Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2019 · 1 min read

इंसांं

वक्त के साथ बदल जाते हैं इंसांं ।
जाना पहचाना सा अब लगता है अजनबी इंसांं ।
जो कभी खिलता था फूलों की मानिंद अब तो मुरझाया सा लगता है टूटता इंसांं ।
जिसके आने से चली आती थी ख़िजाओं में भी बहार,
अब तो आता है बनके क़यामत क़हर ढाता है इंसांं ।
रोशनी फूटती थी जिसके बदन से ।
भटको को राह दिखाता था इंसांं ।
अब तो भटकता है खुद अंधेरों में ठोकरें खाता है इंसांं ।
मिलाता था जो दिल से दिल दिलजलों के ।
टूटते दिल को जोड़ता था इंसांं ।
अब तो जिसको कहता है दिलबर उसी के सीने में उतारता है खंजर इंसांं ।
मानता था जो औकात, ईमा़न और फर्ज़ को ।
जानता था जो सब़ाब और क़़ुफ्र के फ़र्क को ।
अब तो कुछ जानता है ना मानता है हर पल इसी कशमकश में गुज़ारता है ।
लगता है इंसानियत और हैवानियत को एक ही तराजू में तौलता फिरता है इंसांं।
फिर भी वह यह जानता है इस उमड़ती इंसानी भीड़ में चंद इंसान ऐसे भी हैं जिनसे है इंसान और इंसानियत का वजूद ।
वरना सब कुछ खाक होता है ना रहती फैली यह धरती चारों तरफ और मौजेंं लेते सागरों के हदूद ।

3 Likes · 6 Comments · 405 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
सोच की अय्याशीया
सोच की अय्याशीया
Sandeep Pande
वो पहली पहली मेरी रात थी
वो पहली पहली मेरी रात थी
Ram Krishan Rastogi
*तंजीम*
*तंजीम*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हे🙏जगदीश्वर आ घरती पर🌹
हे🙏जगदीश्वर आ घरती पर🌹
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
विधाता छंद (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
विधाता छंद (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
Subhash Singhai
दृढ़ निश्चय
दृढ़ निश्चय
RAKESH RAKESH
व्हाट्सएप के दोस्त
व्हाट्सएप के दोस्त
DrLakshman Jha Parimal
*नीम का पेड़*
*नीम का पेड़*
Radhakishan R. Mundhra
R J Meditation Centre, Darbhanga
R J Meditation Centre, Darbhanga
Ravikesh Jha
ममता
ममता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नारी का बदला स्वरूप
नारी का बदला स्वरूप
विजय कुमार अग्रवाल
⭕ !! आस्था !!⭕
⭕ !! आस्था !!⭕
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
टूट कर भी
टूट कर भी
Dr fauzia Naseem shad
तुम्हारे
तुम्हारे
हिमांशु Kulshrestha
जिस मुश्किल का यार कोई हल नहीं है
जिस मुश्किल का यार कोई हल नहीं है
कवि दीपक बवेजा
💐प्रेम कौतुक-472💐
💐प्रेम कौतुक-472💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
यह आखिरी खत है हमारा
यह आखिरी खत है हमारा
gurudeenverma198
साधा जिसने मौन को, पाता कभी न शोक (कुंडलिया)
साधा जिसने मौन को, पाता कभी न शोक (कुंडलिया)
Ravi Prakash
रूबरू।
रूबरू।
Taj Mohammad
मन की परतों में छुपे ,
मन की परतों में छुपे ,
sushil sarna
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Kisne kaha Maut sirf ek baar aati h
Kisne kaha Maut sirf ek baar aati h
Kumar lalit
అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి.
అందమైన తెలుగు పుస్తకానికి ఆంగ్లము అనే చెదలు పట్టాయి.
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
संतुलित रहें सदा जज्बात
संतुलित रहें सदा जज्बात
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मैं तो महज संसार हूँ
मैं तो महज संसार हूँ
VINOD CHAUHAN
"शुद्ध हृदय सबके रहें,
*Author प्रणय प्रभात*
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
Phool gufran
If you have  praising people around you it means you are lac
If you have praising people around you it means you are lac
Ankita Patel
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
Buddha Prakash
माँ गौरी रूपेण संस्थिता
माँ गौरी रूपेण संस्थिता
Pratibha Pandey
Loading...