Shyam Sundar Subramanian Tag: ग़ज़ल/गीतिका 69 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shyam Sundar Subramanian 24 Feb 2022 · 1 min read एहसास-ए-शु'ऊर ज़िंदगी सोज़ -ए- पिन्हाँ इस कदर गुज़ारी, जिस्म़-ओ- जाँ अश्कों से सराबोर किया , गिला -शिकवा करें तो किससे, किसका ,क्यूँ कर ? हमने खुद ही अपना चाक -ए -... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 196 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Aug 2021 · 1 min read चंद पल खुशी के दिल में कुछ अरमान संजोए रखता हूं , इक एहसास सा महकाए रखता हूं , वो गुज़रे हसीन लम्हों की यादें , सोज़ -ए - पिन्हाँ जगाती वो बरसातें ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 8 345 Share Shyam Sundar Subramanian 8 Aug 2021 · 1 min read गुमशुदा किस राह पर तू चला गया मुझे कुछ भी पता ना चला, तुझे ढूंढता फिरा मैं दरबदर तेरा नामो निशां कहीं ना मिला, तू था मेरी रोशनी तुझ से रोशन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 5 722 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Dec 2020 · 1 min read दीदार रुदादे दिल सुनाएं तो सुनाएं कैसे ? , जज़्बे तम़न्ना का इज़हार करें तो करें कैसे ? , ज़ेहन में बसी थी जो तस्वीर मुजस्स़म क्यों नहीं होती ? ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 8 400 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Dec 2020 · 1 min read आरज़ू हसरत नहीं आलीशान महलों की, आरज़ू है इक छोटे से आशियाने की, जो दो दिलों के नूर से रोश़न रहे, जहां दो दिलों का प्यार पले , ज़िंदादिली से ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 10 283 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Dec 2020 · 1 min read दर्दे दिल प्यार का सैलाब़ सब कुछ बहा के ले गया, कल तक मैं उसके साथ था, आज अकेला रह गया, संग जीने मरने की कसमें खाई थी कल हमने, पर आज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 10 224 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Dec 2020 · 1 min read अपने पराए उनके ख़तों को जलाकर देख लिया , उनकी यादों को भुलाकर देख लिया , उनकी तस्वीर को छुपा कर देख लिया , दिल से उनका एहसास मिटता नहीं , ज़ेहन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 6 290 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Dec 2020 · 1 min read पाक च़ाहत कुछ ऐसे होते हैं ,जो दिलो जाँ से अहदे वफ़ा निभाते हैं , कुछ ऐसे होते हैं ,जो भी मरास़िम थे उसे भूल जाते हैं , दौर -ए - इश्क़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 11 465 Share Shyam Sundar Subramanian 8 Dec 2020 · 1 min read मुंतज़िर जिंदगी के इस सफर में मुझे सबने संगे राह समझा, मुझे ठोकर देखकर गुजरते रहे मैं सब कुछ सहता रहा, फर्ज़ से मजबूर ,जज़्बातों से मा'ज़ूर मैं कुछ ना कह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 12 418 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Oct 2020 · 1 min read जी चाहता है वो हुस्ऩ -ए - मुजस्स़म मुमताज़ किसी तआ'रुफ़ का मोहताज़ नहीं, उस नज़र- ए - नाय़ाब को किसी तारीफ़ की दरकार नहीं, इक शोला सा है भड़का , कय़ामत के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 512 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jul 2020 · 1 min read व़जूद मैं तो स़हरा -ए - सफ़र का स़राब हूं। स़फर में ग़ुम जो मिला नहीं, वो ग़ुमश़ुदा सी तलाश हूं। मैं गम़े जहाँ की किताब़ हूं , के सरापा हुज़्नो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 12 380 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Jul 2020 · 1 min read क़ुदऱत का क़रिश्म़ा तम़न्ना की थी ज़िंदगी हो गुलश़न- ए- बहार सी। पर मय़स्स़र हुई ज़िंदगी ख़िज़ाँ और ख़ार सी। आरज़ू थी ग़र सपने सच हो जाएं। अपनी जुस्त़जू की मंज़िल हम पा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 430 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Mar 2020 · 1 min read च़ाहत इसी कश़मकश़ में गुज़ार दी हमने अपनी शाम़ो स़हर । मेरी वफ़ाओं का अगर हो जाए उन पर अस़र। लिए ये ए़हद हम वफ़ा निभाते रहे हर कदम़। मुस्क़राहटें लिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 436 Share Shyam Sundar Subramanian 6 Mar 2020 · 1 min read हमऩवा ज़िंदगी के सफ़र मे अकेले थे हम । जब तुम मिले तो हमऩवा मिल गया। राह मुश्किल थी सफ़र मे आसान हो गई । तुम बने हमसफ़र तो क़ुदरत भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 8 228 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Mar 2020 · 1 min read खौफ़ कल रात जब में वापस घर को लौट रहा था। तब मुझे लगा कि कोई मेरा पीछा कर रहा है। मुड़ कर देखा तो एक साया नजर आया। मैंने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 480 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Feb 2020 · 1 min read ख़ौफ के सन्नाटे लगता है चारों ओर खौफ़ के सन्नाटे छाए हुए हैं । इंसान वहशी दरिंदे बने म़ौत के साए हैं । चारों ओर आग ही आग फैली हुई हर शै को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 213 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Feb 2020 · 1 min read यक़ीन जिंदगी क़शम़क़श में गुज़ारता रहा हाल़ातों से समझौता करता रहा। शब़े ग़म गुज़ार दी मस़र्रत की स़हर के इंतज़ार में। जो मय़स्सर था उसे पा कर तस़ल्ली कर ली नस़ीब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 7 394 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Feb 2020 · 1 min read तेरे शहर में कैसी चली है अब के हवा तेरे शहर में। हर शख़्स हुआ है ब़दग़ुमा तेरे शहर में । इंसा बन गए हैं फ़िरकाप़रस्तों की कठपुतलियाँ तेरे शहर में। नाचते उनके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 6 354 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Feb 2020 · 1 min read आज का दौऱे इश्क़ जब हमने की उनसे व़ादे वफ़ा की बातें उन्होंने कहा किस ज़माने की बात करते हो। जब हमने कहा उनसे साथ निभाने को तो बोले क्यों बेकार की बातें करते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 8 267 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Feb 2020 · 1 min read मजबूर ज़िंदगी ज़िंदगी ने किस मोड़ पर लाकर मुझको छोड़ा है । चारों तरफ से जुल्म औ तश़्द्दुत ने मुझे घेरा है । गैरों से क्या अपनों से मैंने फ़रेब खाए हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 237 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Feb 2020 · 1 min read इंसानिय़त का आग़ाज़ व़क्त बदलते ही हाल़ात बदलते हैं । हाल़ात बदलते हैं माहौल़ बदलते हैं। माहौल़ बदलते ही ए़हसास बदलते हैं । ए़हसास बदलते ही जज़्बात बदलते हैं। जज़्बात बदलते ही रिश़्ते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 231 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2020 · 1 min read कामय़ाबी वह जो खुद महफ़िलों की श़ान था। पर अंदर ही अंदर कुछ परेशान था। दौल़त श़ोहरत इज़्जत सब उसने कमाई। पर इस तरह ज़िंदगी उसको रास़ ना आई। इस द़ौर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 311 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Jan 2020 · 1 min read उसके आ जाने से उसके आ जाने से फ़िज़ा में बहार आ जाती है। गम़ग़ीन लम़्हों में मस़र्रत सी छा जाती है। अब तक जो ब़ेचैन था जो मेरा दिल । उसमें सुक़ून का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 233 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Jan 2020 · 1 min read जज़्बा- ए- बग़ावत वो दिल के किसी कोने में छुपा बैठा है । जो हमेशा दस्त़क देता रहता है । और दबी ज़ुबान में कहता रहता है । जगाओ मुझे कब तक तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 508 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Jan 2020 · 1 min read ज़हर न जाने क्यों हम इस शहर में अजनबी से हो गए हैं। कल तक जो थे अपने क्यों पराए से लगने लगे हैं। क्यों ग़ुमसुम़ सी है वो मस़र्रत की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 227 Share Shyam Sundar Subramanian 3 Jan 2020 · 1 min read स़िला इस खुदग़र्ज़ जहाँ में हम़द़र्द तलाश़ ना कर। दिल के ज़ख्म तेरी अम़ानत है दिखाया ना कर । ब़ेद़र्द है यह ज़माना करेगा रुस़वा सरे़ बाज़ार तुझे । फिर न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 267 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Dec 2019 · 1 min read साऩेहा लगता है क्यों हर शख़्स अपने ही ख्या़लों में ग़ुमसुम सा ख़ोया ख़ोया है। शायद कल रात उसने कोई खौफ़नाक ख्वाब देखा है जिस की ताबीर जानकर अकेले में रोया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 399 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Dec 2019 · 1 min read हिम्म़त और म़ेहनत खोजता क्या है अपने हाथों की लकीरों में मुक़द्दर। वो तो बदलेगा जब होगी तुझमें जुऩूने मश़क्कत । वक्त से पहले कुछ भी मय़स्सर नहीं होता । ग़र लाख कोशिश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 223 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Dec 2019 · 1 min read इंसांं वक्त के साथ बदल जाते हैं इंसांं । जाना पहचाना सा अब लगता है अजनबी इंसांं । जो कभी खिलता था फूलों की मानिंद अब तो मुरझाया सा लगता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 6 415 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Dec 2019 · 1 min read ब़दनस़ीबी कहते हैं इऱादे बुलंद हो और मश़क्क़त का जज़्बा ए जुनूऩ हो तो मंज़िल हास़िल होती है । पर तकदीर साथ न दें तो तदब़ीर से खड़े किए महल भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 208 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Dec 2019 · 1 min read स़फर जिंदगी के स़फर में हम बढ़ते रहे । जब तब मिली अपनों से मिलन की खुशियांँ। तो कभी अपनी च़ाहत को खोने का ग़म । कभी व़क्त की कऱवट से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 217 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Dec 2019 · 1 min read आश़िकी क्या पहली नज़र में प्यार हो जाता है । जुबाँ गुमसुम रहती है नजरों से इज़हार हो जाता है। दिल से दिल की राह बनती है । ए़हसास ए इक़रार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 237 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Dec 2019 · 1 min read समझौता दिल से टूटे दिल ने अब अरमानों के गुलशन बनाना छोड़ दिया । सच के आईने में झूठ को सँवारना छोड़ दिया । प्यार की रुस़वाई जब से हुई ज़माने में जज़्ब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 215 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Dec 2019 · 1 min read टूटा हुआ द़िल जब दिल ही टूट गया तो द़र्दे द़िल की आवाज निकलेगी कैसे ? प्यार का दामन छूट गया है तो इश्क की मंजिल मिलेगी कैसे ? अब भटकता है मन,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 197 Share Shyam Sundar Subramanian 6 Dec 2019 · 1 min read ग़ुमसुम़ अब वो चुप रहते हैं कुछ कहते नहीं। हम बोलते हैं तो भी वो सुनते नहीं। समझ ना पाऊं कल तक जो चहकते रहते। क्या है उनके ग़ुमसुम़ से रहने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 323 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Dec 2019 · 1 min read प्यार प्यार की इंतेहा नहीं होती । प्यार की ज़ुबाँ नहीं होती। प्यार तो एक ए़़हसास है । जो दिल से म़हसूस किया नज़रों से बयां किया जाता है । यह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 221 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Dec 2019 · 1 min read नस़ीहत ज़िन्दगी भर नफ़े नुक़सान का हिस़ाब रखा। जो लम़्हे गवाँ दिए उनका हिस़ाब ना रखा। अपनी खुशगवारी और खुदग़र्ज़ी में मश़गूल रहे दूसरों के दर्द़ का खय़ाल ना रखा ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 245 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Dec 2019 · 1 min read ज़मीर ये क्या हो रहा है हैव़ानियत की इंत़ेहा हो गई है। इंसानिय़त सिस़क रही है। जिंदगी श़र्मसार होकर ख़ौफ से दुब़क कर रह गई है । ना जाने कब जागेगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 254 Share Shyam Sundar Subramanian 30 Nov 2019 · 1 min read बदलती दुनिया मौसम बदलता है हाल़ात बदलते हैं। लोगों के अंदाज़ बदलते हैं । लोगों के अल्फ़ाज़ बदलते हैं । इस रंग बदलती दुनिया में लोगों के ईम़ान बदलते हैं । लोगों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 344 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Nov 2019 · 1 min read मेरे अपने हम अपने ही शहर में अजनबी से हो गये । जाने पहचाने से रिश्ते अब पराये से हो गये । अब तो बेखुदी का ये आलम है कि अपने से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 282 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Nov 2019 · 1 min read तू ही तू तेरे नाम से मेरा नाम है , तेरे द़म से है मेरी ज़िंदगी। मैं जिधर चला तू ही हमसफ़र , है तेरी दुआ़ मेरी रोश़नी । तू मेरा हमनफ़स ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 248 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Nov 2019 · 1 min read फ़र्क सूऱत और सीऱत में क्या फर्क है ग़र हम पहचान पाते । न आते खूब़सूरत निग़ाहों के धोखे में ग़र उनकी नीयत हम जान पाते । ना खाते फरेब उनकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 230 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Nov 2019 · 1 min read दोस्त दोस्त तो वो होते हैं जिन्हें हम द़िलो जान से चाहते हैं। जिनकी की ख़ुशी में हम ख़ुश होते हैं। और जिनके ग़मज़दा होने पर हम उनका ग़म बाँटते हैं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 431 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Nov 2019 · 1 min read चिंगारी कहना तो चाहता था बहुत पर कुछ कह ना सका। शायद हालातों ने मेरी जुबां पर ताले लगा दिए। बड़ी शिद्दत से जिसे संभाला था मैंने जिसे वह सब बिखरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 226 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Nov 2019 · 1 min read चैन कहां-कहां नहीं खोजा तुमको । हस़ीन पहाड़ों की वादियों में । बागों की बहारों में । आलीशान जलसों में। दोस्तों की म़हफिल में। ऐश़ो इश़रत में। मय़खाने की मय़नोशी में।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 367 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Nov 2019 · 1 min read सुक़ून की तलाश़ कभी कभी ज़रा सी आह़ट से चौंक जाता हूँ। बार बार पीछे मुड़कर देखने लगता हूँ। जो छूट गये पीछे फिर याद आने लगते हैं। बीते लम्हों के बादल फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 237 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Nov 2019 · 1 min read जज़्बात जज़्बे ग़म बढ़ता है तो टीस बनकर उभरता है। अल्फ़ाज़ो के नश्तर् दिल को जब घायल करते है क़सक बनकर रह जाते हैं। जिन्हें हम दिलो जान से चाहते हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 284 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Nov 2019 · 1 min read दिल की क़िताब दिल की क़िताब खोल कर तो देखो कितनी म़ोहब्बत भरी पड़ी है। तुम अब तक जिससे अन्जान थे । अपने ही जुनून से परेश़ान थे। तुम्हें अब तलक़ ये इल्म़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 225 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Nov 2019 · 1 min read धुन ज़िन्दगी मे मजबूरियां थी बहुत पर उनसे समझौता न कर सका। बहुत कुछ चाहत थी फिर भी बहुत कुछ हासिल न कर सका। औरों के गम में तो क्या है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 263 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Oct 2019 · 1 min read व़क्त गर्दिश में जब सितारे हों तो राह चलते भटक जाते हैं। दोस्त कतरा कर निकल जाते हैं तो अपने अजनबी बन जाते हैं। महकती फ़िज़ा भी नाग़वार लगने लगती है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 235 Share Page 1 Next