sushil sharma Language: Hindi 35 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read नम्रता पर दोहे नम्रता पर दोहे सुशील शर्मा सच्चा सद्गुण नम्रता ,है अमूल्य यह रत्न। नम्र सदा विजयी रहे, व्यर्थ अहं के यत्न। नम्र सदा हरि प्रिय रहें ,नम्र आत्म का रूप। नम्र... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 1 370 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read संक्रांति संक्रांति (गीत ) मकर राशि पर सूर्य चले हैं लेकर नव संकल्प। उत्तरायणी पर्व हुआ मन मकर राशि आदित्य। तन मन का मौसम है बदला रश्मिरथी लालित्य। नवचेतन नव उर्जित... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 75 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read रामराज्य की काव्यात्मक समीक्षा रामराज्य की काव्यात्मक समीक्षा रामराज्य के राम सदा ही शुद्ध सात्त्विक चिंतन है। कर्तव्यों की कर्मभूमि पर आदर्शों का मंथन है। आदर्शों की रीति नीति का सबसे सुंदर वर्णन है।... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 64 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read एक शिक्षक होना कहाँ आसान है.... एक शिक्षक होना कहाँ आसान है.... (शिक्षक दिवस पर कविता ) शिक्षक सिर्फ शिक्षक नहीं होते वो होते हैं जिन्न वे एक साथ कई भूमिकाएँ निभाते हैं। जब खिलखिलाते हैं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 73 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read सायली छंद सायली छंद चाँद 1 मेरे चाँद के टुकड़े टुकड़े कर मुस्कुराता है बेदर्दी। 2 चाँद कल निकला छत जगमग हुआ अमावस भी हैरान। 3 चाँद तुम्हारा चेहरा दोनों एक से... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक 78 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read गणपति वंदना कुण्डलिया छंद गणपति वंदना 1. शंकर सुत हे विश्वमुख,हे गणराज विशाल। विघ्न हरो विघ्नेश तुम,हे प्रभु दीनदयाल।। हे प्रभु दीनदयाल ,आप हैं विघ्न विनाशक। प्रथम पूज्य गणराज ,आप हैं आत्म... Poetry Writing Challenge-2 · कुण्डलिया 85 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read चिर-प्रणय चिर-प्रणय हे परम काल शिव! हे प्रणव में प्रणय के आत्म स्वरूप हे मंगलाचरण नाद के स्वस्तिमय सामवेद। अपर्णा का अपराजिता व्रत स्थावर जंगम में अलौकिक आवाहन करती दिव्य बालिका... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 81 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read गणपति दोहे गणपति प्रथम पूज्य गिरजा तनय,कोटि सूर्य सम आभ। विघ्नविनाशक आप हैं,जीवन के शुभ लाभ। लंबोदर गजकर्ण का,विघ्नविनाशक रूप। सिद्ध सभी कारज करें,पावन रूप अनूप। शंकर सुत हे विश्वमुख,हे गणराज... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 85 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read बस्ता हिन्दी दोहे बस्ता बस्तों में सपने लिए,पढ़ते सारे छात्र। कुछ पीछे हैं छूटते, कुछ होते हैं पात्र। बस्ता में पुस्तक रखें, मन में रखें उमंग। विद्यालय भरता सदा, जीवन में... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 72 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read कुण्डलिया छंद कुण्डलिया छंद होली 1. फागुन लिखे कपोल पर ,प्रेम फगुनिया गीत दहके फूल पलाश के ,कहाँ गए मन मीत। कहाँ गए मन मीत ,फगुनिया हवा सुरीली। भौरों की गुंजार ,हँसे... Poetry Writing Challenge-2 · कुण्डलिया 121 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read कुण्डलिया छंद कुण्डलिया छंद विषय -जलेबी 1 पानी मुँह में आ गया, देख जलेबी गोल। प्यारी मम्मी आज ही ,डाल जलेबी घोल। डाल जलेबी घोल ,चाशनी गुड़ की होना। मीठी ये अनमोल... Poetry Writing Challenge-2 · कुण्डलिया 119 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 2 min read बड़े खुश हैं हम बड़े खुश हैं हम ( जल दिवस पर एक कविता ) डॉ सुशील शर्मा एक बादल मेरे ऊपर से गुजर गया लेकिन बरसा नहीं। धरती झुलसती है सूखती नदी चीखती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 65 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read नवसंवत्सर पर दोहे नवसंवत्सर पर दोहे सुशील शर्मा चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा ,सूर्य भ्रमण हो मेष। नवसंवत्सर हो शुरू ,हर्ष विमर्श अशेष। चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा,मधुर हर्षमय भोर। नव संवत्सर आ गया ,मधुमय... Poetry Writing Challenge-2 · दोहा 77 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read गुरु पर कुण्डलियाँ गुरु पर कुण्डलियाँ सुशील शर्मा सारे संशय दूर हों ,गुरु की कृपा अपार अवगुण सारे मेटते ,शुद्ध करें व्यवहार। शुद्ध करें व्यवहार ,ज्ञान की ज्योति जलाते गुरु ग्रंथन का सार... Poetry Writing Challenge-2 · कुण्डलिया 70 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read अनुभूति अनुभूति (गीत) खिलखिलाती फूल सी तुम मन मनोहर छंद हो। मुग्ध हरियल पेड़ जैसी मुक्त आभा रूप हो। गंध कस्तूरी लिए तुम शिखर चढ़ती धूप हो। स्वस्तिवाचन सी मधुरमय गीत... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 148 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read कुण्डलिया छंद कुण्डलिया छंद 1 आशा आशा का सूरज उगा ,नयी मधुर है भोर। अंधकार को चीर कर ,मिला सुपथ का छोर। मिला सुपथ का छोर ,नवल नित उर्जित मन है। नया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · कुण्डलिया 76 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read स्वप्न से तुम स्वप्न से तुम नवगीत सुशील शर्मा व्योम से लिपटी धरा की चेतना चिर अधजगी सी। मौन नीड़ों में निनादित मन अनाहत वेदनामय । मैं अकिंचन व्यथित विरहित तृषित क्षित अभिव्यंजना... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 74 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read मानस कुण्डलिया छंद (तुलसी जयंती पर विशेष ) 1.मानस पावन मानस की कथा,शुभ्र अमिय का रूप। जीवन का संतोष धन,हरती सब विद्रूप। हरती सब विद्रूप,पाप से मुक्त कराती। मानवता सन्देश,कुटिलता को... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · दोहा 58 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read शिक्षक पर दोहे शिक्षक पर दोहे सुशील शर्मा शिक्षक जीवन वृक्ष है ,प्राणवायु है ज्ञान। अहंकार को नष्ट कर ,देता सुपथ विधान। है दधीच का अंश यह ,देता सब कुछ त्याग। शिष्य अगर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · दोहा 101 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 2 min read हे कलमकार हे कलमकार कलमकार का काम नहीं है, दो पैसों में बिक जाना। कलमकार का काम नहीं है, चार शब्द लिख रुक जाना। लिखना बस लिखते ही जाना बिन थकना बिन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 65 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read हिंदी पर कुण्डलिया छंद हिंदी पर कुण्डलिया छंद 1. हिंदी जीवन की सुधा ,हिंदी मन अस्तित्व। हिंदी से ही सज रहा ,जन -जन का व्यक्तित्व।। जन-जन का व्यक्तित्व ,बिना हिंदी सब सूने । बनी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · दोहा 80 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read खुशियों की दीवाली हो खुशियों की दीवाली हो (दीपावली पर गीत ) दूर करो मन के अँधियारे खुशियों की दीवाली हो। मंगल कलश सजे हर द्वारे घर-घर में उजियाला हो। हर मुखड़ा खुशियों से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 84 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 2 min read काश तुम समझ सको काश तुम समझ सको मेरे बोलने में और तुम्हारे समझने में उतना ही अंतर है जितना सड़क पर अपने अधिकारों के लिए लड़ते चीखते मजदूर में और आर्ट गैलरी में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 116 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read मकर संक्रांति कुण्डलियाँ छंद मकर संक्रांति 1 पोंगल बीहू लोहड़ी ,मकर राशि आदित्य। बिखरा है हर ओर अब ,मौसम का लालित्य।। मौसम का लालित्य,सूर्य अब उत्तरगामी। मन है उड़ी पतंग ,डोर प्रभु... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · दोहा 68 Share sushil sharma 24 Jan 2024 · 1 min read अखिल विश्व के स्वामी राम अखिल विश्व के स्वामी राम गीत अखिल विश्व के स्वामी राम भक्तों के अनुगामी राम माँ कौशल्या के राजदुलारे। कैकई माता के हैं प्यारे। नेह भरी सुमित्रा माई। लखन शत्रुघ्न... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 76 Share sushil sharma 1 Nov 2018 · 1 min read माँ पर दोहे माँ पर दोहे सुशील शर्मा जीवन तपती धूप है, तू शीतल सी धार। थपकी लोरी में छुपा, माँ का अनगढ़ प्यार।। तुझ से ही सांसे मिलीं, तुझ से जीवन गीत।... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 19 1k Share sushil sharma 18 Mar 2017 · 1 min read एक गाती चिड़िया *एक गाती चिड़िया* (लघु कथा) सुशील शर्मा एक चिड़िया मस्त गगन में गाती गुनगुनाती घूमती रहती थी।सब उसकी बहुत तारीफ करते थे ।सब उसकी आवाज पर मोहित थे। यह खबर... Hindi · लघु कथा 655 Share sushil sharma 11 Mar 2017 · 9 min read मानव मन का सर्वश्रेष्ठ उल्लास है होली-1 मानव मन का सर्वश्रेष्ठ उल्लास है होली सुशील शर्मा होली का नाम आते ही मन रंगों के बिछावन पर लोटने लगता है|रंग बिरंगे चेहरे भाभियों और देवरों का मजाक मन... Hindi · लेख 1 828 Share sushil sharma 1 Mar 2017 · 2 min read जागती आँखों के सपने (लघु कथा )-9 जागती आँखों के सपने (लघु कथा )-9 सुशील शर्मा सुमन रो रो कर कह रही थी माँ मुझे शहर के स्कूल में पढ़ना है में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ना चाहती... Hindi · लघु कथा 603 Share sushil sharma 13 Feb 2017 · 7 min read कर्ण का प्रण कर्ण का प्रण (लघु नाटिका ) सुशील शर्मा प्रस्तावना -यह एकांकी महाभारत के उस प्रसंग को प्रसारित करता है जिसमे कृष्ण कर्ण को उसके जन्म का रहस्य बता कर उसे... Hindi · कविता 395 Share sushil sharma 13 Feb 2017 · 1 min read मेरी अपनी मेरी अपनी सुशील शर्मा तुम्हारा चेहरा। सूरजमुखी बगीचे में जैसे। खिलखिलाता सबेरा। तुम्हारी मुस्कान। निर्दोष सा बचपन जैसे। मिटाती थकान। तुम्हारा समर्पण। मेरे अस्तित्व पर। सर्वस्व अर्पण। तुम्हारा प्यार तुलसी... Hindi · कविता 283 Share sushil sharma 4 Feb 2017 · 1 min read दिव्य नर्मदा दिव्य नर्मदा (माँ नर्मदा प्रार्थना ) सुशील शर्मा अशुतोषी माँ नर्मदा मुझे ऐसा ज्ञान दे दो। सर्व पाप विनिर्मुक्तयो का शुभ वरदान दे दो। मनुज अब घिर गया है अति... Hindi · कविता 519 Share sushil sharma 14 Jan 2017 · 1 min read बड़े खुश हैं हम बड़े खुश हैं हम सुशील शर्मा जीने के ढंग में राग और रंग में प्रेम की उमंग में *बड़े खुश हैं हम* खिजाओं में बहारों में गोरी के साथ रारों... Hindi · कविता 248 Share sushil sharma 14 Jan 2017 · 6 min read आज़ादी के मायने ढूंढता गणतंत्र आज़ादी के मायने ढूंढता गणतंत्र सुशील कुमार शर्मा 1947 में कहने को तो हम अंग्रेजों की गुलामी से आज़ाद हो गए किन्तु विचारणीय बात यह है कि जिन कारणों से... Hindi · लेख 553 Share sushil sharma 14 Jan 2017 · 1 min read बेटी का दर्द-अपना समझती हूँ मैं बेटी का दर्द-अपना समझती हूँ मैं सुशील शर्मा रोपित किया तुमने मुझे पुत्र की चाह में। फिर भी तुम्हारे अनचाहे प्यार को अपना समझती हूँ मैं। पीला जर्द बचपन स्याह... Hindi · कविता 1 603 Share