Tag: नज़्म
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"कुछ तो गुन-गुना रही हो"☺️
Lohit Tamta
यह सिर्फ़ वर्दी नहीं, मेरी वो दौलत है जो मैंने अपना खून और पसीना बहा के हासिल की है। This is not just my uniform but my wealth which I have earned by shedding my blood and sweat..!
Lohit Tamta
"अगली राखी में आऊँगा"
Lohit Tamta
"फौजी और उसका शहीद साथी"
Lohit Tamta
"फौजियों की अधूरी कहानी"
Lohit Tamta
'फौजी होना आसान नहीं होता"
Lohit Tamta
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के
अनिल कुमार
#udhas#alone#aloneboy#brokenheart
Dalveer Singh
कैलेंडर
Shiva Awasthi
"कारगिल विजय दिवस"
Lohit Tamta
"तुम हक़ीक़त हो ख़्वाब हो या लिखी हुई कोई ख़ुबसूरत नज़्म"
Lohit Tamta
यादों की परछाइयां
Shekhar Chandra Mitra
अब तो मिलने से भी घबरा रहा हूँ
बदनाम बनारसी
ख़ामुश हुई ख़्वाहिशें - नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
ग़ज़ल/नज़्म - उसका प्यार जब से कुछ-कुछ गहरा हुआ है
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - उसके सारे जज़्बात मद्देनजर रखे
अनिल कुमार
नज़्म/कविता - जब अहसासों में तू बसी है
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - शाम का ये आसमांँ आज कुछ धुंधलाया है
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - न जाने किस क़दर भरी थी जीने की आरज़ू उसमें
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - एक वो दोस्त ही तो है जो हर जगहा याद आती है
अनिल कुमार
हमसफर
Dalveer Singh
Mubarak ho
Nitu Sah
■ संवेदनशील मन अतीत को कभी विस्मृत नहीं करता। उसमें और व्याव
*Author प्रणय प्रभात*
"सुनो एक सैर पर चलते है"
Lohit Tamta
तेरा पापा... अपने वतन में
Dr. Pratibha Mahi
झूठों से महफ़िल सजी थी
Krishan Singh
जब-जब देखूं चाँद गगन में.....
अश्क चिरैयाकोटी
"दोस्त-दोस्ती और पल"
Lohit Tamta
किसी को अपना दर्द बताने से बेहतर है
Krishan Singh
नज़्म
Shiva Awasthi
#नज़्म / पता नहीं क्यों...!!
*Author प्रणय प्रभात*
नज़्म/गीत - वो मधुशाला, अब कहाँ
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म/मुक्तक - बिन मौसम की बारिश में नहाना, अच्छा है क्या
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - मुझे दुश्मनों की गलियों में रहना पसन्द आता है
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - मेरे महबूब के दीदार में बहार बहुत हैं
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - वो ही वैलेंटाइन डे था
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
अनिल कुमार
वो मेरे प्रेम में कमियाँ गिनते रहे
Neeraj Mishra " नीर "
ग़ज़ल/नज़्म - वजूद-ए-हुस्न को जानने की मैंने पूरी-पूरी तैयारी की
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म: एक तेरे ख़्वाब में ही तो हमने हजारों ख़्वाब पाले हैं
अनिल कुमार
#नज़्म / ■ दिल का रिश्ता
*Author प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल/नज़्म - दस्तूर-ए-दुनिया तो अब ये आम हो गया
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - मैं बस काश! काश! करते-करते रह गया
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा कर नज़र झुकाने की
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - प्यार के ख्वाबों को दिल में सजा लूँ तो क्या हो
अनिल कुमार
■ नज़्म-ए-मुख्तसर
*Author प्रणय प्रभात*
■ छोटी सी नज़्म...
*Author प्रणय प्रभात*
■मंज़रकशी :--
*Author प्रणय प्रभात*