Phoolchandra Rajak Tag: कविता 112 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Phoolchandra Rajak 25 Jan 2023 · 1 min read गणतंत्र दिवस आज हम राष्ट्रीय पर्व मनाते हैं। गीत खुशी के गाते हैं। इस दिन ही लागू हुआ संविधान हमारा। आज भी मजदूर बना हुआ, है बेचारा। समानता का है लागू हुआ... Hindi · कविता 2 1 222 Share Phoolchandra Rajak 7 May 2022 · 1 min read हे कवि! हे कवि, ऐसा लिख देना, जो किसी के काम आ जाये। भटके हुए मानव की राह बन जाये। हे कवि! ऐसा सदगुरु बता देना, जो भव सागर तर जाये। जो... Hindi · कविता 1 1 172 Share Phoolchandra Rajak 17 Apr 2022 · 1 min read पिता। जगत में कोई न पिता समान। पिता है चलता फिरता भगवान। बच्चों को रखें ध्यान, सब करें कल्याण। आज सब करो पिता का सम्मान। जगत में पिता है, सबसे महान।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 5 330 Share Phoolchandra Rajak 17 Apr 2022 · 1 min read पिता जगत में कोई न पिता समान। सबको पालता है,दिल लिए अरमान। जगत में न कोई पिता समान। सबको साथ लिये चलता है। नही किसी से गिला शिकवा करता है। चिंता... Hindi · कविता 2 149 Share Phoolchandra Rajak 12 Apr 2022 · 1 min read गाय तुम्हारी। हे मुरली मनोहर गिरधारी,आकर देखो गाय तुम्हारी। आज सड़कों पर फिरती मारी मारी,हे मुरली मनोहर गिरधारी। गाय माता ने सबको पाला,जब पूजा रहीं थीं दुनिया सारी। जय मुरली मनोहर गिरधारी।... Hindi · कविता 1 2 195 Share Phoolchandra Rajak 4 Apr 2022 · 1 min read कविता। गाय में तो भगवान निहारा। और भैंस को मौत के घाट उतारा। हर जीव में बैठा है सृजन हारा। फिर मुर्गे को बलि देकर क्यो मारा? अहिंसा परमो धर्म यह... Hindi · कविता 3 1 438 Share Phoolchandra Rajak 3 Apr 2022 · 1 min read प्रार्थना राम से! हे राम हे राम हे राम, मेरी प्रार्थना स्वीकार करो। सज्जनों का कष्ट हरो, दुष्टों का संहार करो। गाय माता की रक्षा करो, भक्तों का मान बढ़ाओ। लो नृसिंह अवतार... Hindi · कविता 220 Share Phoolchandra Rajak 1 Apr 2022 · 1 min read संज्ञान लेना। किसी भी गंभीर अपराध में, संज्ञान लेना ये मानवता हमारी है। इंतजार मत करना सलाखों के पीछे पहुचाना अपराधी को,यह जिम्मेदारी तुम्हारी है। बाल अपराधों को रोको,ये शासन करने वालों... Hindi · कविता 1 339 Share Phoolchandra Rajak 17 Mar 2022 · 1 min read मंदिर बनाने से क्या? मंदिर पर मंदिर बनाने से क्या ? ईश्वर तेरे और मेरे अंदर समाया है। भक्ति का रुप नहीं मालूम, इसलिए तू भरमाया है। ईश्वर को न पहचान सका, इसलिए ही... Hindi · कविता 6 2 253 Share Phoolchandra Rajak 14 Mar 2022 · 1 min read मेरी शुरुआत। कविता--मेरे दिन की शुरुआत राम से। मेरी सेवा की शुरुआत ,निष्काम से। मेरे काम की शुरुआत,प्रणाम से। मेरी भक्ति की शुरुआत नाम से। मेरी यात्रा की शुरुआत,धाम से। मेरी जिंदगी... Hindi · कविता 2 1 338 Share Phoolchandra Rajak 11 Mar 2022 · 1 min read ये चेहरा तेरा,ये चेहरा मेरा। ये चेहरा तेरा, ये चेहरा मेरा। बहुत कुछ बोलता है। पढ़ने की कला हों तो,तुम आत्मा की गहराई तक तुम्हें पहुंचाता है। चेहरा बहुत कुछ बोलता है। एक स्वरुप रुप... Hindi · कविता 166 Share Phoolchandra Rajak 20 Feb 2022 · 1 min read मेरे बिना अधूरा! ये दुनिया समझदारो से चलती है।----+----आसमान में जाकर ऊंची उड़ान भरती है। तुझे क्या बताऊं मितवा, ये लड़ती और झगड़ती है।----हमेशा मूर्खो को नकारा करतीं हैं।----सच बताऊं मितवा उसी से... Hindi · कविता 1 1 228 Share Phoolchandra Rajak 18 Feb 2022 · 1 min read मत-दान! जब आप कर देते हो मत-दान।------------फिर वह बन जाते हैं, श्रीमान।--------------उनको हो जाता है, बहुत अभिमान।-------भूल जातें हैं,वो और खो जाते हैं पहचान।-बहुत गजब का खेल है ,यह मत-दान।-----राजा बना... Hindi · कविता 1 2 285 Share Phoolchandra Rajak 12 Feb 2022 · 1 min read मनुष्य होकर भी मनुष्य? मनुष्य होकर भी मनुष्य नहीं बन पाया है। ईश्वर ने तुझे बहुत बार समझाया है।-------सब कुछ दे दिया है, पर! मांगना ना छोड़ा है।----हंसी देकर बहु बार पर रोना ना... Hindi · कविता 2 3 211 Share Phoolchandra Rajak 4 Feb 2022 · 1 min read अमूल्य क्षण! अब तेरा जीवन नही चलेगा,बिन पानी के।क्यो? बर्बाद कर रहा है, अमूल्य क्षण जवानी के।-----पहले किस्से सुन-सुन कर दादा नानी के।------------------------------अब सुन लो तुम टी,वी पर प्रवचन ज्ञानी के।अब असर... Hindi · कविता 1 1 309 Share Phoolchandra Rajak 31 Jan 2022 · 1 min read मृत्यु भोज! जिस आंगन में पुत्र शोक से, बिलख रही माता।----वहां पहुंच कर स्वाद जीभ का तुमको कैसे भाता।-----पति के चिर वियोग व्याकुल युवती विधवा होती है।----बड़े चाव से पंगत खाते,क्या? तुम्हें... Hindi · कविता 3 2 273 Share Phoolchandra Rajak 25 Jan 2022 · 1 min read छब्बीस जनवरी। छब्बीस जनवरी सन् उन्नीस सौ सैंतालीस।भारत खुशी मनाता है! जैसे बंध खुलें चौबीस।--------परम्परा का निर्वहन करता है, जैसे आ गये जगदीश।------------------बहुत खुशी हुई थी, जैसे कोई खुशी में दे गया... Hindi · कविता 2 1 330 Share Phoolchandra Rajak 21 Jan 2022 · 1 min read निर्दलीय सरकार! मेरा यह नुस्खा अपनाओं। निर्दलीय सरकार बनाओं। छोड़ो ये दलबदलुओं को इन्हें सबक सिखलाओ। मेरा यह नुस्खा अपनाओं।अब किस पर करो भरोसा।संसद में पहुंच कर बन जाते है समोसा।--संसद का... Hindi · कविता 2 318 Share Phoolchandra Rajak 18 Jan 2022 · 1 min read नारी मय हुआ----+----- नारी मय हुआ संसार।सुन मेरे भरतार।----------अब न कहना मुझे नार ।--------------तुम भी मूंछ मुंडाओं, सबने मूंछ मुंडाई।----घर घर में देखो , मुखिया बनी लुगाई।----------अब नारी चलावै घर द्वार। सुन मेरे... Hindi · कविता 2 2 240 Share Phoolchandra Rajak 16 Jan 2022 · 1 min read इस जन्म के बाद! इस जन्म के बाद भी ,दूसरा जन्म होगा।--करले अभी से तैयारी नही तो मुश्किल में होगा।------------यह कोई नहीं जानता कि आवागमन से मुक्त होगा।-------------------पर! जन्म तो निश्चित है,किस योनि में... Hindi · कविता 3 5 458 Share Phoolchandra Rajak 7 Jan 2022 · 1 min read सत्य की राह? कभी मानव बन कर जिया है तुमने?-------कभी गरीब को प्रेम से छुआ है तुमने?------ईरषा ,द्ववेष में, हमेशा जिया करते हो।-------कभी मानव होने का अहसास किया है तुमने।? झूठी कहानी गढ़... Hindi · कविता 2 4 219 Share Phoolchandra Rajak 1 Jan 2022 · 1 min read अब बीत गया,सो बीत----! अब बीत गया सो बीत गया।जो रीत गया सो रीत गया।------------------------------अब छोड़ो बात पुरानी।----------------------------नये जोश,नये संकल्प से आगे बढ़ो हिंदुस्तानी।जो आता है वो जाता है।एक नया सबक दे जाता है।---+-+-++---------आगे... Hindi · कविता 2 4 217 Share Phoolchandra Rajak 30 Dec 2021 · 1 min read अब हमें यही रुकना? अब हमें यही रुकना होगा।-----कोई नही बचा है मानवतावादी।------------दुष्टो को मारो ,यह अभियान चलाना होगा।अब हमें यही रुकना होगा। लोकतंत्र पर कब्जा कर बैठे है , इन्हें उठाना होगा।अब हमें... Hindi · कविता 1 1 219 Share Phoolchandra Rajak 27 Dec 2021 · 1 min read जीयो और जीने दो जीयो और जीने दो। ज्यादा नही केवल ,दो ही रहने दो। जीयो और जीने दो।नाही किसी से दोस्ती नाही किसी से बैर बस यह भाव रहने दो। अंहकार को छोड़... Hindi · कविता 3 2 272 Share Phoolchandra Rajak 26 Dec 2021 · 1 min read नये दौर की-------------? नये दौर की-------------नई कहानी।अब पढ़ेंगे हिंदुस्तानी।गूगल पर जाकर, सर्च करेंगे अपने नाना-नानी।नये दौर की-------------नई की कहानी। पढ़ेंगे हिंदुस्तानी।अब समय लिख रहा है। बगैर पेन कागज के सब कर रहा है।लिख... Hindi · कविता 2 4 298 Share Phoolchandra Rajak 21 Dec 2021 · 1 min read नये साल का ----+? नये साल का नया इतिहास लिखेंगे! कुछ भी नया नहीं होगा!पर गीत खुशी के गायेंगे। ये हिंदुस्तान है, जहां पर हम सभी मिलकर खिचड़ी पायेंगे। अंग्रेजी में स्वागत गीत सुनायेगे।नये... Hindi · कविता 1 3 214 Share Phoolchandra Rajak 15 Dec 2021 · 1 min read समय। समय कभी न रुकता है,न किसी का गुलाम होता है।समय ही मानव का सबसे बड़ा गुरू कहलाता है।समय कब किसका पलट जाये कोई निशचय न होता है।मन की कितनी ही... Hindi · कविता 3 3 291 Share Phoolchandra Rajak 12 Dec 2021 · 1 min read मेरी वीरता। मेरी वीरता पुकार रही है। दुष्टों से जंग करने के लिए कह रही है।पर! दुष्टों से जंग करने के लिए हथियार चाहिए। दुष्टों से जंग करने के लिए लक्ष्मण जैसा... Maithili · कविता 1 263 Share Phoolchandra Rajak 11 Dec 2021 · 1 min read आधुनिकता का शोर। आधुनिकता का शोर।फैल रहा चहु ओर। इस को पकड़ रहा कोई ज्ञानी चोर। इससे कोई बच नही पायेगा।जब यह तूफान बन कर आयेगा। फिर हाहा कार मचायेगा। लेकिन इसे रोक... Hindi · कविता 3 1 587 Share Phoolchandra Rajak 1 Dec 2021 · 1 min read इस भीड़ में। मुझे इस भीड़ में, कोई बंधु नजर न आता है। कोई है अमृत, तो कोई जहर नजर आता है।अपने अपने स्वार्थ को लेकर भागा जाता है। मुझे इस भीड़ में... Hindi · कविता 3 3 252 Share Phoolchandra Rajak 21 Nov 2021 · 1 min read खून नही वो पानी है। खून नही वो पानी है,सब कुछ धानी धानी है। जिस खून में उबाल ना हो ,वह कैसी जवानी है। खून नही वो पानी है। ऊंट बिल्ली ले गई , ये... Hindi · कविता 2 1 939 Share Phoolchandra Rajak 17 Nov 2021 · 1 min read हे अर्जुन उठो! हे अर्जुन उठो,------------दुष्टो को सबक सिखाना है।अब समय नही सोने का,सत्य की रक्षा के लिए फिर, गाण्डीव उठाना है।देखो तो अब ऐसा लगता है,कि वीरों से पृथ्वी खाली है। इसलिए... Hindi · कविता 1 1 215 Share Phoolchandra Rajak 16 Nov 2021 · 1 min read सुबह का समाचार। सुबह सुबह जब आया अखबार।जब पढ़ा तो, लिखा था शहीद हुआ परिवार।यह पढ़कर,मेरे निकल पड़े अश्रुधार।कब तक? सैनिकों को आंतकवाद की बलि चढ़ाओगे। अभी नही जागे तो,बाद में पछताओगे।क्या गुजरी... Hindi · कविता 1 3 203 Share Phoolchandra Rajak 9 Nov 2021 · 1 min read हे पथिक! हे पथिक---------------+++++++++सुनो दुष्टों के बीच सज्जन का रहना। कितना मुश्किल है उसकी व्यथा कहना। कैसे खुश रहता होगा। कितना दुख सहता होगा। उसके अंतर मन की ,व्यथा कौन समझता होगा।... Hindi · कविता 3 4 270 Share Phoolchandra Rajak 31 Oct 2021 · 1 min read किसी को खुशी दे! किसी को तुम खुशी दे सको एक पल की । ऐसा कर्म करते चलो , क्योंकि खबर नही पल की। पत्थर को पूजते , पूजते हो गया पत्थर दिल।जिस राह... Hindi · कविता 2 1 212 Share Phoolchandra Rajak 23 Oct 2021 · 1 min read विरला की गति। हम सब बन गये है, ज्ञानी ।सभा बीच कर रहे हैं कविता वखानी।बिन कानों से सुनते हैं ये प्रानी।यह रहस्य को केवल विरला ही जानी। जिंदगी को तो यों जीतें... Hindi · कविता 1 201 Share Phoolchandra Rajak 19 Oct 2021 · 1 min read दीपावली कैसे मनाता है। हिंदी ओढ़ता, हिंदी बिछाता हिंदी मात्र भाषा बताता है। दीपावली का त्यौहार फिर अंग्रेजी में क्यों मनाता है।अपनी संस्कृति से आज क्यों नाता तोड़ रहा है। विदेशी भाषा से क्यों... Hindi · कविता 1 1 279 Share Phoolchandra Rajak 12 Oct 2021 · 1 min read वह मनुष्य नही हो सकता ॽ जो किसी की गर्दन काट, सकता है।वह सच्चे अर्थों में मनुष्य नही हो सकता है। अपने पेट की खातिर, किसी की बलि चढ़ाता है।वह सच्चे अर्थों में धर्मी नही हो... Hindi · कविता 1 236 Share Phoolchandra Rajak 7 Oct 2021 · 1 min read अपनी खुशी की खातिर। अपनी खुशी की खातिर ,मानव जाने क्या क्या करता है। अपने मन की शांति के लिए, क्यों बलि का बकरा बनाता है।प्रकृति का ध्यान नही रखता है।अपनी मौज मनाने को,... Hindi · कविता 1 1 194 Share Phoolchandra Rajak 5 Oct 2021 · 1 min read जमाना बदल गया! कहते रहे करते गये,कि जमाना बदल गया है। तुम बदले, हम बदले। फिर सारा जहां बदल गया है। दौड़ लगाई, रीति बनाई फिर सब कुछ भूल गया है।सारा जहां बदल... Hindi · कविता 334 Share Phoolchandra Rajak 16 May 2021 · 1 min read वरदान है बरसात! पपीहा की तपस्या का फल है बरसात। ऋतु चक्र का हिस्सा है बरसात। कोयल की मीठी वाणी है बरसात। किसान की खुशी का ठिकाना है बरसात। धरा की हरियाली की... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 8 468 Share Phoolchandra Rajak 6 May 2021 · 1 min read सुख की अनुभूति। सुख की अनुभूति इन्सान को कमजोर बनाती है। दुख की अनुभूति इन्सान को मजबूत बनाती है। छाया बिश्राम को सुख मय बनाती है। धूप इन्सान को,प्रकाश से आलोकित बनाती है।... Hindi · कविता 5 5 384 Share Phoolchandra Rajak 4 May 2021 · 1 min read ये बेतुकी भीड़ मैं बद से बद्तर होता चला गया। कभी सोचा न था कि भलाई के बदले बुरा होगा। मैं बुराई के बदले को टालते चले गया। कब? चमकेगी किस्मत मेरी। रोशनी... Hindi · कविता 2 7 395 Share Phoolchandra Rajak 10 Apr 2021 · 1 min read श्री राम बोल। श्रीराम जय राम जय जयराम बोलो। हमेशा बाणी तोल कर बोलो। राम नाम की शक्ति अपारा। जान सके कोई जानन हारा। श्री राम जय राम जय जय राम बोलो। किसी... Hindi · कविता 1 6 368 Share Phoolchandra Rajak 6 Apr 2021 · 1 min read मिट्टी में मिल जाना यहां पर लगा आना जाना। यहां तेरा न कोई ठिकाना। ये जगत मुसाफिर खाना। फिर तेरा क्या इतराना। लगा है यहां पर आना जाना। फिर भी समझ न पाना। यहां... Hindi · कविता 2 5 625 Share Phoolchandra Rajak 28 Mar 2021 · 1 min read गाय माता जी एक रोटी दे कर तुम मानवता से अपना पल्ला ना झाड़ों। गाय माता ने तुम्हें पाला है ,अब गाय माता को तुम पालो। गाय माता की रक्षा करना समस्त मानव... Hindi · कविता 4 441 Share Phoolchandra Rajak 25 Mar 2021 · 1 min read नारी का सम्मान करना सीखो आज नारी का सम्मान। तभी बनेगा देश महान। शामिल हो प्रायमरी शिक्षा में यह गान। समाज में सदा करो नारी का सम्मान। आज समाज में बढ़ रहे नारी... Hindi · कविता 1 288 Share Phoolchandra Rajak 24 Mar 2021 · 1 min read ऐसा कर्म कर जाना। अपना परिचय दे कर जाना। ऐसे ही न निकल जाना। हंसना और हंसाना,अपना परिचय दे कर जाना। यहां पर तो लगा रहता है आना जाना। सभी से मीठे बोल बोल... Hindi · कविता 4 466 Share Phoolchandra Rajak 21 Mar 2021 · 1 min read विश्व कविता दिवस। अंतर मन से निकली , करुणा की धारा है। हृदय स्थल से निकलने वाली धारा है। कविता मन का उजियारा है। मन की शांत लहरों का किनारा है। हृदय की... Hindi · कविता 1 4 352 Share Phoolchandra Rajak 16 Mar 2021 · 1 min read जिन्दगी कभी कभी उदासी की आग है जिन्दगी। कभी कभी खुशियों का त्यौहार है जिन्दगी।हंसता और रूलाता राग हैं जिन्दगी। कड़वे और मीठे अनुभव का स्वाद हैं जिन्दगी।पर अंत में किये... Hindi · कविता 6 525 Share Page 1 Next