Manoj Arora Tag: लेख 32 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manoj Arora 4 Apr 2018 · 3 min read पुस्तक समीक्षा-‘कटघरे’ (कहानी-संग्रह) पुस्तक-कटघरे कथकार-डॉ. डेजी समीक्षक-मनोज अरोड़ा पृष्ठ-139 मूल्य-250 कटघरा केवल वह नहीं होता जो न्यायालय प्रांगण में लगा होता है और कोई इन्सान न्यायाधीश के समक्ष अपनी सफाई प्रस्तुत करता हो,... Hindi · लेख 1k Share Manoj Arora 30 Mar 2018 · 4 min read पुस्तक समीक्षा-महीन धागे से बुना रिश्ता पुस्तक-महीन धागे से बुना रिश्ता ‘कहानी-संग्रह’ कथाकार-सीमा भाटी समीक्षक-मनोज अरोड़ा किसी ने सही कहा है कि इन्सान के अन्दर अनन्त शक्तियों का भण्डार होता है, लेकिन ये निर्भर उस इन्सान... Hindi · लेख 306 Share Manoj Arora 22 Mar 2018 · 3 min read आखर-आखर मोती (गीतिका-संग्रह) समीक्षा-मनोज अरोड़ा आखर-आखर मोती (गीतिका-संग्रह) गीतिकाकार-डॉ. साधना जोशी ‘प्रधान’ प्रकाशक-कॉ-ऑपरेशन पब्लिकेशन्स, जयपुर समीक्षक-मनोज अरोड़ा, जयपुर कविता या गीत न केवल मानव-मन को सुकून पहुँचाते हैं, बल्कि शिक्षा भी देते हैं, परन्तु ये... Hindi · लेख 332 Share Manoj Arora 16 Mar 2018 · 2 min read पुस्तक-समीक्षा अनुगूंज ‘कविता-संग्रह’ पुस्तक समीक्षा-मनोज अरोड़ा पुस्तक - अनुगूंज ‘कविता-संग्रह’ कवयित्री- उर्वशी चौधरी पृष्ठ- 112 मूल्य-200 प्रतिध्वनि तो सबके अन्दर होती है फर्क केवल इतना है कि कोई उसे सुनकर गहराई में उतर... Hindi · लेख 508 Share Manoj Arora 9 Mar 2018 · 3 min read हिमाद्री वर्मा डोई द्वारा रचित मन के अल्फाज-पुस्तक समीक्षा-मनोज अरोड़ा मन के अल्फाज (कविता संग्रह) कवयित्री-हिमाद्री वर्मा डोई पुस्तक मूल्य-एक सौ पचास रुपये पुस्तक समीक्षा-मनोज अरोड़ा मैंने संमदर से सीखा है जीने का सलीका चुपचाप से बहना और अपनी मौज... Hindi · लेख 369 Share Manoj Arora 8 Mar 2018 · 2 min read प्रणु शुक्ला द्वारा सम्पादित बाल नाटक-पुस्तक समीक्षा-मनोज अरोड़ा बाल नाटक सम्पा. प्रणु शुक्ला पृष्ठ - 124 मूल्य - 225/- बालक जो दृश्य देखते हैं, उन्हीं से सीखते हैं। भले वह घर-आँगन का माहौल हो, पाठशाला, खेलकूद का मैदान... Hindi · लेख 541 Share Manoj Arora 1 Feb 2018 · 3 min read दर्द की परछाइयाँ-पुस्तक समीक्षा कवयित्री - शकुन्तला अग्रवाल ‘शकुन’ प्रकाशक - कॉ-ऑपरेशन पब्लिकेशन्स मूल्य - 175/- हिन्दी साहित्य जगत में प्रसिद्ध साहित्यकारों एवं प्रख्यात कवियों ने काव्य की परिभाषा को भले ही अलग-अलग शब्दों... Hindi · लेख 602 Share Manoj Arora 23 Jan 2018 · 2 min read पुस्तक समीक्षा-प्लासी का युद्ध बंगाल की लूट पर आधारित है ‘प्लासी का युद्ध’ प्रसिद्ध कहावत है ‘घर का भेदी, लंका ढाए’ उसी प्रकार दूर देशों से आए अंग्रेज कभी भारत को या तमाम भारतवासियों... Hindi · लेख 580 Share Manoj Arora 22 Jan 2018 · 2 min read संघर्ष-पुस्तक समीक्षा अधिकतर कविताओं में देशसेवा की खातिर सरदह पर डटे जवानों के जीवन-संघर्ष को प्रस्तुत किया है कवि राजकुमार मीणा ने..... जिन्दगी का दूसरा नाम ही संघर्ष है, किसी के जीवन... Hindi · लेख 679 Share Manoj Arora 22 Jan 2018 · 2 min read तुम कौन हो?-पुस्तक समीक्षा समाज में फैली भ्रांतियों पर करारा प्रहार करती हैं श्री अहमद सुमन की कहानियां कथाकार को समाज में अहम् स्थान तथा विशेष ख्याति हासिल हुई है, क्योंकि वह समाज में... Hindi · लेख 1 587 Share Manoj Arora 21 Jan 2018 · 2 min read नारी-उत्थान में स्वामी विवेकानन्द की भूमिका हमारा भारत देश इसलिए महान माना गया है, क्योंकि सर्वप्रथम यहां की धरती पर सबसे अधिक महापुरुषों ने जन्म लिया। दूसरी बात जो नारी के प्रति आदर-सत्कार की भावना यहां... Hindi · लेख 559 Share Manoj Arora 20 Jan 2018 · 2 min read पुस्तक समीक्षा-अवध की लूट पुस्तक : अवध की लूट लेखक : केशव प्रसाद गुरु साहित्य में शामिल ऐतिहासिक ग्रंथ अनमोल रत्न हैं, जिनकी कीमत आंकी नहीं जा सकती, क्योंकि उनसे हमें वह अद्भुत एवं... Hindi · लेख 337 Share Manoj Arora 20 Jan 2018 · 2 min read आखिर क्यों असहाय हो जाते हैं हम...??? शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो अपने पारिवारिक कार्यों, मित्रों, या फिर जहाँ से उसे थोड़ा-बहुत लाभ होता हो, को प्राथमिकता नहीं देता हो, लेकिन प्रश्न तब उठता है... Hindi · लेख 303 Share Manoj Arora 20 Jan 2018 · 2 min read पुस्तक समीक्षा : तिनके उम्मीदों के पुस्तक : तिनके उम्मीदों के कहानीकार : कविता मुखर कहते हैं कि संसार में जीवन जीना भी एक कला है, लेकिन यह निर्भर उस इन्सान पर करता है कि वह... Hindi · लेख 444 Share Manoj Arora 20 Jan 2018 · 1 min read पुस्तक समीक्षा : अंत भले का भला पुस्तक : अंत भले का भला कथाकार : कुसुम अग्रवाल वर्तमान समय में अगर बालकों को अच्छाई एवं सच्चाई की डगर पर कोई अग्रसर कर सकने में कोई सौ फीसदी... Hindi · लेख 403 Share Manoj Arora 20 Jan 2018 · 2 min read पुस्तक समीक्षा : ओ मनपाखी पुस्तक : ओ मन पाखी कवयित्री : डॉ. रत्ना शर्मा कविता जीवन के विविध पक्षों का व्यावहारिक और कलात्मक अंग है। इसलिए एक ओर जहाँ उसमें यथार्थ का दृश्यांकन होता... Hindi · लेख 254 Share Manoj Arora 20 Jan 2018 · 1 min read पुस्तक समीक्षा-चिंतन के क्षितिज पुस्तक : चिंतन के क्षितिज लेखिका : राज चतुर्वेदी विद्वानों ने जहाँ चिंता को नुकसानदेह माना है, वहीं चिंतन को शुभ तथा शिखर तब पहुँचने का मार्ग भी बताया है।... Hindi · लेख 552 Share Manoj Arora 20 Jan 2018 · 1 min read पुस्तक समीक्षा-राजाजी की कथाएं पुस्तक-राजाजी की कथाएं अनुवादक : एस.भाग्यम शर्मा भारत के प्रथम गवर्नर जनरल राजगोपालाचारी (राजाजी) को केवल तमिल साहित्य के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि उन्हें भारतीय इतिहास का चाणक्य... Hindi · लेख 344 Share Manoj Arora 19 Jan 2018 · 1 min read पुस्तक समीक्षा-मयूर पीड़ा कवयित्री : पृथा वशिष्ठ प्रत्येक इन्सान के हृदय में विचार चलते रहते हैं कुछ स्वयं के लिए तो कुछ औरों के लिए। कुछ बीते इतिहास के प्रति तो कुछ वर्तमान... Hindi · लेख 370 Share Manoj Arora 19 Jan 2018 · 1 min read पुस्तक समीक्षा-जीने का हक ‘कहानी-संग्रह’ कथाकार : रामगोपाल राही इक्कसवीं सदी को पार करते हुए आज भी काफी स्थानों पर अट्ठारहवीं सदी की रूढि़वादी संस्कृति में नारी को सबला नहीं बल्कि अबला समझा जाने की... Hindi · लेख 261 Share Manoj Arora 19 Jan 2018 · 2 min read पुस्तक समीक्षा : ‘सलवटें‘ काव्य-कृति पुस्तक-सलवटें ‘काव्य-कृति’ कवि-जयपाल सिंह यादव समीक्षक-मनोज अरोड़ा पृष्ठ-132 मूल्य - 225/- प्रकाशक-साहित्य चन्द्रिका प्रकाशन, जयपुर टकरायेगा नहीं आज उद्धत लहरों से, कौन ज्वार फिर तुझे पार तक पहुँचायेगा? अब तक... Hindi · लेख 347 Share Manoj Arora 19 Jan 2018 · 1 min read पुस्तक समीक्षा-शजर थकते नहीं ‘काव्य-कृति’ हृदय को छूती कविताएँ......... कवयित्री-राज गुप्ता पुस्तक-शजर थकते नहीं पृष्ठ-196 प्रकाशक-साहित्य चन्द्रिका प्रकाशन, जयपुर ‘चलते रहने का नाम जीवन है, थम गए तो भला किस काम के?’ उक्त पंक्ति को... Hindi · लेख 249 Share Manoj Arora 19 Jan 2018 · 2 min read पुस्तक समीक्षा-वसीयत ‘उपन्यास’ भाषा बोलना और उस पर लेखन-कार्य करना दोनों का अलग-अलग महत्व है। आम बोलचाल के शब्दों को लेखनी में शामिल करना अपने-आपमें बेमिसाल होता है, क्योंकि शब्दों की लयबद्ध प्रस्तुति... Hindi · लेख 1 2k Share Manoj Arora 18 Jan 2018 · 2 min read एक पहल-जनहित में जारी हमारा भारत देश बुद्धिजीवियों का देश रहा है, जिसमें खासकर हर किसी की सोच देश को बुलंदियों की ओर ले जाने की रही है। परंतु विचारणीय बात ये है कि... Hindi · लेख 231 Share Manoj Arora 18 Jan 2018 · 2 min read नया शहर हो गया-पुस्तक समीक्षा अगर ये कहा जाए कि कवि को वरदान प्राप्त है कि वह लम्बी-चौड़ी गाथा को चंद लफ्जों में समाज के समक्ष प्रस्तुत कर देता है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।... Hindi · लेख 359 Share Manoj Arora 18 Jan 2018 · 1 min read सत्याग्रह का दर्शन-पुस्तक समीक्षा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने राष्ट्रभाषा के प्रश्न पर गहन चिंतन किया, साथ ही भारतवासियों के हित के लिए जो अंग्रेजों द्वारा यातनाएँ झेलीं व जो बलिदान उन्होंने जनमानस को आजाद... Hindi · लेख 450 Share Manoj Arora 18 Jan 2018 · 2 min read मैं नारी हूँ-पुस्तक समीक्षा नारी को वंदन इसलिए किया जाता है, क्योंकि नारी जगजननी है। संत-महापुरुषों को जन्म देने वाली नारी है, वीरों को देश पर कुर्बान करने वाली नारी है और प्रसिद्ध कहावत... Hindi · लेख 281 Share Manoj Arora 18 Jan 2018 · 2 min read आजादी का हक-पुस्तक समीक्षा दुनिया में हर इन्सान की कोई न कोई कहानी होती है, किसी की कहानी समाज के सामने आती है तो वह विशेष रूप में प्रदर्शित होती है तो कोई परदे... Hindi · लेख 420 Share Manoj Arora 18 Jan 2018 · 2 min read तलाश जिन्दगी की-पुस्तक समीक्षा कहते हैं कि इनसान के जीवन सफर में तलाश कभी समाप्त नहीं होती। ये तलाश ही है जो बचपन में युवावस्था की कल्पना करवाती है और ये तलाश ही है... Hindi · लेख 282 Share Manoj Arora 17 Jan 2018 · 1 min read साहित्य के प्रति युवाओं का कम होता प्रेम वर्तमान युग को मशीनी युग कहा गया है जहां हर व्यक्ति शॉर्ट रास्ते को चुनना पसन्द करता है। अगर साहित्य की बात करें तो 90 फीसदी युवा व अन्य समस्त... Hindi · लेख 336 Share Manoj Arora 16 Jan 2018 · 1 min read शब्द मुखर है-पुस्तक समीक्षा मनोज अरोड़ा कविता की पहचान या शब्दों का चयन करना किसी जौहरी की तरह हीरे की परख करने से कम नहीं होता; और बात अगर साझा संग्रह की हो तो सम्पादक के... Hindi · लेख 1 1 290 Share Manoj Arora 16 Jan 2018 · 2 min read भारत में बालश्रम : एक अभिशाप-पुस्तक समीक्षा मनोज अरोड़ा देश में बाल मजदूरी का बढऩा गरीबी तो है ही, इसके साथ-साथ मुख्य कारण है उन बालकों के अभिभावकों का अशिक्षित होना। अक्षरज्ञान न होने के कारण वे शिक्षा के... Hindi · लेख 834 Share