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30 Nov 2018 10:30 AM

आदरणीया आज प्रतियोगिता समाप्त हो रही है परन्तु यह मंच चलता रहेगा कृपया अगर चाहें तो मेरी कविता पढ़ कर वोट देकर कृतार्थ करें जी

Plz Aap bhi vote kre

30 Nov 2018 12:25 AM

आदरणीया कल प्रतियोगिता समाप्त हो जाएगी परन्तु यह मंच चलता रहेगा कृपया अगर चाहें तो मेरी कविता पढ़ कर वोट देकर कृतार्थ करें जी

बहुत ही सुन्दर रचना है आदरणीय 22 वां वोट स्वीकार करें और मेरी कविता “वो है मेरी माँ” पढ़ कर वोट देकर कृतार्थ करें जी कृपया जवाब अवश्य दें । ???

आदरणीय अगर आपका स्नेह व आशीर्वाद रूपी मत “सहित्यपिडिया काव्य प्रतियोगिता” में शामिल ‘ मेरी भोली “माँ” (सहित्यपिडिया काव्य प्रतियोगिता)’ नामक रचना पर भी मिलें तो मैं धन्य होऊँ। ?

खूबसूरत रचना जी 19वां वोट मेरी तरफ से आपको और हो सके तो मेरी रचना पर भी अपना मत देकर कृतार्थ करें ।

26 Nov 2018 11:46 PM

आदरणीय कृपया अवश्य जवाब दे । सुशील जी । आपको मैंने काफी दिन पहले वोट किया था । आदरणीय आप भी मेरी कविता”माँ केवल माँ ” पढने और वोट करने के लिए आमंत्रित हैं । आपके वोट के इंतजार में ?

20 Nov 2018 11:33 AM

आपकी रचना बहुत सुंदर एवं भावपूर्ण है । एक नजर हमारी रचना पर भी डाले और अच्छा लगे तो आपका एक बहुमूल्य वोट देकर हमे कृतार्थ करें । । धन्यवाद ।

16 Nov 2018 08:28 PM

सुंदर भाव और रचना वोट स्वीकार करें और मेरी कविता पढ़ कर वोट देने योग्य लगे तो कृतार्थ करें ।

लाजबाव सर जी ।

12 Nov 2018 08:52 PM

Very nice Mera vote savikar kerai or meri poem padai aachi lagai to vote dai

I voted, 16th vote is mine to you

Voted for your post..all the best. Need your support also.

बहुत ही अच्छी रचना है। वाह! वाह! मेरा वोट स्वीकार करें। आपसे अनुरोध है कि मेरी रचना भी देखने की कृपा करें और यदि अच्छी लगे तो अपने वोट का आशीर्वाद अवश्य प्रदान करें! सादर!

10 Nov 2018 02:33 PM

खूबसूरत रचना जी, 13वा मत मेरा स्वीकार करे, और मेरी रचना पर भी अपनी दयादृष्टि डाले और अपना वोट देकर मुझे अनुग्रहित करें।

10 Nov 2018 07:29 AM

बहुत सुंदर

बहुत सुंदर दोहे।वोट किया है।मेरी रचना योग्य लगे तो वोट की अपेक्षा है।

8 Nov 2018 01:56 PM

बेहतरीन दोहे

आद. Sushil Sharma जी वाह्ह क्या खूब दोहे लिखे आपने , शब्दों का इतना सुंदर चयन क्या कहने….माँ के संपूर्ण जीवन चित्र को शब्दरूपी स्याही से पन्नों पर उकेर दिया आपने… आपको पढकर धन्य हुए हम….पं.संजीव शुक्ल “सचिन” VOTED

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