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15 Apr 2024 · 1 min read

निःशुल्क

एक दिन राकेश ने माँ से पूछा कि क्या निःशुल्क चीजों का मोल नहीं होता मम्मी?

बेटे द्वारा इस तरह से अचानक प्रश्न करने से माँ हड़बड़ा गई। कुछ देर के लिए वह सोच विचार में पड़ गई। फिर उसने जवाब दिया- नहीं बेटा, जो निःशुल्क है, वही सबसे ज्यादा कीमती है।

यह सुनकर राकेश भी चौंका, फिर पूछा- “वो कैसे.माँ?”

माँ बोली- नींद, शान्ति, हवा, पानी, प्रकाश और सबसे ज्यादा हमारी साँसें निःशुल्क होकर भी बहुत कीमती है। माता-पिता का प्यार भी तो निःशुल्क होकर अनमोल है।

मेरी प्रकाशित कृति : मन की आँखें (लघुकथा-संग्रह) से,,,,।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
टैलेंट आइकॉन : 2022-23

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 134 Views
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