Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2019 · 1 min read

मुहब्बत

मुहब्बत
———–

निशाँ है हमारी मुहब्बत के हिज़्र के बाद भी वहाँ
ज़िंदगी में एक बार वह मक़ाम मुड़कर तो देखो

नहीं छोड़ता है पीछा इंसान का यादों का कारवाँ
ज़िंदगी में किसी को इसमें शामिल कर तो देखो

मुहब्बत सी हो गई है अंधेरों से तुम्हे रहते हुए वहाँ
रोशन है जहाँ मन की आंखें जरा खोलकर तो देखो

भागते रहे हो जुस्तजू में जिस मुहब्बत की तुम जहाँ
आकर ‘सुधीर’ मेरे दिल में फिर से झांककर तो देखो

खुले हैं दरिचे – औ – दर जहान में तुम्हारे लिए यहाँ
ख़्वाबों में ही मेरे आकर कभी दस्तक देकर तो देखो..

— सुधीर केवलिया

418 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सोशल मीडिया पर दूसरे के लिए लड़ने वाले एक बार ज़रूर पढ़े…
सोशल मीडिया पर दूसरे के लिए लड़ने वाले एक बार ज़रूर पढ़े…
Anand Kumar
बेटी हूँ माँ तेरी
बेटी हूँ माँ तेरी
Deepesh purohit
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
Govind Kumar Pandey
आत्मस्वरुप
आत्मस्वरुप
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
स्पीड
स्पीड
Paras Nath Jha
कागज के फूल
कागज के फूल
डा गजैसिह कर्दम
और नहीं बस और नहीं, धरती पर हिंसा और नहीं
और नहीं बस और नहीं, धरती पर हिंसा और नहीं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अच्छी बात है
अच्छी बात है
Ashwani Kumar Jaiswal
दलित लेखक बिपिन बिहारी से परिचय कीजिए / MUSAFIR BAITHA
दलित लेखक बिपिन बिहारी से परिचय कीजिए / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
मेरे   परीकल्पनाओं   की   परिणाम   हो  तुम
मेरे परीकल्पनाओं की परिणाम हो तुम
पूर्वार्थ
2461.पूर्णिका
2461.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
यदि आपके पास नकारात्मक प्रकृति और प्रवृत्ति के लोग हैं तो उन
यदि आपके पास नकारात्मक प्रकृति और प्रवृत्ति के लोग हैं तो उन
Abhishek Kumar Singh
एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
Rituraj shivem verma
भगवान की तलाश में इंसान
भगवान की तलाश में इंसान
Ram Krishan Rastogi
शीर्षक:
शीर्षक: "ओ माँ"
MSW Sunil SainiCENA
पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण  कटार  धरो माँ।
पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण कटार धरो माँ।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
जीने का हौसला भी
जीने का हौसला भी
Rashmi Sanjay
आप या तुम
आप या तुम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरी हसरत जवान रहने दे ।
मेरी हसरत जवान रहने दे ।
Neelam Sharma
बेशक हम गरीब हैं लेकिन दिल बड़ा अमीर है कभी आना हमारे छोटा स
बेशक हम गरीब हैं लेकिन दिल बड़ा अमीर है कभी आना हमारे छोटा स
Ranjeet kumar patre
-अपनो के घाव -
-अपनो के घाव -
bharat gehlot
होली
होली
Madhavi Srivastava
प्राप्ति
प्राप्ति
Dr.Pratibha Prakash
साधक
साधक
सतीश तिवारी 'सरस'
"भरोसा"
Dr. Kishan tandon kranti
पात उगेंगे पुनः नये,
पात उगेंगे पुनः नये,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
नहीं बदलते
नहीं बदलते
Sanjay ' शून्य'
चाय की चुस्की लेते ही कुछ देर तक ऊर्जा शक्ति दे जाती है फिर
चाय की चुस्की लेते ही कुछ देर तक ऊर्जा शक्ति दे जाती है फिर
Shashi kala vyas
Loading...