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9 Nov 2021 · 1 min read

हे पथिक!

हे पथिक—————+++++++++सुनो दुष्टों के बीच सज्जन का रहना। कितना मुश्किल है उसकी व्यथा कहना। कैसे खुश रहता होगा। कितना दुख सहता होगा। उसके अंतर मन की ,व्यथा कौन समझता होगा। बड़े बड़े अमीरों के बीच में, झुग्गी बना कर रहता होगा। फिर भी इन अमीरों से ज्यादा खुशी मनाता होगा। उसके चहरे पर हर दम, खुशी के भाव छलकते होंगे। क्योंकि वह जीवन की सच्चाई को समझता होगा। इसलिए एक झुग्गी में,महल जैसा सुख पाता होगा।

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 241 Views
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