Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2023 · 1 min read

बस रह जाएंगे ये जख्मों के निशां…

बस रह जाएंगे ये जख्मों के निशां…

ये युद्ध भी थमेगा, क्रोध भी थमेगा
थमेगी ये प्रतिशोध की ज्वाला
मिल जाएंगे दुश्मन भी गले
और छलकाएंगे प्रेम का प्याला
पर युद्ध में जिसने तन-मन वारा
टूट जाएंगे उसके सपने-अपने
बस रह जाएंगे ये जख्मों के निशां…

तोप चली, चली बंदूक-तलवार
विभीषिका में टूटे कितने घर-द्वार
उसकी हार हुई उसकी जीत
उसने उसको कर दिया बर्बाद
भला युद्ध से कौन हुआ आबाद
खून का बदला खून होता है
अभी इतना ही समझा इसां
बस रह जाएंगे ये जख्मों के निशां…

जहां रहती थी बस्ती-हस्ती
जिंदा और जिंदगी की थी मस्ती
वहां अब रुंदन-क्रंदन है
जीतने वाले का ही वंदन है
कुछ की पूरी हुई आशा
बहुत झेल रहे निराशा
बारुद की दुर्गंध से भरी है फिजां
बस रह जाएंगे ये जख्मों के निशां…

नाम-मनमोहन लाल गुप्ता
मोबाइल नंबर-9927140483

Language: Hindi
1 Like · 78 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
■ जैसी करनी, वैसी भरनी।।
■ जैसी करनी, वैसी भरनी।।
*Author प्रणय प्रभात*
2876.*पूर्णिका*
2876.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हुआ है अच्छा ही, उनके लिए तो
हुआ है अच्छा ही, उनके लिए तो
gurudeenverma198
आइए मोड़ें समय की धार को
आइए मोड़ें समय की धार को
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
धरती का बेटा
धरती का बेटा
Prakash Chandra
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
*सीखा सब आकर यहीं, थोड़ा-थोड़ा ज्ञान (कुंडलिया)*
*सीखा सब आकर यहीं, थोड़ा-थोड़ा ज्ञान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्रेम तो हर कोई चाहता है;
प्रेम तो हर कोई चाहता है;
Dr Manju Saini
जय अम्बे
जय अम्बे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
कवि दीपक बवेजा
जानना उनको कहाँ है? उनके पते मिलते नहीं ,रहते  कहीं वे और है
जानना उनको कहाँ है? उनके पते मिलते नहीं ,रहते कहीं वे और है
DrLakshman Jha Parimal
श्री विध्नेश्वर
श्री विध्नेश्वर
Shashi kala vyas
सम्भल कर चलना जिंदगी के सफर में....
सम्भल कर चलना जिंदगी के सफर में....
shabina. Naaz
कलयुग मे घमंड
कलयुग मे घमंड
Anil chobisa
*अगवा कर लिया है सूरज को बादलों ने...,*
*अगवा कर लिया है सूरज को बादलों ने...,*
AVINASH (Avi...) MEHRA
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई - पुण्यतिथि - श्रृद्धासुमनांजलि
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई - पुण्यतिथि - श्रृद्धासुमनांजलि
Shyam Sundar Subramanian
चाय (Tea)
चाय (Tea)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हौसला
हौसला
Monika Verma
जीवन और जिंदगी में लकड़ियां ही
जीवन और जिंदगी में लकड़ियां ही
Neeraj Agarwal
कोशिशें करके देख लो,शायद
कोशिशें करके देख लो,शायद
Shweta Soni
नित्य करते जो व्यायाम ,
नित्य करते जो व्यायाम ,
Kumud Srivastava
हर मानव खाली हाथ ही यहाँ आता है,
हर मानव खाली हाथ ही यहाँ आता है,
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
अभी जाम छल्का रहे आज बच्चे, इन्हें देख आँखें फटी जा रही हैं।
अभी जाम छल्का रहे आज बच्चे, इन्हें देख आँखें फटी जा रही हैं।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
नव प्रबुद्ध भारती
नव प्रबुद्ध भारती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तुम भी तो आजकल हमको चाहते हो
तुम भी तो आजकल हमको चाहते हो
Madhuyanka Raj
गाँधी जयंती
गाँधी जयंती
Surya Barman
"बेहतर दुनिया के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
जमाना गुजर गया उनसे दूर होकर,
जमाना गुजर गया उनसे दूर होकर,
संजय कुमार संजू
आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे
आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे
Saraswati Bajpai
दान की महिमा
दान की महिमा
Dr. Mulla Adam Ali
Loading...