Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

जुल्फ जब खुलकर बिखर गई

जुल्फ जब खुलकर बिखर गई
याद सावन की आ गई
अजीब मेरी हालत है
ऐसे में बस याद तेरी आ गई
मौसम बना रेशमी भीगा वस्त्र
आंखों में रोशनी सी आ गई
मुझे मिली खबर जब
अंगडाई में तेरी याद आ गई
मुद्दत के बाद आंचल हिला
जीस्त में दीद की याद आ गई
तुमने ली अंगडाई
मुझे तुम्हारी याद आ गई
’अंजुम’ नदी का तेज सा बहाव
नाव पर नहीं है बचाव
कैसे हो बचाव
जुल्फ जब खुलकर बिखर गई

नाम-मनमोहन लाल गुप्ता ’अंजुम’
जाब्तागंज, नजीबाबाद, जिला बिजनौर, यूपी
मोबाइल नंबर-9152859828

Language: Hindi
1 Like · 161 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
माँ
माँ
Dinesh Kumar Gangwar
तहरीर
तहरीर
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3237.*पूर्णिका*
3237.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यह जरूर एक क्रांति है... जो सभी आडंबरो को तोड़ता है
यह जरूर एक क्रांति है... जो सभी आडंबरो को तोड़ता है
Utkarsh Dubey “Kokil”
ज़िंदगी आईने के
ज़िंदगी आईने के
Dr fauzia Naseem shad
नीलामी हो गई अब इश्क़ के बाज़ार में मेरी ।
नीलामी हो गई अब इश्क़ के बाज़ार में मेरी ।
Phool gufran
निराकार परब्रह्म
निराकार परब्रह्म
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मार्केटिंग फंडा
मार्केटिंग फंडा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वह दिन जरूर आयेगा
वह दिन जरूर आयेगा
Pratibha Pandey
*छप्पन पत्ते पेड़ के, हम भी उनमें एक (कुंडलिया)*
*छप्पन पत्ते पेड़ के, हम भी उनमें एक (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रामभक्त शिव (108 दोहा छन्द)
रामभक्त शिव (108 दोहा छन्द)
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
" महखना "
Pushpraj Anant
राम विवाह कि हल्दी
राम विवाह कि हल्दी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*कमबख़्त इश्क़*
*कमबख़्त इश्क़*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कबीर: एक नाकाम पैगंबर
कबीर: एक नाकाम पैगंबर
Shekhar Chandra Mitra
हौसला
हौसला
डॉ. शिव लहरी
श्री राम वंदना
श्री राम वंदना
Neeraj Mishra " नीर "
I have recognized myself by understanding the values of the constitution. – Desert Fellow Rakesh Yadav
I have recognized myself by understanding the values of the constitution. – Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
नाम दोहराएंगे
नाम दोहराएंगे
Dr.Priya Soni Khare
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
"खैरात"
Dr. Kishan tandon kranti
आँखों   पर   ऐनक   चढ़ा   है, और  बुद्धि  कुंद  है।
आँखों पर ऐनक चढ़ा है, और बुद्धि कुंद है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
Shweta Soni
ग़रीबी भरे बाजार मे पुरुष को नंगा कर देती है
ग़रीबी भरे बाजार मे पुरुष को नंगा कर देती है
शेखर सिंह
जब जलियांवाला काण्ड हुआ
जब जलियांवाला काण्ड हुआ
Satish Srijan
*****रामलला*****
*****रामलला*****
Kavita Chouhan
जो थक बैठते नहीं है राहों में
जो थक बैठते नहीं है राहों में
REVATI RAMAN PANDEY
🥀✍ *अज्ञानी की*🥀
🥀✍ *अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
आपकी खुशहाली और अच्छे हालात
आपकी खुशहाली और अच्छे हालात
Paras Nath Jha
Loading...