौसम।... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 255 Share Buddha Prakash 13 Aug 2023 · 1 min read *मन के धागे बुने तो नहीं है* खोयी और उदास हूँ, मोती आँखों के गिरे कही, उनको किसी ने चुने नहीं, सूख गये धरा में अब, दर्द के निशान पड़े वही। ना मोती सुशोभित, ना पुष्प से... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 156 Share Buddha Prakash 4 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत का रहस्य किसकी क्या फ़ितरत , किसको है पता , जिसने इसको समझा, फ़ितरत कुछ और थी। बड़ी मासूमियत होती है, फ़ितरत छुपती है जहाँ, सदा चौंका देती है अंततः, पीठ पीछे... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · प्रकाश की कविताएं 6 2 375 Share Buddha Prakash 2 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत नहीं बदलनी थी । फ़ितरत नहीं बदलनी थी उसकी, पहली मुलाक़ात मे जो दिखी थी, एक ना एक दिन स्वतः बाहर आना था, हकीकत मे जो अंदर छुपी थी, उम्र कितनी भी गुजर जाए... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · प्रकाश की कविताएं 7 1 247 Share Buddha Prakash 2 Jul 2023 · 1 min read औरों की खुशी के लिए । कुछ काम ऐसे भी करने चाहिए, औरों की खुशी के लिए, अपने स्वार्थ को दरकिनार कर के, खुद के दुखों को तज कर । कभी कभी जीवन जी लेना चाहिए,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 140 Share Buddha Prakash 28 Jun 2023 · 1 min read बस गया भूतों का डेरा जब से कलयुग ने घेरा, डिजिटल का हुआ सवेरा, मोबाइल ने रुख मोड़ा, बस गया भूतों का डेरा। तारे चमकते थे आसमान में, चमचमाहट नजर आती आधी रात में, रात्रि... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं · हास्य-व्यंग्य 2 340 Share Buddha Prakash 23 Jun 2023 · 1 min read जीवन का मकसद क्या है? जीवन का मकसद क्या है? किसको इस बात की परवाह है, अपनी ही चिंता मे डूबे है सब, स्वार्थ सिद्धी ही एक कार्य है अब, अपना उल्लू सीधा हो जाये,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 467 Share Buddha Prakash 15 Jun 2023 · 1 min read जहाँ बचा हुआ है अपना इतिहास। अपनी संस्कृति अपनी ही है, इसमे निहित है देशी प्यार, कला, भाव और रीत रिवाज, पालन पोषण नस नस मे समाये, जीता हूँ इसके बदौलत, जहाँ बचा हुआ है अपना... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 278 Share Buddha Prakash 12 Jun 2023 · 1 min read हमें जीना सिखा रहे थे। ज़माने से कितने खफा और नाराज थे, अपनों से बेगानों-सा वफ़ा निभा रहे थे, कोशिशें नफ़रत जताने वालोंं की हमसे थी इतनी , उनकी हर क्रिया से मुश्किलें नज़र आ... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 2 360 Share Buddha Prakash 1 May 2023 · 1 min read पेड़ से कौन बाते करता है । मूक बाधिर जीवित , इन पेड़ से कौन बातें करता है, कौन पूछता इनका हाल, जिनके फल फूलों से जग पलता है, गर्मी में जो छाया देते, सर्दी में लकड़ी... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 2 331 Share Buddha Prakash 26 Apr 2023 · 1 min read सत्य का ध्येय । उमंग की लहरे, हिलोरे लेती, छू लेने को आसमान , बहता रुधिर नस-नस में तेरे, रोको न तुम तनिक भी, फूटने दो ज्वालामुखी सा, दबी हुई है अंदर भड़ास, बर्दाश्त... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 77 Share Buddha Prakash 18 Apr 2023 · 1 min read झुकाव कर के देखो । ये वहीं भाव है, जो सब ढूंढ रहे हो, अपने अपनो को मूंद रहे हो, अंदर ही अंदर एक चाह है, जुड़ने की एक आह भी है, फिर भी क्या... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 231 Share Buddha Prakash 31 Mar 2023 · 1 min read मैं तो बैंक कर्मचारी हूँ। तुम सबको क्या लगता है, मैं पैसों का मालिक हूँ, लॉकर की चाभी रखता हूँ, खजाने का वारिश हूँ, गलत सोचते हो तुम, मैं तो बैंक कर्मचारी हूँ। सजग और... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 2 170 Share Buddha Prakash 22 Mar 2023 · 1 min read गूंजे नाम तुम्हारा धरती से अम्बर तक, गूंजे नाम तुम्हारा, कर के दिखलाओ, कार्य वह सुन्दर, गली-गली में, हर घर-घर में, गर्व से ले, नाम तुम्हारा। नाम तुम्हारा, तुम्हारी पहचान, बहुत महत्त्व ,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 175 Share Buddha Prakash 17 Mar 2023 · 1 min read खामोशी की आहट एक आहट पर दौड़े चलें जाते हो, कौन है उस वीरान जगह में, दिखाई तो कोई देती नहीं, और तुम्हे उसकी आवाज सुनाई पड़ती है, कैसी आहट है? उसकी खामोशी... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 440 Share Buddha Prakash 22 Feb 2023 · 1 min read पैगाम डॉ अंबेडकर का पैगाम देने आया मसीहा, पैगाम देकर ही गया। अपनो के खातिर दुनिया से, कलम की ताकत के बल पे, अधिकार दिलाने को ही लड़ा, शिक्षा का हक़ दलित शुद्रो को... Hindi · कविता · जय भीम कविता · प्रकाश की कविताएं 4 1 276 Share Buddha Prakash 20 Feb 2023 · 1 min read कोरे कागज के पन्ने कोरे कागज के पन्ने, शेष रह जाते थे, वर्ष के अंत में, करते थे उन पर पूर्व अभ्यास, लिख लिख कर कलम से, अगली कक्षा में प्रवेश लेते ही, जब... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 160 Share Buddha Prakash 19 Feb 2023 · 1 min read ख़ामोशी से बातें करते है । ख़ामोशी से बातें करते है, तन्हाई में खुद से कहते है, एक तुम ही हो पास मेरे, एहसासों से छलते रहते हो, हर पल तुझको सहते रहते है, अंतर्मन से... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 138 Share Buddha Prakash 8 Feb 2023 · 1 min read बिस्तर से आशिकी हे ! बिस्तर के आशिक , आशिकी मत कर इससे, ले डूबेगी एक दिन तुझको, आलस्य के साथ में, समय की घड़ी निकल जाएगी, तेरे हाथ से, कैसा ये इश्क... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं · हास्य-व्यंग्य 2 2 213 Share Buddha Prakash 5 Feb 2023 · 1 min read होगा बढ़िया व्यापार यदि आप शुरू करते है कार्य, कहते है किसी और से, खोल ली है एक दुकान, आपके लिए छोटी-सी, आपको मिलेगा एक ही जबाब, परन्तु होना नहीं स्वयं हैरान, '... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 143 Share Buddha Prakash 1 Feb 2023 · 1 min read हर बार तुम गिरोगे,हर बार हम उठाएंगे । हर बार तुम गिरोगे,हर बार हम उठाएंगे, लेकिन तुम्हारे कदम मजबूत कराएँगे, तुझे तेरे कदमों में चलना सिखाएंगे, कदम तुझे अपना बढ़ाना सिखाएंगे, हार कर भी तुझको जितना सिखाएंगे। हर... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 416 Share Buddha Prakash 27 Jan 2023 · 1 min read शांत मन भाव से बैठा हुआ है बावरिया शांत मन भाव से बैठा हुआ है बावरिया, यादों के हर पल से खोज रहा जोगनिया । सूर्य ने ओढ़ रखा है धुंध की सफ़ेद चादर, कड़कती ठण्ड में बारिशों... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 193 Share Buddha Prakash 11 Jan 2023 · 1 min read पालनहार अस्सी बरस का पालनहार, डंडे की टेक झुकी कमर की रेख, कदम दो चार कदम, अपने दम से बढ़ता जाए, डोलत पद हिलता मस्तक, नैनों के आगे मोतियाबिंद छा जाये,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 2 232 Share Buddha Prakash 8 Jan 2023 · 1 min read बहुत बातूनी है तू। बहुत बोलती है, छोटी-सी है तू, थकती नहीं बचपन की गुड़िया, बहुत बातूनी है तू। बेटी है अरमान लेकर, जीने की खातिर जन्मी है, छोटी मुँह बड़ी बात कहेगी, बहुत... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 2 156 Share Buddha Prakash 2 Jan 2023 · 1 min read विधवा एक हंस का जोड़ा , किसने तोड़ा, प्रेम के बंधन से बंध, लिया था सात फेरा, निभाने को साथ, उम्र के आखिरी पड़ाव तक, खिलौना बन गया , दुर्भाग्य के... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 248 Share Buddha Prakash 19 Dec 2022 · 1 min read भय की आहट रात अँधेरी उजियारे के बिन, जोर शोर से पवन बह जाए, काली छाया अमावस की रात, आसमां में तारे दीपक-सा मुस्कुराये। आहट कानों के पट के समीप, जोरों के धड़कन... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 356 Share Buddha Prakash 17 Dec 2022 · 1 min read बुराई बुरी बातों को कहना, सुनना; अपने आप में बुरा ही रहना, बुराईयों का साथ न देना; बुरी बात पकड़ के काज न करना, मन मस्तिक में करें तनाव पैदा; अशांति... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 126 Share Buddha Prakash 16 Dec 2022 · 1 min read आज का बचपन छोटा-सा बच्चा , हो जाए पढ़ने में अच्छा ! बोझ बढ़ा और बड़ा हुआ बस्ता, बचपन में लदा सपनों का दर्जा , टॉपर बनने को दिन रात झींक रहा, ट्यूशन... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 257 Share Buddha Prakash 14 Dec 2022 · 1 min read ऐनक ऐनक मेरा कितना प्यारा, पहनू तो लगता हूँ न्यारा, धूप छाँव में रंग है बदले, चेहरे की रौनक है खिले, सुंदर हीरो सा भी दिखते हो। ऐनक आँखों का सच्चा... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 562 Share Buddha Prakash 6 Dec 2022 · 1 min read बाबा भीमराव अम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस दिक्षा भूमि में आकर देखो, बुद्ध धम्म अपना कर देखो, जिसने बुद्ध का राह दिया, दलित शोषितों का वह राजा है, भीमराव बोधिसत्व कहलाये है। जय भीम जय भीम, गूंजता... Hindi · कविता · जय भीम कविता · प्रकाश की कविताएं 3 2 401 Share Buddha Prakash 2 Dec 2022 · 1 min read मेहमान की आओ भगत । भूले भटकते इस कलयुग में, वर्षों बाद कोई आया मेहमान, याद दिलाने अपने कर्तव्यो को, खो रहा है व्यस्त क्षण भंगुर इंसान। सेवा करना संस्कार अपना , स्वार्थ में सारे... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 590 Share Buddha Prakash 21 Nov 2022 · 1 min read प्रेम की राख अंत समय में आये हो, जलने के बाद , जो राख बची है, उसमें ही संस्कार छुपे है। मर मिटा है ये शरीर, मस्तिष्क में याद बसी है। नश्वर तो... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 1 267 Share Buddha Prakash 4 Nov 2022 · 1 min read तरुवर की शाखाएंँ शाखाएंँ तुम्हारी वृहद फैली, सघन उलझी हुई लताओ से, झुकी हुई है डाली-डाली, लदे हुए है फलो की ढ़ेरी से, शीश झुका कर आभार जताता, जड़ है दाता मधुर फल-फूलो... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 209 Share Buddha Prakash 27 Oct 2022 · 1 min read मृत्यु हूँ । क्या करोगे ? जब आ जाऊँ, पुष्प नहीं है, जो मुरझा जाए, समय नहीं है, जो गुजरता जाए, असत्य नहीं है, जो झुठलाया जाए, चरण नहीं है, जो लड़खड़ा जाए,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 2 127 Share Buddha Prakash 20 Oct 2022 · 1 min read छोटी-छोटी जिन्दगी जीने की आदत है। छोटी-छोटी जिन्दगी जीने की आदत है, अरमानों की दौलत से लानत है मुझे। मिले हर पल जो खुशी इबादत है , हो जाए प्रसन्नता की बरसात हिक़ारत है मुझे। बूंँद-बूंँद... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 262 Share Buddha Prakash 6 Oct 2022 · 1 min read चाहे जितनी देर लगे। कण-कण का कल्याण करे, रोम-रोम में होता है बसा, ऐसी है निराकार की कथा, देता है वह अंत में स्वतः, करता है जो भक्ति सदा। चाहे जितनी देर लगे......।1। मन... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 245 Share Buddha Prakash 3 Oct 2022 · 1 min read माँ का एहसास कृपा तेरी है माँ , माँ मै सोया न अब तक, नींद न आई मुझे वैसे, बचपन में तू ने जब सुलाया, गा गा कर मीठी-मीठी लोरी, भुला अपने सारे... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 477 Share Buddha Prakash 1 Oct 2022 · 1 min read दफ्तर में इंसान बड़ा सुकून है दफ्तर में, बचे हुए है गृह चक्कर से, करते हुए काम यहाँ, हवा ले रहे मन भर के, मौज ले रहे उन सब के, लगा रहे जो... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 145 Share Buddha Prakash 25 Sep 2022 · 1 min read नौकरी जहांँ आजाद उड़ता पंछी था, जी रहा था अपने घर में, आ गया हूँ करने नौकरी, गुलामो के शहर में । ख्वाहिशें की बहुत थी, करना है अब नौकरी, बंदिशे... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 4 263 Share Buddha Prakash 20 Sep 2022 · 1 min read नारी जीवन की धारा चली मैं चली मैं, खुद को है मढ़ ने, नारी हूँ मैं नारी, संवारा मैंने जग को, मुझसे है जीवन, जीवन इस धरा पे, जलती हुई मैं, लौ हूँ दिया... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 234 Share Buddha Prakash 17 Sep 2022 · 1 min read अबला नारी नारियों का शोषण , अभी भी नहीं थम रहा, घर की देहलीज के अंदर, कैद कर अस्तित्व को, तन मन धन स्वभिमान , अबला को रौंद रहा । ना समझ... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 5 4 584 Share Buddha Prakash 14 Sep 2022 · 1 min read विश्वास की मंजिल अब तो रुक ही गये, अपनी मंजिल की छाँव में, सुकून मिला है अब जाकर, मिल ही गया ठहराव जब। खुशी का एहसास जो उठा, कितने संघर्षों के पश्चात् अब,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 478 Share Page 1 Next