मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' Tag: कविता 75 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2024 · 1 min read गर तुम हो ये बारिशों की बूंदे ये मीठी से चुभन ये सरसरी हवाएं ढाह रही जुल्म देखते ही तुमको प्यार हो गया मेरा मुझसे से राफ्ता हो गया क्या कहूं मैं तुमसे... Hindi · कविता 116 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 30 Jun 2023 · 1 min read दशहरा आज पर्व है असत्य पर सत्य की विजय का रावण पर राम की विजय का दानवों और दैत्य पर देवी दुर्गा विजय का समय का चक्र चलता रहता है कल... Hindi · कविता · दशहरा कविता 1 393 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read तितली के तेरे पंख रंग बिरंगे तितली के पंख रस को आस प्यासी भटकन सुखी होता है जिससे जीवन पाती लिख दी नाम तुम्हारे... सीमा रेखा छूने को नित नये नये सपन सजाती उठती... Hindi · कविता 1 491 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read काश वो होते मेरे अंगना में काश वो होते मेरे अंगना में, होठों की प्यास बुझ जाती फूलों में भौरे की तरह इधर उधर मैं चूमती हर फूल में तेरी सूरत नजर आती मस्ती में मैं... Hindi · कविता 1 349 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read जीवन हमारा रैन बसेरा जीवन हमारा रैन बसेरा मूर्ख करता है मेरा मेरा प्राण का पंछी बंद पिंजरे से उड़ना चाहता है स्वच्छंद हाड़, मां का बना है कारा इस पिंजरे में ऋषि का... Poetry Writing Challenge · कविता 1 144 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read अतीत के सपनों का देखा मैने घर के आंगन में गुलाब को देखा उस पर तितलियों के झुरमुट को देखा विभिन्न रंगों के गुलाबों को देखा तितलियों को गुलाब पर मंडराते देखा कभी ऊपर-नीचे कभी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 235 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read रिम झिम रिम झिम वर्षा आई… बादल गरजे बिजली कड़की रिम झिम रिम झिम वर्षा आई संग अपने खुशियां हजार लाई बच्चों ने छाता ले नाव चलाई रिम झिम रिम झिम वर्षा आई… मिट्टी से सौंधी... Poetry Writing Challenge · कविता 223 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read तुम मेरी क्या हो ? तुम तो स्वच्छ चांदनी सी कोमल वंदनी तुम मेरी क्या हो हृदय की रागनी हो या स्पर्श प्रथम हो तुम मीठी चुभन हो या प्रणय की वेदना हो तुम उम्र... Poetry Writing Challenge · कविता 202 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read आया मौसम बरसात का आया प्यार भरा मौसम बरसात का नई नई उमंगों और तरंगों का ढ़ोल, मंजीरे, शराब और मस्ती का मन में भरी प्यारी उमंगों का चलो बरसात के महीने में मस्ती... Poetry Writing Challenge · कविता 364 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read निस्वार्थ प्रेम का नाम है पापा दुनिया में निस्वार्थ प्रेम का नाम है पापा टूटे हिम्मत तो कभी हौंसले का नाम है पापा डरे मन तो हिम्मत का नाम है पापा कड़ी धूप में छांव का... Poetry Writing Challenge · कविता 1 774 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read सजना मेरे आजा रे… आजा रे…आजा रे… सजना मेरे आजा रे… तुझे प्रीत के गीत बुलाएं तू कहां छिपा रे आजा रे…आजा रे… सजना मेरे आजा रे… खुशी के दिन प्रीत के क्षण वो... Poetry Writing Challenge · कविता 1 252 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read तुम तुम प्यार भरी अंखियां हो तुम सौंदर्य का एक रस हो मन की वीणा की सरगम हो दिल में उठती एक उमंग हो उम्र की दहलीज का एक कदम हो... Poetry Writing Challenge · कविता 1 228 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read कभी कम न हो… चाहो तो ऐसे चाहो कि चाहत कभी कम न हो उड़ो तो ऐसे उड़ो कि हिम्मत कभी कम न हो हंसों तो ऐसे कि मुस्कराहट कभी कम न हो जख्म... Poetry Writing Challenge · कविता 1 212 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read रूठी प्रियसी हे प्रिये तुझे अहसास नहीं मेरे दर्द का तुझे अहसास नहीं जिंदगी का तुझे अहसास नहीं समय सागर से मिलेगा एक दिन इसका तुझे अहसास नहीं भोली भाली कलिया सी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 186 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read तुम्हारा विश्वास न था पत्तों में हुई सरसराहट मगर कोई पास न था तुम आओगी यहां मुझे विश्वास न था… राहों में देखे सुर्ख फूल बहुत से तेरे अधरों के सुर्ख होने का आभास... Poetry Writing Challenge · कविता 1 190 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read नया वर्ष आज का दिन बड़ा सुहाना लगता है… जिसको देखो वह मस्ताना लगता है… आज का सूर्य भी भला सा लगता है… आज का दिन सबको प्यारा लगता है… आज का... Poetry Writing Challenge · कविता 1 193 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read मेरे पापा… पापा तुमने हमे सन्मार्ग पर चलना सिखाया समाजसेवा का मूल मंत्र आपने बताया अच्छी अच्छी सामाजिक बातों को समझाया आपकी छत्र छाया में पौधे से बढ़कर वृक्ष बने… पापा आप... Poetry Writing Challenge · कविता 1 193 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read सपनों का महल सपनो का महल जो बिना आधार खड़ा है उसके चित्र अपनत्व के है स्मृति के रूप में खड़ा है भग्नावशेष खंडर सा मूक हिमालय सा खड़ा है विचारों की लड़ी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 204 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read जुल्फ जब खुलकर बिखर गई जुल्फ जब खुलकर बिखर गई याद सावन की आ गई अजीब मेरी हालत है ऐसे में बस याद तेरी आ गई मौसम बना रेशमी भीगा वस्त्र आंखों में रोशनी सी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 179 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 15 Jun 2023 · 1 min read गीत की लय… अर्पणा याद की पीली पड़ी पहचान में राग गूंजता तुम्हारा बन अतीत हो गंध जैसे सुन्दर कुसुम में जाग उठी लय तुम्हारा गीत हो सांझ जा अंजरी सम पिघलती है... Poetry Writing Challenge · कविता 1 108 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read फूल तो सारे जहां को अच्छा लगा फूल तो सारे जहां को अच्छा लगा फूल में ही तो रगत का मेल मिला फूल पे तितली का बैठना अच्छा लगा खिजाओं में फिजाओं में रंग आने लगा बहारों... Poetry Writing Challenge · कविता 89 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read पर्यावरण और मानव पेड़ लगाकर पर्यावरण बनाएं धरती मां को हरा-भरा बनाएं बीमारियों से देश को बचाएं धरती मां सबकी माता है जड़-चेतन से सभी का नाता है शुद्ध पर्यावरण से वर्षा होगी... Poetry Writing Challenge · कविता 102 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read बस रह जाएंगे ये जख्मों के निशां… बस रह जाएंगे ये जख्मों के निशां… ये युद्ध भी थमेगा, क्रोध भी थमेगा थमेगी ये प्रतिशोध की ज्वाला मिल जाएंगे दुश्मन भी गले और छलकाएंगे प्रेम का प्याला पर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 99 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read मधुमास बना जीवन मधुमास बना मेरा जीवन भावनाओं को संजोकर अविराम चलता रहता है मानव तो परिस्थितियों का दास बनकर चलता रहा है… जीवन नौका सा डग मग डोलता चलता रहता है… जीवन... Poetry Writing Challenge · कविता 1 95 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read सजना मेरे आजा रे… आजा रे…आजा रे… सजना मेरे आजा रे… तुझे प्रीत के गीत बुलाएं तू कहां छिपा रे आजा रे…आजा रे… सजना मेरे आजा रे… खुशी के दिन प्रीत के क्षण वो... Poetry Writing Challenge · कविता 1 84 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read चली रे चली मेरी पतंग चली… चली रे चली मेरी पतंग चली होके डोर पे सवार मेरी पतंग चली इठलाती लहराती मेरी पतंग चली कभी जमी तो कभी आसमां छूती देखों पक्षियों से कैसे बाते करती... Poetry Writing Challenge · कविता 1 77 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read बम्बई नगरिया सोने की चिड़िया है बम्बई नगरिया गांव और शहरों की है यह नगरिया रास-रंग और सौंदर्य से भरी है यह नगरिया देश-विदेश के आकर्षण का केंद्र है यह नगरिया जूहू,... Poetry Writing Challenge · कविता 113 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read वर्षा वर्षा का प्यारा मौसम आया मलय पवन का झोंका लाया दादुर, मोर, झिंगुर, पपीहा ने शोर मचाया मनभावन वर्षा का मौसम आया आमो, लीची मौसमी फलों को साथ लाया जामुन... Poetry Writing Challenge · कविता 105 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read माटी है मेरे देश की चंदन माटी है मेरे देश की चंदन सत् सत् बार करूं मैं नमन गंगा और यमुना बहती है पूर्वजों की कथा कहती है इस माटी में पैदा हुए संत महान इस... Poetry Writing Challenge · कविता 100 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read भजन कौशलनंदन रघुनाथ हरि, तुम ही एकनाथ हमारे हो। यदुनंदन के यदुनाथ हरि, तुम गोकुलनाथ हमारे हो। युग क्रम परिवर्तन कर राघव, राधे माधव राधे माधव हे गुरुकुल के अतिउपकारी, तुम... Poetry Writing Challenge · कविता 67 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 3 Apr 2023 · 1 min read सुहावना समय सुहावना समय सूना नदी का किनारा पास में प्रियतमा का साथ पानी में तरंगे ले रही अटखेलियां पैरों को उनका स्पर्श अच्छा लगा ठंडी-ठंडी सी प्यारी सी सांसों में वास... Hindi · कविता 1 237 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 3 Apr 2023 · 1 min read आकाश के नीचे आकाश के नीचे मानसरोवर के सरोवर में गोता लगाया बहुत से गोताखोरों ने मोती तो कुछ को मिले कुछ हाथ मलते रहे मोटरसाइकिल कतारों में पीछा करते थे एक दूसरे... Hindi · कविता 1 238 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 3 Apr 2023 · 1 min read जीवन की अभिव्यक्ति दिल क्यों चुप हो गया है? प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष का सपना सा... अपने विचारों से जुड़ा, एक अमूर्त आकार सा... हर संभव डूबकर क्या लिखूं कविता सा... उसमें भावों को उठता... Hindi · कविता 255 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 24 Nov 2022 · 1 min read निरक्षता ज्ञान का दीप जलाओ मन मंदिर में कही भी अंधकार न रहे अंधेरा रास्ता भूल जाये प्रकाश का मार्ग प्रशस्त करे निरक्षरता एक कलंक दूर करना सभी का फर्ज है... Hindi · कविता 494 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 24 Nov 2022 · 1 min read आकाश के नीचे मानसरोवर के सरोवर में गोता लगाया बहुत से गोताखोरों ने मोती तो कुछ को मिले कुछ हाथ मलते रह गये मोटर साईकिल कतार में पीछे करते थे एक दूसरे के... Hindi · कविता 482 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 24 Nov 2022 · 1 min read फूल तो सारे जहां को अच्छा लगा फूल तो सारे जहां को अच्छा लगा फूल में ही तो रगत का मेल मिला फूल पे तितली का बैठना अच्छा लगा खिजाओं में फिजाओं में रंग आने लगा बहारों... Hindi · कविता 320 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 29 Oct 2022 · 1 min read हम देखते ही रह गये प्रकृति के प्रकोप ने सारा संसार हिला दिया केदारनाथ, बद्रीनाथ, हरिद्वार प्रलय सा हो गया तीर्थयात्री तीर्थ यात्रा के मंजर को देखते रहे गये समस्त जड़ चेतन जल में ओत-प्रोत... Hindi · कविता 1 227 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 29 Oct 2022 · 1 min read मेरी क्यारी फूल भरी मेरी क्यारी, जो है बड़ी न्यारी फूलों से, रंग-बिरंगे भरी क्यारी ये, लगी फूलों से प्यारी महकने फिर से ये प्यारी क्यारी... मेरी क्यारी में फूल लगे सबको लगती है... Hindi · कविता 1 686 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 29 Oct 2022 · 1 min read लड़ाकू विमान और बेटियां देश के मंत्रालय ने कहा लड़ाकू विमान चालक बनेंगी बेटियां देश की नैया की पतवार बनीं हैं बेटियां देश की शान, आन, मान बनीं हैं बेटियां घर की चारदिवारी से... Hindi · कविता · नजीबा · लड़ाकू विमान और बेटियां 1 159 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 29 Oct 2022 · 1 min read आंखों के दपर्ण में आंखों के दपर्ण में आंख डालकर तो देखो मेरे मन की गहराई को सागर से भी ज्यादा है जो गहरा है मन भावनाये तरंगे उठती है फिर उठकर गिरती है... Hindi · कविता 2 718 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 29 Oct 2022 · 1 min read चुहिया रानी चुहिया रानी, चुहिया रानी लगती हो तुम बड़ी सयानी। जैसे हो इस घर की रानी तभी तो करती हो मनमानी। कुतर-कुतर सब कुछ खा जाती, आहट सुन झट से छिप... Hindi · कविता 2 387 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 29 Oct 2022 · 1 min read नजर तुम्हारा मेरा परिचय अबका नहीं, बहुत पुराना है बीज में जैसे अंकुर देखता है, स्वप्न सजीले, एक आंख फूटी सी, प्रकृति का आनंद लेता है दूसरी आंख तो केवल दुख... Hindi · कविता 3 223 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 29 Oct 2022 · 1 min read कवि और चितेरा कवि हृदय भावों को, तुलिका के माध्यम से, कल्पना के पंखों पर उड़कर लिखता है, जो कुछ समाज में देखता है। कवि अपने युग का प्रतिनिधि है साहित्य समाज का... Hindi · कविता 1 170 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 29 Oct 2022 · 1 min read तितली तेरे पंख रंग-बिरंगे तितली के पंख, रस की आस प्यासी भटकन, सुखी होता है जिससे जीवन, पाती लिख दी नाम तुम्हारे। सीमा रेखा छूने को नित नए-नए सपने सजाती, उठती गिरती और... Hindi · कविता 1 187 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 29 Oct 2022 · 1 min read काली सी बदरिया छाई... किया मुक्त किशोर को सजनी ने, काली सी बदरिया छाई। मशगूल था मैं लिखने में, इतने में तस्वीर नयनों में छाई। चेहरे पर अचानक फुहार पड़ी, मौज और मस्ती सी... Hindi · कविता 1 222 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 18 Oct 2022 · 1 min read समाज का दर्पण और मानव की सोच दर्पण में अपने सौंदर्य को देख स्वयं से प्रश्न पूछती क्या मैं भली लगती हूं लज्जा का आंचल पटककर समाज से पूछती हूं नये नये परिधान पहनकर अपने पिया को... Hindi · कविता 1 304 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 18 Oct 2022 · 1 min read समय के उजालो... इधर आ गये हम बड़ी दूर चल के यहां सब दर्द ढूंढ़े नहीं भूले छिद्र गम के समय के उजालो दिशाओं को सजालो अभी जीवन का संघर्ष शेष है कही... Hindi · कविता 1 2 271 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 18 Oct 2022 · 1 min read जीवन हमारा रैन बसेरा जीवन हमारा रैन बसेरा मूर्ख करता है मेरा मेरा प्राण का पंछी बंद पिंजरे से उड़ना चाहता है स्वच्छंद हाड़, मां का बना है कारा इस पिंजरे में ऋषि का... Hindi · कविता 1 213 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 18 Oct 2022 · 1 min read बगिया का गुलाब प्यारा... बगिया का गुलाब प्यारा खुशबू और सौंदर्य में न्यारा ठंडी ठंडी बहती ब्यार वातावरण सुखद दमदार गर्मी और सर्दी में न्यारा बगिया का गुलाब प्यारा भौरों की गुंजन, चिड़ियों का... Hindi · कविता 1 268 Share मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम' 17 Jun 2022 · 1 min read गीत की लय... अर्पणा याद की पीली पड़ी पहचान में राग गूंजता तुम्हारा बन अतीत हो गंध जैसे सुन्दर कुसुम में जाग उठी लय तुम्हारा गीत हो सांझ जा अंजरी सम पिघलती है... Hindi · कविता 3 1 674 Share Page 1 Next