Sudhir kewaliya Tag: ग़ज़ल/गीतिका 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sudhir kewaliya 11 Oct 2020 · 1 min read अनजाना हार गए हैं आईने भी इंसान को पहचानने में यहां चेहरे अपनों के भी मुखोटों के पीछे गुम हो गए हैं बंद रखे हैं खिड़की औ दरवाजे घरों के शहर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 459 Share Sudhir kewaliya 6 Jul 2020 · 1 min read ज़िंदगी करते हैं शिक़वे शिकायतें सभी उम्र भर फिर भी कितनी गुलज़ार है ये ज़िंदगी शुक्रगुज़ार हैं दो रोज़ा जीस्त के हम सभी वक़्त की कैद से आजाद नहीं है ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 406 Share Sudhir kewaliya 9 Apr 2020 · 1 min read मंज़िल हाथ और पांव के छाले निशानी हैं मेहनत की उनकी महामारी में मजदूरों की दूसरी दास्ताँ बयाँ कर रहे हैं बसे हैं मजदूरों की आंखों में कई इमारतों के नक्शे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 227 Share Sudhir kewaliya 1 Jan 2020 · 1 min read नववर्ष - 2020 छोड़कर बीते वर्ष को ठिठुरती रात में एक नई सुबह गुनगुनी धूप के सहारे आ गया है नववर्ष..................... विभिन्न घटनाओं के घटने कुछ अपनों के जुड़ने और घटने होनी अनहोनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 202 Share Sudhir kewaliya 6 Dec 2019 · 1 min read बेबसी बेबसी ----------- रेत पर फिर इबारत लिखने को मन कर रहा है हवा का तेज झोंका उसे मिटाने की सोच रहा है हर मिटी इबारत से कारवां यादों का चल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 365 Share Sudhir kewaliya 12 Oct 2019 · 1 min read दस्तूर बिगड़े हालात वजह न थे जिनके यहां आने की कभी आज धूल के गुबार उड़ाता उनका काफिला आ रहा है अफरातफरी मची है हर ओर हमदर्द बनने की पहल में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 394 Share Sudhir kewaliya 22 Sep 2019 · 1 min read सौदा सौदा -------- बिकता होगा कोई इंसान किसी कीमत पर यहां नादां हैं मुझसे इंसानियत का सौदा करने आए हैं कर ही न सके जो सौदा मेरे हुनर का कल तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 217 Share Sudhir kewaliya 28 Jul 2019 · 1 min read रिश्ता रिश्ता --------- गायब हो गई है गहराई अब इंसानी रिश्तों में कल लगाया रंग भी आज फीका पड़ गया है बेखौफ़ चलता रहा कांटों भरी राहे ज़िंदगी पर तोहफ़े में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 434 Share Sudhir kewaliya 6 Jul 2019 · 1 min read सौदा सौदा -------- बिकता होगा कोई इंसान किसी कीमत पर यहां नादां हैं मुझसे इंसानियत का सौदा करने आए हैं कर ही न सके जो सौदा मेरे हुनर का कल तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 256 Share Sudhir kewaliya 12 Apr 2019 · 1 min read वजूद वजूद ---------- करता है इंसान ताउम्र गुरुर शोहरत पर अपनी वक़्त औ हालात हमेशा मुस्तक़िल भी नहीं रहते मुगालते में रहता है ताउम्र सायों के साथ का अंधेरे में इंसान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 419 Share Sudhir kewaliya 30 Mar 2019 · 1 min read मंज़र मंज़र --------------- ज़िंदगी में मंज़र बदलते हर दौर को हमने देखा है इम्तेहाने ज़िंदगी में अपनों को पराया होते देखा है चौतरफ़ा पसरा अंधेरा ही उदासी का सबब नहीं है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 440 Share Sudhir kewaliya 20 Mar 2019 · 1 min read मुहब्बत मुहब्बत ----------- निशाँ है हमारी मुहब्बत के हिज़्र के बाद भी वहाँ ज़िंदगी में एक बार वह मक़ाम मुड़कर तो देखो नहीं छोड़ता है पीछा इंसान का यादों का कारवाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 471 Share Sudhir kewaliya 7 Feb 2019 · 1 min read खुदगर्ज़ खुदगर्ज़ ---------------- आईने में अक्स बढ़ती उम्र का हिसाब मांग रहा है कांपता हुआ मेरा साया भी अब सहारा मांग रहा है भूल गया है शख्स अपनी सूरत पहनकर मुखौटे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 268 Share Sudhir kewaliya 7 Feb 2019 · 1 min read खुदगर्ज़ खुदगर्ज़ ---------------- आईने में अक्स बढ़ती उम्र का हिसाब मांग रहा है कांपता हुआ मेरा साया भी अब सहारा मांग रहा है भूल गया है शख्स अपनी सूरत पहनकर मुखौटे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 215 Share