Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2023 · 1 min read

Rajasthani Kavita

A collection of genres included in the Rajasthani poetry tradition.

मां अर म्हैं
अंकिता पुरोहित
favorites
Share
मां कद झलाया

सगळा बरत

ठाह नीं

पण करूं

म्हैं नेम सूं,

बरत री कथावां

मां रै कंठां तूं निकळ’र

कद बसगी म्हारै कंठां

है ज्यूं री ज्यूं

ठाह ई नी पड़ी!

जित्ता गीत

मां नैं आवै

बित्ता ई आवै म्हनैं

बियां ई जुड़ै जाड़ा

बियां ई दूखै माथो

बियां ई चालै पगां में रीळ

बियां ई जीमूं

सगळां रै जीम्यां पछै!

मां!

थूं कद बैठगी

ऊंडै आय’र म्हारै

है ज्यूं री ज्यूं?

परेम
अंजु कल्याणवत
favorites
Share
डूंगर-मंगरा

मांय कूदती

जळ री धार

जियां

समा जावै

सोनावर्णी टीबां मांय

नीं छोड़ै

सुरसती सो

कोई सैनांण

इस्यो ही

हुवै

परेम।

1 Like · 162 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
💐प्रेम कौतुक-463💐
💐प्रेम कौतुक-463💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पक्की छत
पक्की छत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
रोजी न रोटी, हैं जीने के लाले।
रोजी न रोटी, हैं जीने के लाले।
सत्य कुमार प्रेमी
जब से देखी है हमने उसकी वीरान सी आंखें.......
जब से देखी है हमने उसकी वीरान सी आंखें.......
कवि दीपक बवेजा
भव्य भू भारती
भव्य भू भारती
लक्ष्मी सिंह
प्रेम के जीत।
प्रेम के जीत।
Acharya Rama Nand Mandal
खूब उड़ रही तितलियां
खूब उड़ रही तितलियां
surenderpal vaidya
सजन के संग होली में, खिलें सब रंग होली में।
सजन के संग होली में, खिलें सब रंग होली में।
डॉ.सीमा अग्रवाल
वाल्मीकि रामायण, किष्किन्धा काण्ड, द्वितीय सर्ग में राम द्वा
वाल्मीकि रामायण, किष्किन्धा काण्ड, द्वितीय सर्ग में राम द्वा
Rohit Kumar
मैं बहुतों की उम्मीद हूँ
मैं बहुतों की उम्मीद हूँ
ruby kumari
बुला लो
बुला लो
Dr.Pratibha Prakash
🙅 अक़्ल के मारे🙅
🙅 अक़्ल के मारे🙅
*Author प्रणय प्रभात*
How to keep a relationship:
How to keep a relationship:
पूर्वार्थ
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रख धैर्य, हृदय पाषाण  करो।
रख धैर्य, हृदय पाषाण करो।
अभिनव अदम्य
माना मैं उसके घर नहीं जाता,
माना मैं उसके घर नहीं जाता,
डी. के. निवातिया
Badalo ki chirti hui meri khahish
Badalo ki chirti hui meri khahish
Sakshi Tripathi
18- ऐ भारत में रहने वालों
18- ऐ भारत में रहने वालों
Ajay Kumar Vimal
प्रेम
प्रेम
Sanjay ' शून्य'
जीवन मर्म
जीवन मर्म
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बारिश
बारिश
विजय कुमार अग्रवाल
ऐ आसमां ना इतरा खुद पर
ऐ आसमां ना इतरा खुद पर
शिव प्रताप लोधी
"यह आम रास्ता नहीं है"
Dr. Kishan tandon kranti
ऐसे हैं हमारे राम
ऐसे हैं हमारे राम
Shekhar Chandra Mitra
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
मुझको मालूम है तुमको क्यों है मुझसे मोहब्बत
gurudeenverma198
तिरंगा
तिरंगा
Dr Archana Gupta
फागुन
फागुन
पंकज कुमार कर्ण
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
समंदर
समंदर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
थोथा चना
थोथा चना
Dr MusafiR BaithA
Loading...