Tag: नज़्म
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वो मेरे प्रेम में कमियाँ गिनते रहे
Neeraj Mishra " नीर "
मुहब्बत-एक नज़्म
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
नज़्म
Shiva Awasthi
#नज़्म / ■ दिल का रिश्ता
*Author प्रणय प्रभात*
■ संवेदनशील मन अतीत को कभी विस्मृत नहीं करता। उसमें और व्याव
*Author प्रणय प्रभात*
■ नज़्म-ए-मुख्तसर
*Author प्रणय प्रभात*
■ छोटी सी नज़्म...
*Author प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल/नज़्म - फितरत-ए-इंसा...आज़ कोई सामान बिक गया नाम बन के
अनिल कुमार
#छोटी_सी_नज़्म
*Author प्रणय प्रभात*
■मंज़रकशी :--
*Author प्रणय प्रभात*
अब तो मिलने से भी घबरा रहा हूँ
बदनाम बनारसी
ग़ज़ल/नज़्म - दस्तूर-ए-दुनिया तो अब ये आम हो गया
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - एक वो दोस्त ही तो है जो हर जगहा याद आती है
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - शाम का ये आसमांँ आज कुछ धुंधलाया है
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - उसके सारे जज़्बात मद्देनजर रखे
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - प्यार के ख्वाबों को दिल में सजा लूँ तो क्या हो
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - उसकी तो बस आदत थी मुस्कुरा कर नज़र झुकाने की
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - मैं बस काश! काश! करते-करते रह गया
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - उसका प्यार जब से कुछ-कुछ गहरा हुआ है
अनिल कुमार
नज़्म/कविता - जब अहसासों में तू बसी है
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म: एक तेरे ख़्वाब में ही तो हमने हजारों ख़्वाब पाले हैं
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - वजूद-ए-हुस्न को जानने की मैंने पूरी-पूरी तैयारी की
अनिल कुमार
अवतार देखो
Kunal Kanth
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - वो ही वैलेंटाइन डे था
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - मेरे महबूब के दीदार में बहार बहुत हैं
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - मुझे दुश्मनों की गलियों में रहना पसन्द आता है
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - ये प्यार-व्यार का तो बस एक बहाना है
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म/मुक्तक - बिन मौसम की बारिश में नहाना, अच्छा है क्या
अनिल कुमार
नज़्म/गीत - वो मधुशाला, अब कहाँ
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - दिल में ये हलचलें और है शोर कैसा
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - न जाने किस क़दर भरी थी जीने की आरज़ू उसमें
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म: सोचता हूँ कि आग की तरहाँ खबर फ़ैलाई जाए
अनिल कुमार
ग़ज़ल/नज़्म - इश्क के रणक्षेत्र में बस उतरे वो ही वीर
अनिल कुमार
कश्मीर नज्म
Shah Alam Hindustani
कहाँ है!
Neelam Sharma
कुछ ख्वाहिशों के साथ..
Manisha joshi mani
वो एक दौर ..
Manisha joshi mani
■ नज़्म (ख़ुदा करता कि तुमको)
*Author प्रणय प्रभात*
■ एक_नज़्म_ख़ुद_पर
*Author प्रणय प्रभात*
#नज़्म / पता नहीं क्यों...!!
*Author प्रणय प्रभात*
■ ख़ास दिन, ख़ास बात, नज़्म के साथ
*Author प्रणय प्रभात*
क्या फ़र्क था मेरे और उसके इश्क़ में जो मुझसे दूर उसके करीब हो गए ।
एकांत
तेरी नादानी मान लूंगा
एकांत
मैं उसका और बस वो मेरा था
एकांत
कैलेंडर
Shiva Awasthi
ख़ामुश हुई ख़्वाहिशें - नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
ओस की बूँदें - नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
नज़्म ("सज़ा-ए-मोहब्बत")
Sandeep Singh Chouhan "Shafaq"