प्यार और नौकरी दिनो एक जैसी होती हैं,
काजल में उसकी काली रातें छुपी हैं,
स्वतंत्रता का अनजाना स्वाद
आज के युग के आधुनिक विचार
अदब नवाबी शरीफ हैं वो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
उठ रहा मन में समन्दर क्यूँ छल रहा सारा जहाँ,
मेरे चेहरे से ना लगा मेरी उम्र का तकाज़ा,
माँ मैथिली आओर विश्वक प्राण मैथिली --- रामइकबाल सिंह 'राकेश'
यूं ही गुजर जाएगी ये जिंदगी
चाह नहीं मैं कूड़ा करकटों में फेंका जाऊं।
मालवीय जी अटल बिहारी हैं भारत की शान(गीत)