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22 Jan 2018 · 2 min read

तुम कौन हो?-पुस्तक समीक्षा

समाज में फैली भ्रांतियों पर करारा प्रहार करती हैं श्री अहमद सुमन की कहानियां

कथाकार को समाज में अहम् स्थान तथा विशेष ख्याति हासिल हुई है, क्योंकि वह समाज में फैली भ्रांतियों, रीति-कुरीतियों एवं अदृश्य घटनाओं को काल्पनिक पात्रों के जरिए कहानी के रूप में दुनिया को बताने एवं दर्पण की तरह दिखाने में सक्षम् होते हैं। ऐसे कहानी-किस्से या कथाओं के माध्यम से जहाँ एक साहित्यकार अपनी कलम तथा कला से सुधी पाठकों का मनोरंजन करते हैं, वहीं दूसरी ओर शिक्षाप्रद बातों से वे दुनिया में बदलाव लाने का भी निरन्तर प्रयास करते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक ‘तुम कौन हो?’ में प्रख्यात कथाकार श्री अमीर अहमद सुमन ने भी अपनी लेखनी में शामिल जहाँ एक ओर संस्कार एवं सभ्यता को ख्याल में रखा है, वहीं दूसरी ओर जायज रिश्ते, आपसी भाईचारा, सच और झूठ की पहचान करना, कुदरत में विश्वास रखना तथा उसका शुक्राना करना, ईमानदारी से जीवन निर्वाह करना व परम्पराओं को निभाने पर विशेष जोर दिया है।प्रथम कहानी ‘तुम कौन हो?’ पढ़ते समय ऐसा महसूस होता है जैसे हम एक मोहर लगे जीवन को जी रहे हों जिसमें हम अपनी जाति-धर्म की पहचान बनाकर दुनिया में घूम-फिर रहे हैं हमें यह ज्ञात नहीं रहता कि पहले हम इन्सान हैं उसके बाद जाति-धर्म आते हैं।
कुछ आगे चलकर ‘अपनी अपनी परेशानी’ में कथाकार ने संदेश दिया है कि जब राजा स्वयं ही सुरक्षित न हो तो वह प्रजा का खयाल कैसे रख सकता है? ‘गोश्त के बदले गोश्त’ कहानी सबक पर आधारित है लेकिन यह पाठक ही निर्णय करेंगे कि स्वीकृति कितनी उचित या कितनी अनुचित? ‘दीक्षांत समारोह’ कहानी स्वामी व शिष्यों पर आधारित है। ‘जन सेवक’ कहानी में श्री सुमन ने संदेश दिया है कि सेवा का तात्पर्य क्या है, ये किसी और से नहीं, बल्कि स्वयं से पूछना चाहिए। ‘हैडलाइन’ कहानी मीडिया पर आधारित है कि वे प्राथमिकता किसको देते हैं और क्यों? ‘भगवान का घर’ कहानी का वर्णन तो कहने-सुनने से परे की बात है कि आखिर भगवान का घर है कौनसा?
श्री अमीर अहमद सुमन ने उक्त कहानी-संग्रह ‘तुम कौन हो?’ में कुल सत्तावन छोटी-बड़ी कहानियों की रचना की है। प्रत्येक कहानी के शीर्षक दिल के द्वार पर दस्तक देते प्रतीत होते हैं तथा समस्त कहानियों में सरल, सुबोध व मिठासभरी भाषाशैली का प्रयोग किया है। उक्त कहानी-संग्रह पठनीय संग्रहणीय एवं उपहारयोग्य है।
मनोज अरोड़ा
लेखक, सम्पादक एवं समीक्षक
+91-9928001528

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Comment · 529 Views
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