Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2024 · 1 min read

गणपति वंदना

कुण्डलिया छंद
गणपति वंदना
1.
शंकर सुत हे विश्वमुख,हे गणराज विशाल।
विघ्न हरो विघ्नेश तुम,हे प्रभु दीनदयाल।।
हे प्रभु दीनदयाल ,आप हैं विघ्न विनाशक।
प्रथम पूज्य गणराज ,आप हैं आत्म प्रकाशक।
बालक से हैं सौम्य ,आप सबके अभयंकर।
चरणों में मम शीश ,करो रक्षा सुत शंकर।।
2.
पूजा इनकी कीजिये ,ये गिरजा के लाल।
सकल अमंगल ये हरें ,गणपति बुद्धि विशाल।।
गणपति बुद्धि विशाल ,आप कर्मों के स्वामी
गिरजासुत हेरम्ब ,गजानन अन्तर्यामी।
भालचंद्र गजकर्ण ,कौन ऐसा है दूजा।
सिद्धिविनायक रूप ,करो गणपति की पूजा।।
3
वन्दन गणपति आपका ,चरणों में है माथ।
सारा जग रूठा रहे ,आप रहो बस साथ।।
आप रहो बस साथ ,भाव सुर छंदबद्ध हों।
वरदहस्त हो माथ ,कर्म सब बुद्धिनद्ध हों।
मंगल यश शुभ-लाभ ,तुम्हीं से गिरजानंदन।
प्रथमपूज्य प्रथमेश ,करूँ चरणों का वंदन।।

34 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अकेलापन
अकेलापन
Neeraj Agarwal
"खूबसूरती"
Dr. Kishan tandon kranti
बदल कर टोपियां अपनी, कहीं भी पहुंच जाते हैं।
बदल कर टोपियां अपनी, कहीं भी पहुंच जाते हैं।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आनन ग्रंथ (फेसबुक)
आनन ग्रंथ (फेसबुक)
Indu Singh
फितरत
फितरत
kavita verma
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
कवि रमेशराज
हमारी दोस्ती अजीब सी है
हमारी दोस्ती अजीब सी है
Keshav kishor Kumar
रिश्ता कभी खत्म नहीं होता
रिश्ता कभी खत्म नहीं होता
Ranjeet kumar patre
यादों की किताब बंद करना कठिन है;
यादों की किताब बंद करना कठिन है;
Dr. Upasana Pandey
यूं हर हर क़दम-ओ-निशां पे है ज़िल्लतें
यूं हर हर क़दम-ओ-निशां पे है ज़िल्लतें
Aish Sirmour
कौन सोचता बोलो तुम ही...
कौन सोचता बोलो तुम ही...
डॉ.सीमा अग्रवाल
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
नम्रता
नम्रता
ओंकार मिश्र
शायरी
शायरी
श्याम सिंह बिष्ट
#बन_जाओ_नेता
#बन_जाओ_नेता
*Author प्रणय प्रभात*
जब भी दिल का
जब भी दिल का
Neelam Sharma
Holding onto someone who doesn't want to stay is the worst h
Holding onto someone who doesn't want to stay is the worst h
पूर्वार्थ
यारा  तुम  बिन गुजारा नही
यारा तुम बिन गुजारा नही
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ओम के दोहे
ओम के दोहे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
*सदा गाते रहें हम लोग, वंदे मातरम् प्यारा (मुक्तक)*
*सदा गाते रहें हम लोग, वंदे मातरम् प्यारा (मुक्तक)*
Ravi Prakash
(23) कुछ नीति वचन
(23) कुछ नीति वचन
Kishore Nigam
होली औऱ ससुराल
होली औऱ ससुराल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Tumhari khubsurat akho ne ham par kya asar kiya,
Tumhari khubsurat akho ne ham par kya asar kiya,
Sakshi Tripathi
💐 Prodigy Love-27💐
💐 Prodigy Love-27💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
करके कोई साजिश गिराने के लिए आया
करके कोई साजिश गिराने के लिए आया
कवि दीपक बवेजा
गुलाब-से नयन तुम्हारे
गुलाब-से नयन तुम्हारे
परमार प्रकाश
हाँ ये सच है
हाँ ये सच है
Saraswati Bajpai
ख्वाब नाज़ुक हैं
ख्वाब नाज़ुक हैं
rkchaudhary2012
प्रकृति
प्रकृति
Mukesh Kumar Sonkar
मौसम खराब है
मौसम खराब है
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Loading...