मेरी नज़्म, शायरी, ग़ज़ल, की आवाज हो तुम
तब याद तुम्हारी आती है (गीत)
* मन में कोई बात न रखना *
नित हर्ष रहे उत्कर्ष रहे, कर कंचनमय थाल रहे ।
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
💐प्रेम कौतुक-273💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पाखी खोले पंख : व्यापक फलक की प्रस्तुति
बड़ा मुश्किल है ये लम्हे,पल और दिन गुजारना
बोलो क्या कहना है बोलो !!
दर्द आँखों में आँसू बनने की बजाय
जैसी नीयत, वैसी बरकत! ये सिर्फ एक लोकोक्ति ही नहीं है, ब्रह्
■ श्रमजीवी को किस का डर...?
"भँडारे मेँ मिलन" हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD