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14 Jan 2017 · 1 min read

बड़े खुश हैं हम

बड़े खुश हैं हम
सुशील शर्मा

जीने के ढंग में
राग और रंग में
प्रेम की उमंग में
बड़े खुश हैं हम

खिजाओं में बहारों में
गोरी के साथ रारों में
प्यार के इशारों में
बड़े खुश हैं हम

निगाहों की निगहबानी में
राहों की बियाबानी में
सहानुभूति की स्याहदानी में
बड़े खुश हैं हम

शब्दों के सरोकारों में
स्नेह के व्यापारों में
चीखते समाचारों में
बड़े खुश हैं हम

प्रेम के प्रतिघातों में
दर्द के आघातों में
ह्रदय चुभी बातों में
बड़े खुश हैं हम

जीवन के झंझावातों में
अँधेरी सर्द रातों में
झूझते जज्बातों में
बड़े खुश हैं हम

फगुनियां सतरंगों में
अभिसार की तरंगों में
आशाओं और उमंगों में
बड़े खुश हैं हम

सूखे से रिश्तों में
शैतानी फरिश्तों में
जीवन की किश्तों में
बड़े खुश हैं हम

आज़ादी के अर्थों में
राजनीति के अनर्थों में
सत्ता के समर्थों में
बड़े खुश हैं हम

विषधरों के शहर में
आतंकों के कहर में
अपनों के मीठे जहर में
बड़े खुश हैं हम

ममता के ममत्व में
गरीबी के अपनत्व में
प्रेम के घनत्व में।
बड़े खुश हैं हम

प्रभु की उपासना में
संकल्प की साधना में
राधे की आराधना में।
बड़े खुश हैं हम

धुन्धलाते चित्रों में
बिखरते चरित्रों में
दुश्मन से मित्रों में।
बड़े खुश हैं हम

Language: Hindi
217 Views
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