बीतते वक्त के संग-संग,दूर होते रिश्तों की कहानी,
चाहत किसी को चाहने की है करते हैं सभी
ठंड को भी लग रही आजकल बहुत ठंड
खुद को इतना हंसाया है ना कि
मुहब्बत-ए-सुखन है तकलीफ़-ए-पैग़ाम की छांव,
जो लोग बाइक पर हेलमेट के जगह चश्मा लगाकर चलते है वो हेलमेट ल
दिल में एहसास भर नहीं पाये।
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मंज़िल पाने के लिए जिंदगी का ज़हर भी घुंट बनाकर पीना पड़ता ह
एक लड़की की कहानी (पार्ट1)
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
ग़म मौत के ......(.एक रचना )
लो! दिसंबर का महीना आ खड़ा हुआ ,
इस तरह मुझसे नज़रें चुराया न किजिए।
चाहो न चाहो ये ज़िद है हमारी,
*बचिए व्यर्थ विवाद से, उपजाता यह क्लेश (कुंडलिया)*
फितरत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
दम है तो गलत का विरोध करो अंधभक्तो