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17 Jun 2022 · 1 min read

गीत की लय…

अर्पणा याद की पीली पड़ी पहचान में
राग गूंजता तुम्हारा बन अतीत हो
गंध जैसे सुन्दर कुसुम में
जाग उठी लय तुम्हारा गीत हो
सांझ जा अंजरी सम पिघलती है
स्वप्न सी रचती है मधुरतम तारिका
जैसे कोई यातना मोड़ पे जग गई
पूजित दिशा रश्िम निहारिका
बेबसी का बर्फ जल कणी अंसुआ उठी
तपे आकाश की नमी जैसे ओढ़ चली
जर्द आंसू जल के द्वारा उमसा उठी
हरे भरे दिन का आशय तुम्हारी देन है
बिंब तिरते है पवन की धार में
हर बिछड़ती रैन सहज तुम्हे लौटाती
बीत चुकी भर चुकी जो झंकार में
गीत की लय की अमर है
’अंजुम’ गीत को अर्पित करे हम
गीत और संगीत का साथ है
गीत के द्वारा ही दार्शनिक बने हम

नाम-मनमोहन लाल गुप्ता ’अंजुम’
मोहल्ला-जाब्जागंज, नजीबाबाद, जिला बिजनौर, यूपी
मोबाइल-9152859828

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 557 Views
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