Posts Tag: प्रकाश की कविताएं 110 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Buddha Prakash 21 May 2025 · 1 min read नाम तेरा बाबा साहेब सबको बतलाएंगे। बाबा साहेब तेरे नाम का, चिराग हम जलाएंगे, रोशन इस जग को हम भी कर जाएंगे, नाम तेरा बाबा साहेब सबको बतलाएंगे। तुमने जो दिया है शिक्षा का मौका, उसी... Hindi · कविता · जय भीम कविता · प्रकाश की कविताएं 8 Share Buddha Prakash 21 Apr 2025 · 1 min read तोड़ दो हताशा से नाता इतने हताश होते हो क्यों ? जग में रह कर रोते हो क्यों? सृष्टि तो अविनाशी है, सकल निरंतर बढ़ती है यूँही। निस दिन होता,रात और दिन, नवल सवेरा शुभ... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 31 Share Buddha Prakash 5 Apr 2025 · 1 min read थोड़ा सा झुक जाने से। कुछ समीप आने पर, कुछ रुक जाने पर, बहुत से काम बन जाते है, थोड़ा सा झुक जाने से। मन के बैर टूट जाते है, आपस के रिश्ते जुड़ जाते... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 1 45 Share Buddha Prakash 3 Apr 2025 · 1 min read तिरंगा लहराता हुआ झंडा अपना अभिमान है। खूब मनाओ तीज त्यौहार, खूब बढ़ाओ अपने संस्कार, ये संस्कृति ही अपनी जननी है, भूलना न मातृ भूमि का प्यार। दौलत शोहरत के चक्कर में, सौदा न करना अपने संस्कृति... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 52 Share Buddha Prakash 1 Apr 2025 · 1 min read रोग हानिकारक होत है ! रोग ,ये हानिकारक होत है! बोझ से अधिक,मानसिक बोझ सोच है, पीड़ा , भय, अनिद्रा,अशांति,और तनाव अनेक है, ये रोग भी भारी दुःख है । रोगी बन जाता है वो... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 43 Share Buddha Prakash 27 Mar 2025 · 1 min read मुद्दा मुद्दे की बात बिगड़ जाए जब, ये मुद्दा कहाँ से पकड़ के लाए, छोड़ो सब है बेकार की बातें, किसी और मुद्दे में बात चलाए अब। मुद्दा क्या है? क्या... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 1 42 Share Buddha Prakash 25 Mar 2025 · 1 min read क्या बोले थे तुम ! बहुत बुरे हो तुम ! छोड़ के जो मुझे जा रहे हो, भर भर के आंखों में आँसू, मुझे तुम रुला रहे हो। सोचा नहीं था मैने, प्रीत का बंधन... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 2 62 Share Buddha Prakash 20 Mar 2025 · 1 min read इत्मीनान रखो मुझको न तुम पसंद करो, ये खेल नहीं है जीवन मेरा, बिकने वाली न ही गुड़िया हूँ, न ही बाजार खुला यहाँ । घर मेरा ये, जहाँ पाली बढ़ी हुई,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 52 Share Buddha Prakash 14 Mar 2025 · 1 min read निरीक्षक कक्ष के अंदर टहल रहा है, बैच लगाए एक ऐसा शिक्षक, नकलचियों को पकड़ने के लिए, निगाहें गड़ाए हुए है निरीक्षक। परीक्षा की घड़ी चल रही है, व्यवस्था में भी... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 40 Share Buddha Prakash 14 Mar 2025 · 1 min read अंतर्मन के हैवान अपने अंदर के हैवानों को, खुद ही मार गिराना है, तीर ,तलवार,बंदूक की गोली से, नहीं निशाना लगाना है। बैठा हुआ जो मन के भीतर, छुपा हुआ है जहर बनकर,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 38 Share Buddha Prakash 14 Mar 2025 · 1 min read दौलत के चक्कर में जो है बौराए। खूब कमाया खूब छुपाया, तिज़ोरी भर भर कर नींद उड़ाया, लॉकर शॉकर बैंको में भी, खाते में रुपया खूब भर पाया। कृपण बन गए इसके चक्कर में, जीवन फकीरों सा... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 43 Share Buddha Prakash 14 Mar 2025 · 1 min read बाबा साहब तेरी महिमा बाबा साहब तेरी महिमा, तेरी करुणा से हम जीते है, छूत अछूत कहलाने वाले, स्वतन्त्र स्वाभिमान से रहते है। तुम न होते बाबा साहेब, क्या दीन दशा हमारी थी, भैंस... Hindi · कविता · जय भीम कविता · प्रकाश की कविताएं 2 43 Share Buddha Prakash 14 Mar 2025 · 1 min read तुम हो ! शक्तिवान धूप छाँव यूँ ही ताकोगें, झूठ मूठ के बहाने गढ़ोगे, सत्य कर्म करने से बचोगे, कैसे तुम संघर्ष करोगे। आलस्य और प्रमाद में डूबे, ख्यालों के उन्माद में भूले, उदास... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 38 Share Buddha Prakash 14 Mar 2025 · 1 min read महापुरुषों का इतिहास आदर्शों पर कौन चलता है? जीवन उनका कौन पढ़ता है? महान बने भारत और जग में, उन महापुरुषों का इतिहास कौन समझता है। इतना संयम अब नहीं है इस दौर... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 40 Share Buddha Prakash 13 Mar 2025 · 1 min read बंदरों का उत्पात बंदरों का उत्पात यही है, नगर गांव में टोली लेकर, चक्कर काटे बन कर एक बॉस, उछल कूद मचाए ये रोज। पेड़ों को देख घेरा भी डाले, डाली डाली में... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 35 Share Buddha Prakash 13 Mar 2025 · 1 min read क्यों खामोश हो जाते हो ? क्यों खामोश हो जाते हो ? क्यों ? क्यों खामोश हो जाते हो ? मेरी बाते सुन कर ! मेरी चीखे और आवाजें सुनकर, जब कोई दरिंदा हैवानियत में आ... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 1 42 Share Buddha Prakash 12 Feb 2025 · 1 min read भय की महिमा देखो भय से कोई न प्रीत करता, कर्ता धरता भी स्वाहा करता, संकुचित होकर हाहा करता, पागल जैसे वाह वाह करता। कैसा है भय की महिमा देखो, खुद की परछाई से... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 71 Share Buddha Prakash 9 Feb 2025 · 1 min read संघर्ष की धूप मे तपते है ! पिता है ! जो काले हो जाते है, गोरे हुए तो लाल हो जाते है, संघर्ष की धूप मे तपते है, बच्चों के लिए रोटियाँ सेकते है। सूखे से हो... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 66 Share Buddha Prakash 1 Jan 2025 · 1 min read धन्यवाद , नव वर्ष को कहें। *सभी को नव वर्ष २०२५ की हार्दिक शुभकामनाएँ * शुभ होय, मंगल हो! हृदय अपना हृदयांगम हो, झूम उठे मन और तन, नव वर्ष मंगलमय हो। आता जाता समय है... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 225 Share Buddha Prakash 31 Dec 2024 · 1 min read दबे पाँव से निकल गयी वो मन की बात है जानें, मुख से न कह सकी, गूंगी न थी वाचाल सी, लब्जो के खाये है ताने, प्यार की जो पहली किरण, घन की आड़ मे... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 204 Share Buddha Prakash 26 Dec 2024 · 1 min read खुद को तुम भी समझा लेना, ! खुद को मैंने समझाया है, खुद को तुम भी समझा लेना, चिन्ता और तनाव मे आकर, अपनी चिता में आग न लगा लेना । जीवन का पहलु एक नहीं, दूसरा... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 358 Share Buddha Prakash 19 Nov 2024 · 1 min read बहू एक उड़की-उड़की हुई बहू, चांद-सा चेहरा उसका, क्यो थी लुढकी- लुढकी सी बहू, सुबह सवेरे रेल के सफर में, बैठी चुपकी - चुपकी सी बहू। रूप सुंदर नैना काले, गोरे... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं · हास्य-व्यंग्य 3 135 Share Buddha Prakash 31 Oct 2024 · 1 min read हर घर में जब जले दियाली । दिवाली की बात निराली, अँधियारी थी हुई सयानी, घोर घमंड अंधेरा का फैला, मन के अंदर था जो मैला, हुई सफाई दिवाली में, दीपक की लौ जा उजियारी लाई, ढेर... Hindi · प्रकाश की कविताएं 4 211 Share Buddha Prakash 12 Oct 2024 · 1 min read रतन टाटा जी की बात थी खास तुम दानवीर ,तुम में है धीर, शिद्दत से साधा है तुमने तीर, ओढ़े कफन हो तुम रतन, कुदरत से तेरा अटूट बंधन। श्रद्धा सुमन अर्पित है तुझे, शांति से तुमने... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 129 Share Buddha Prakash 15 Aug 2024 · 1 min read गर्व हमें है ये भारत हमारा। यह देश है मेरा इतना प्यारा, लगता है सबको ही न्यारा, इसकी मिट्टी में हम है जन्मे, गर्व हमें है ये भारत हमारा। शान है इसकी इस जहाँ से ज्यादा,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 171 Share Buddha Prakash 2 Aug 2024 · 1 min read अँधियारे में जीने दो अँधियारे में जीने दो, भय मुझको अब लगता है, प्रत्यक्ष जग में दिखता हूँ, खुद के मन से छुपता हूँ। ये तीव्र रोशनी सच्चाई का, काँटो सा मुझको चुभता है,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 140 Share Buddha Prakash 2 Aug 2024 · 1 min read हमने कब कहा था , इंतजार नहीं करेंगे हम.....।। ये हमने कब कहा था , इंतजार नहीं करेंगे हम। कैसे ये समझ लिया आपने, प्यार नहीं है करते अब , इकरार ये हुआ था कब, इन निगाहों से पूछ... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 211 Share Buddha Prakash 30 Jul 2024 · 1 min read मानवता का है निशान । आंँसू आँखों से छलके कैसे? मानवता का हृदय धड़के बंध के, दुःख भी दुःख-सा न होता प्रतीत, मिल जाये जब मौका कभी, हाथ बढ़ा दो ,एहसास जगा लो, मानवता का... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 229 Share Buddha Prakash 28 Jun 2024 · 1 min read अब उसने अपना घर ढूंँढ लिया है अब उसने अपना घर ढूंँढ लिया है, अपना रास्ता चुन लिया है, अपनी होकर कैसे हई परायी, प्रीत मे कैसी है ये दुःखदायी। आंँसू छलके नैना से जब भी, दूर... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 2 148 Share Buddha Prakash 1 May 2024 · 1 min read बना रही थी संवेदनशील मुझे जब मै टहल रहा मदहोस था, सुना , रोते किसी को बागो में, फल लदे हुए थे वृक्ष की गोद मे, ना भूख थी, ना बेहोश थी, आंँसू मे डूबे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 222 Share Buddha Prakash 1 May 2024 · 1 min read संवेदनाएं मत पालो ये भ्रम मन में, वेदनाएं विलुप्त हो गयी है , संवेदनाएं कही खो गयी । जगाती है तुम्हे तुमसे, जोड़ती है तुम्हे उनसे, संवेदनाएं यही कही है। एक... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · प्रकाश की कविताएं 2 1 164 Share Buddha Prakash 23 Apr 2024 · 1 min read एक छाया एकदम से याद आया, वो तो थी एक छाया, सिहर उठी मेरी काया, धीरे–धीरे भय था आया। गुमनाम-सा एक मेहमान-सा, बिच राह मे खड़ा था पाया, अँधेरे मे देख ना... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 5 222 Share Buddha Prakash 6 Apr 2024 · 1 min read शिक्षा अपनी जिम्मेदारी है शिक्षा का मंदिर खुला हुआ है, बुद्धि के पट बंद है जिसके, मंगहाई और बेरोजगारी का आलम, संगत शराब व्यसन में डूबा है, कैसे ना रहे खाली ये विद्यालय, जब... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 224 Share Buddha Prakash 1 Apr 2024 · 1 min read क्या सत्य है ? जन्म हुआ है तो मरण भी होगा, कौन ध्यान इसपर है देगा ? क्या सत्य और क्या झूठ है, जग मे हुई क्या भूल है ? अपने को कौन निहारता... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 241 Share Buddha Prakash 30 Mar 2024 · 1 min read खोज करो तुम मन के अंदर खोज करो तुम मन के अंदर, मन मंदिर है तन के अंदर, विराजमान जहाँ मस्त कलंदर, सत्य है अंदर , जग है भ्रम वहम दर्पण। मोह लोभ क्रोध भय काम... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · प्रकाश की कविताएं 5 209 Share Buddha Prakash 22 Jan 2024 · 1 min read बदल चुका क्या समय का लय? ये बात कही और नही, खास बहुत थे करीब तुम, विश्वास नहीं था होगा क्या ? ये समय का फेर-बदल , निकट जो था ? दो गज़ दूरी पर, क्या... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 239 Share Buddha Prakash 9 Jan 2024 · 1 min read आओ उस प्रभु के दर्शन कर लो। आओ प्रभु के दर्शन कर लो, उस अम्बर मे उजागर हुआ, घने घन को चीरते हुए, ओढ़े स्वेत कफन धरा है, प्रकाश लालिमा से रंग कर, मिटा दिया जो कोहरे... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 196 Share Buddha Prakash 7 Jan 2024 · 1 min read आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है। चुप रहकर जो सह लेते जो, क्या दुख उन्ही को होता है ? ये भ्रम सभी का होता है, ये दर्द उसी का होता, महसूस हृदय से जो करता, प्रीत... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 1 331 Share Buddha Prakash 15 Oct 2023 · 1 min read अर्धांगिनी चुप चाप रो रहा रातो को, दुःख जो ढो रहा उन बातो पे, कभी प्रेम गीत जो गाता था, कोकिल सा कंठ बजाता था, तन्हाइयों मे नहीं सो रहा है,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 1 350 Share Buddha Prakash 15 Oct 2023 · 1 min read मजबूत रिश्ता एक पल को मोहताज नहीं, जीवन मे एहसास नहीं, सदियों से नहीं बिखर सका, रिश्ते मे कुछ खास है बाकी। कैसा भी हो, कुछ भी हो अनबन, छुपा हुआ है... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 341 Share Buddha Prakash 20 Aug 2023 · 1 min read मौसम का मिजाज़ अलबेला मौसम का मिजाज़, बनते बिगड़ते देर नहीं, पल भर मे धूप - छाँव, क्षण मात्र में वर्षा का जल, प्रकृति की अद्भुत घटना स्वतंत्र, हृदय प्रसन्न और सुंदर हो मौसम।... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 4 385 Share Buddha Prakash 13 Aug 2023 · 1 min read *मन के धागे बुने तो नहीं है* खोयी और उदास हूँ, मोती आँखों के गिरे कही, उनको किसी ने चुने नहीं, सूख गये धरा में अब, दर्द के निशान पड़े वही। ना मोती सुशोभित, ना पुष्प से... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 266 Share Buddha Prakash 4 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत का रहस्य किसकी क्या फ़ितरत , किसको है पता , जिसने इसको समझा, फ़ितरत कुछ और थी। बड़ी मासूमियत होती है, फ़ितरत छुपती है जहाँ, सदा चौंका देती है अंततः, पीठ पीछे... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · प्रकाश की कविताएं 8 2 558 Share Buddha Prakash 2 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत नहीं बदलनी थी । फ़ितरत नहीं बदलनी थी उसकी, पहली मुलाक़ात मे जो दिखी थी, एक ना एक दिन स्वतः बाहर आना था, हकीकत मे जो अंदर छुपी थी, उम्र कितनी भी गुजर जाए... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · प्रकाश की कविताएं 9 1 387 Share Buddha Prakash 2 Jul 2023 · 1 min read औरों की खुशी के लिए । कुछ काम ऐसे भी करने चाहिए, औरों की खुशी के लिए, अपने स्वार्थ को दरकिनार कर के, खुद के दुखों को तज कर । कभी कभी जीवन जी लेना चाहिए,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 286 Share Buddha Prakash 28 Jun 2023 · 1 min read बस गया भूतों का डेरा जब से कलयुग ने घेरा, डिजिटल का हुआ सवेरा, मोबाइल ने रुख मोड़ा, बस गया भूतों का डेरा। तारे चमकते थे आसमान में, चमचमाहट नजर आती आधी रात में, रात्रि... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं · हास्य-व्यंग्य 3 451 Share Buddha Prakash 23 Jun 2023 · 1 min read जीवन का मकसद क्या है? जीवन का मकसद क्या है? किसको इस बात की परवाह है, अपनी ही चिंता मे डूबे है सब, स्वार्थ सिद्धी ही एक कार्य है अब, अपना उल्लू सीधा हो जाये,... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 665 Share Buddha Prakash 15 Jun 2023 · 1 min read जहाँ बचा हुआ है अपना इतिहास। अपनी संस्कृति अपनी ही है, इसमे निहित है देशी प्यार, कला, भाव और रीत रिवाज, पालन पोषण नस नस मे समाये, जीता हूँ इसके बदौलत, जहाँ बचा हुआ है अपना... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 369 Share Buddha Prakash 12 Jun 2023 · 1 min read हमें जीना सिखा रहे थे। ज़माने से कितने खफा और नाराज थे, अपनों से बेगानों-सा वफ़ा निभा रहे थे, कोशिशें नफ़रत जताने वालोंं की हमसे थी इतनी , उनकी हर क्रिया से मुश्किलें नज़र आ... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 2 515 Share Buddha Prakash 26 Apr 2023 · 1 min read सत्य का ध्येय । उमंग की लहरे, हिलोरे लेती, छू लेने को आसमान , बहता रुधिर नस-नस में तेरे, रोको न तुम तनिक भी, फूटने दो ज्वालामुखी सा, दबी हुई है अंदर भड़ास, बर्दाश्त... Hindi · कविता · प्रकाश की कविताएं 3 184 Share Page 1 Next