Posts Tag: ग़ज़ल 2k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Phool gufran 24 May 2024 · 1 min read चाहत नफरतों में मोहब्बत को भुलाया नहीं जाता । इश्क़ में चाहतों को आज़माया नहीं जाता । दिल के हज़ार टुकड़े हुए इश्क़ में मगर । टूटा हुआ दिल किसी को... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 18 Share Phool gufran 24 May 2024 · 1 min read मौहब्बत ये सफर इश्क़ का आखिरी पैगाम है । तू जिंदगी में मोहब्बत की हंसी शाम है । उसकी मदहोश जवानी के उदास लम्हों में। मैंने जो देखी लवों पर नयी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 22 Share Phool gufran 24 May 2024 · 1 min read मां किसको कहे हम अपना उस बिन नही गुज़ारा। मां नाम है उसी का मेरा है बो सहारा। आंचल के तले उसके सब चैन से सोते हैं। दुनिया में कोई मां... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 13 Share Phool gufran 24 May 2024 · 1 min read हालात ज़माने का सितम दिल पर मेरे नासूर करता है। ये दुनिया का फ़साना लिखने को मजबूर करता है । वया कैसे करु इस देश के बिगड़े हालातों को । सभी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 21 Share Suman (Aditi Angel 🧚🏻) 24 May 2024 · 1 min read गज़ल जहाँ शब्दों की सीमा समेट लेती वाणी, वहाँ आँखें भर देती हैं मौन की कहानी। जब दिल भर जाता है, होंठ नहीं खुलते, आँखों की भाषा से मन के भाव... Poetry Writing Challenge-3 · SilentEyes · ग़ज़ल 1 21 Share Dipak Kumar "Deep" 24 May 2024 · 1 min read यादों की सफ़र" वो हुस्न का शराब पिलाकर चले गए, मासूम दिल दीवाना बनाकर चले गए। नजरों से अपने हमको जो गिरा न सके, दिल से मुझको आज भुलाकर चले गए। ज़िंदगी की... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 15 Share Phool gufran 23 May 2024 · 1 min read बचपन याद है मुझको अभी तक वो फ़साना याद है। बचपन का बीता हुआ मुझको ज़माना याद है। पास बैठकर जब हम गीत सुना करते थे । तेरे होठों से गाया... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 17 Share Dipak Kumar "Deep" 23 May 2024 · 1 min read दीवाना दिल पागल हूं दीवाना हूं मोहब्बत के जमाने में जरा रुख कर दो मुझपे भी कमी क्या इस दीवाने में मैं पागल हूं.... जरा समझो मेरी धड़कन क्यों तुम बेचैन करते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 14 Share विजय कुमार नामदेव 22 May 2024 · 1 min read व्यथा क्या व्यथा कहते बुलाकर चार को। तोड़ते है चार ही घरबार को।। क्यों दवा में भी मिलावट कर रहे। मार ही डालोगे क्या बीमार को।। वक़्त पैसा प्यार सब कुछ... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 13 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read जीवन पथ तबाही का भी जलसा मनाते चलिए पराये को भी अपना बनाते चलिए हमदर्दी की, किसी से, उम्मीद मत करना ज़ख़्म अपने हैं, इन्हें भी अपनाते चलिए तकलीफ़ों से बहुत वाक़िफ़... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · दर्द राजीव टकराना अपनाना 18 Share Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read सितारे हरदम साथ चलें , ऐसा नहीं होता सितारे हरदम साथ चलें , ऐसा नहीं होता चाँदनी हो हर रात के हिस्से में , ऐसा नहीं होता शूल भी मिलेंगे अगर आगे बढ़ना है फूलों का ही सफ़र... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 19 Share Dipak Kumar "Deep" 21 May 2024 · 1 min read तेरा ग़म आप वो ख्वाब जिंदगी में दिखाते न कभी हम भी फिर आप पे हक़ यूँ जताते न कभी हमने तो आपको इक नूर -ए- फरिश्ता समझा वर्ना हमराज़ तुम्हे हम... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 19 Share भरत कुमार सोलंकी 20 May 2024 · 1 min read में बेरोजगारी पर स्वार विसय. बेरोजगारी पर सवार विधा. मुक्तक दिनांक. २०:५:२०२४ 212 212. 212. 22 जिन्दगी का एक पल अब हावि हैं". बन्दगी की सादगी आजादी है ! बरस कई बीत गये यही... Hindi · ग़ज़ल 19 Share Neeraj Mishra " नीर " 20 May 2024 · 1 min read खामोस है जमीं खामोस आसमां , खामोस है जमीं खामोस आसमां , दिल की तड़फ बताऊँ किसे कोई नहीं यहाँ | खामोस है जमीं खामोस आसमां खामोस है जमीं खामोस आसमां खुद को खुद में ढूढते... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 16 Share Vinit kumar 19 May 2024 · 1 min read हिज़ाब को चेहरे से हटाएँ किस तरह Ghazal by Vinit Singh Shayar सरेआम हक़ उन पर जताएँ किस तरह दिल की बात अपनी बताएँ किस तरह जुल्फें हैं कि उड़ उड़ के आती है आँख पे पूनम पे छाया बादल हटाएँ किस... Hindi · ग़ज़ल · शेर 18 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 19 May 2024 · 1 min read मैं बन जाऊँ निगाह तुम्हारी मैं बन जाऊँ निगाह तुम्हारी, तुम ख़्वाब मेरे बन जाना!! मैं बन कर रहूंगा राज़ तुम्हारा, तुम हमराज़ मेरे बन जाना!! आँखें खोजती है तुम्हारा पता, बस तुम मंज़िल मेरे... Hindi · ग़ज़ल 24 Share भरत कुमार सोलंकी 19 May 2024 · 1 min read मन के सवालों का जवाब नाही " मन के सवाल का जवाब नहीं विचारशील मै बैठकर कागज कलम की तन्हाई पर कुछ सवाल उभरे हैं। एकान्त की पराकाष्ठा पर इस मन की गहराई के सवाल का... Hindi · ग़ज़ल 16 Share Neelam Sharma 17 May 2024 · 1 min read ग़ज़ल बह्र - 2122 1212 22 काफ़िया - ओं रदीफ़ - का #मतला हुस्न की आब नूर ख्वाबों का। सिर से पा तक शजर गुलाबों का। #हुस्मन-ए-तला ना ही मेलों का... Hindi · ग़ज़ल 1 28 Share Juhi Grover 17 May 2024 · 1 min read ज़िन्दगी में अब बचा क्या है? बर्बाद कर दिया खुद को काफ़िर बनकर, ज़िन्दगी में अब बचा क्या है? शाम के बाद रात तो होनी ही थी, इसमें अब शुभा क्या है? कोई भी राह हमें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · काफ़िर · ग़ज़ल · ज़िन्दगी · मंज़र 22 Share भरत कुमार सोलंकी 17 May 2024 · 1 min read दहेज ना लेंगे दहेज ना लेंगे मन के मंच पर खुद से खडे होकर, वादा करेंगे। मा बाप को छोद आयी बन उस खुश किस्मत से ना दहेज लेंगे रख संस्कार जिसने अपनी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 21 Share भरत कुमार सोलंकी 17 May 2024 · 1 min read दहेज ना लेंगे दहेज ना लेंगे मन के मंच पर खुद से खडे होकर, वादा करेंगे। मा बाप को छोद आयी बन उस खुश किस्मत से ना दहेज लेंगे रख संस्कार जिसने अपनी... Hindi · ग़ज़ल 23 Share भरत कुमार सोलंकी 17 May 2024 · 1 min read दहेज की जरूरत नहीं लोगो की परम्परा को तोड़ उस अमानत की दर को जोड़ खुद से कहूंगा मुझे दहेज की जरूरत नही भाग्य ने मुझे वो खुशहाली सोप मेरे बदनसीब को रोक मुझसे... Hindi · ग़ज़ल 22 Share Neeraj Mishra " नीर " 17 May 2024 · 1 min read जमाने से विद लेकर.... आज के बाद मैं तुझे याद नहीं आऊँगा जमाने से विद लेकर कही दूर चला जाऊंगा | रुख बदलती हवों के संग तु भी बदल जाएगा रिस्ता क्या तेरा मुझसे... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 47 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा मैं हंसों की तरह तालाब को अब मर के छोड़ूँगा मुझे मालूम है सय्याद ने लूटा चमन को है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 25 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read कभी तो देखने आओ जहाँ हर बार लगता है कभी तो देखने आओ जहाँ हर बार लगता है हमारे गाँव में काफ़ी बड़ा बाज़ार लगता है ये सब तो ग़ैर-मुमकिन था कि वो ख़ंजर चलाएगा मुझे तो ये बताया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 25 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता उसे दिल से लगा लूँ ये गवारा हो नहीं सकता हवाओं में चराग़ों का गुज़ारा हो नहीं सकता हसद रखता हो जो दिल में हमेशा चाल चलता हो हक़ीक़त में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 24 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी ज़िंदगी में कब किसी को तीरगी अच्छी लगी जब भी होती है किसी को बे-वजह सी ये घुटन फिर कहाँ किसको भला... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल 21 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read मोहब्बत का यहाँ पर वो फ़साना छोड़ जाता है मोहब्बत का यहाँ पर वो फ़साना छोड़ जाता है वो हिंदुस्तान में अपना ज़माना छोड़ जाता है जहाँ लाखों करोड़ों लोग अब भी गुनगुनाते हैं वो अल्लामा यहाँ अपना तराना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 22 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read अब तक तबाही के ये इशारे उसी के हैं अब तक तबाही के ये इशारे उसी के हैं ये तख़्त ओ ताज इसलिए सारे उसी के हैं डसने का जिसका काम ही सदियों से चल रहा ये नाग हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 24 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं मुझे बेज़ार करने के उसे भी ख़्वाब रहते हैं कि जैसे सामने कश्ती के कुछ गिर्दाब रहते हैं जिसे देखा गया हो बस गरजने की ही सूरत में उसी एक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 19 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read वो ठोकर से गिराना चाहता है वो ठोकर से गिराना चाहता है मुझे पत्थर पे लाना चाहता है जिसे अपना समझता हूँ जहाँ में वो रस्ते से हटाना चाहता है उसे होते नहीं देखा किसी का... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 16 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा मोहब्बत का वो दावा कर रहा होगा वो सबसे अब दिखावा कर रहा होगा चराग़ों पर अभी है गर्दिश-ए-दौराँ वो आँधी को इशारा कर रहा होगा वो रातों को बड़ी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 20 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत एक दौर में काफ़ी थी बहत्तर की ज़रूरत जो मेरे लिए ही हो परेशानी का बाइस मुझको नहीं ऐसे किसी रहबर की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल 18 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से वो क्या डरेगा अब तो बवंडर के ख़ौफ़ से मौजों से लड़ झगड़ के मैं साहिल पे आ गया लेकिन डरा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल 20 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ छानी हो खाक़ जिस ने भी अपने बदन के साथ उस शख़्स से ना पूछिये उसकी ख़ुशी का हाल जिसने गुज़ारे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 17 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read ख़ुद को फ़लक़ से नीचे उतारा अभी अभी ख़ुद को फ़लक़ से नीचे उतारा अभी अभी टूटा हो जैसे कोई सितारा अभी अभी जैसे किसी ने साँप के फन को कुचल दिया अपनी अना को ऐसे ही मारा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 21 Share अंसार एटवी 17 May 2024 · 1 min read इससे पहले कोई आकर के बचा ले मुझको इससे पहले कोई आकर के बचा ले मुझको हिज्र मेरा ही कहीं मार न डाले मुझको अब तो साहिल पे पहुँच कर ही मैं कुछ दम लूँगा इस से पहले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 20 Share VINOD CHAUHAN 16 May 2024 · 1 min read पहली नजर का जादू दिल पे आज भी है पहली नजर का जादू दिल पे आज भी है वो तेरी नजर का जादू दिल पे आज भी है पहली नजर का जादू दिल पे आज भी है न दिल... Hindi · V9द चौहान · ग़ज़ल 1 26 Share Neelam Sharma 16 May 2024 · 1 min read वज़्न ---221 1221 1221 122 बह्र- बहरे हज़ज मुसम्मन अख़रब मक़्फूफ़ मक़्फूफ़ मुखंन्नक सालिम अर्कान-मफ़ऊल मुफ़ाईलु मुफ़ाईलु फ़ऊलुन तला हम आशिक़ हैं मक़्तल में नाम करेंगे । ये हुस्न के चर्चे तुझे गुलफाम करेंगे। #शेर महफ़िल में हमारी तेरा जब ज़िक्र चलेगा, हम इश्क़ में महफिल वो तेरे... Hindi · ग़ज़ल · वज़्न ---221 1221 1221 122 ब 20 Share Akash Agam 16 May 2024 · 1 min read हवा का ख़ौफ़ हवा का ख़ौफ़ है पर ख़ुद को आज़माने दे चिराग़ बुझ गए हैं जो मुझे जलाने दे हयात यूंँ भी ज़मीनों से तंग है साक़ी तेरी निगाह के प्याले में... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · गीत 2 22 Share भरत कुमार सोलंकी 15 May 2024 · 1 min read मै ना सुनूंगी "ना सुनूंगी " भोली सुरत लेके तु मुझको क्यो बहकाता है। आलाप ना कर, तेरी मैं ना सुनगी बहाना लेके तु मीठे बोल से क्यों समझाता है । आलाप ना... Hindi · ग़ज़ल 1 24 Share Bodhisatva kastooriya 15 May 2024 · 1 min read वादा चलो करते है एक वादा,तुम्हे लुभाने के लिए! पर शर्त यह -मत कहना उसे निभाने के लिए!! न जाने किस किस से क्या क्या वादे मैने किए? सामने देखकर वादा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 24 Share Bodhisatva kastooriya 15 May 2024 · 1 min read वादा चलो करते है एक वादा,तुम्हे लुभाने के लिए! पर शर्त यह -मत कहना उसे निभाने के लिए!! न जाने किस किस से क्या क्या वादे मैने किए? सामने देखकर वादा... Hindi · ग़ज़ल 21 Share डी. के. निवातिया 15 May 2024 · 1 min read मुहब्बत भी करके मिला क्या दिन-दिनांक : बुधवार, १५ मई, २०२४ विद्या : ग़ज़ल विषय : इश्क/प्यार/मुहब्बत शीर्षक : मुहब्बत भी करके मिला क्या बह्र: बहरे मुतकारिब मुसद्दस सालिम अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन मात्रा... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 21 Share भरत कुमार सोलंकी 15 May 2024 · 1 min read भूल ना था भुल ना था पश्चाताप के आलम में मैअपना वजूद खोज रहा विग्रह् के मनोरम मे मै रख कलम कुछ सोच रहा क्यो मैं अपने मां बाप की भूल था उम्मीद... Hindi · ग़ज़ल 20 Share प्रीतम श्रावस्तवी 15 May 2024 · 1 min read मुक्तक लगी होती है क्या दिल की इसे दिलबर ही समझेगा ये तन्हाई का आलम मील का पत्थर ही समझेगा ज़माना ये कहाँ समझेगा ये बेताबियाँ दिल की नदी बेचैन है... Hindi · ग़ज़ल · मुक्तक 23 Share Neelam Sharma 15 May 2024 · 1 min read बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन काफ़िया - आ रदीफ़ -है। #मतला कलम को ज़ाफरानी कर लिखा है। मिरा किस्सा कहानी कर लिखा है। #शेर सलौना सा सजन है और मैं हूँ, इश्क़ अपना रुहानी तर लिखा है। #शेर मुद्दतों बाद... Hindi · ग़ज़ल · बह्र - 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन 26 Share Neelam Sharma 14 May 2024 · 1 min read अर्कान - फाइलातुन फ़इलातुन फैलुन / फ़अलुन बह्र - रमल मुसद्दस मख़्बून महज़ूफ़ो मक़़्तअ #मतला इक तेरी याद भुलाई न गयी। दास्तां दिल की सुनाई न गयी। #हुस्न-ए-मतला बात बिगड़ी थी बनाई न गयी । नफ़रतें दिल से मिटाई न गयी। #शेर तुहमतें खूब... Hindi · अर्कान - फाइलातुन फ़इलातुन फ · ग़ज़ल 28 Share Neelam Sharma 13 May 2024 · 1 min read वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: ओं स्वर रदीफ़ - में #मतला मुहब्बत से भरे ख़यालों में। यूँ ही उलझे रहे सवालों में। #शेर मर्ज़ कुछ लाइलाज़ होते हैं लोग झुकते हैं जा मज़ारों में। #शेर उसने सूरज को क़ैद रक्खा... Hindi · ग़ज़ल 40 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read उम्र घटने लगी उम्र घटने लगी, साँस थामने लगी, है बची ज़िंदगी आखिरी ........ देव जाने नहीं, शास्त्र जाने नहीं, नहीं जानी गुरु की है, महिमा कभी, अब क्या होगा प्रभो, अब क्या... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 18 Share Previous Page 3 Next