जगदीश शर्मा सहज Tag: गीत 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid जगदीश शर्मा सहज 27 Nov 2023 · 1 min read गीत गीत गाना हमें भी तो सिखलाइए। स्वर मिलाना हमें भी तो सिखलाइए।। सुन रहे आपको मुस्कुराते हुए। हर्ष में डूबकर गुनगुनाते हुए।। आपके कीमती शब्द संसार में। डूब जाना हमें... Hindi · गीत 1 175 Share जगदीश शर्मा सहज 18 Nov 2023 · 1 min read छठ पर्व आस्था के महापर्व छठ पूजा की सभी उपासकों एवं श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं..! गीत खुशी-खुशी रहे परिवार, छठी मैया सुन लो पुकार। अर्घ्य चढ़ाऊँ तुमको दिवाकर, रहूँ सुहागन दो ऐसा... गीत 1 165 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Oct 2023 · 1 min read देवीमहिमा सर्वेश्वरी , भूतेश्वरी, ममतामयी मातेश्वरी। चेतन तुम्हीं से सृष्टि है, ममता दया की वृष्टि है, सर्वांग में तुम हो बसी, ज्योतिर्मयी तपपुंज सी । आनंद की संचारिणी, तुमको नमन जगदीश्वरी।... Hindi · गीत 1 2 70 Share जगदीश शर्मा सहज 4 Oct 2023 · 1 min read 'मूक हुआ आँगन' अनुबंधों के बागानों में, रिश्ते रूखे रहते हैं। अपने ही पुश्तैनी घर में, अपने भूखे रहते हैं।। परिवर्तन की इस आँधी में, बोझ बने हैं घर सारे। मूक हुआ रंगीला... Hindi · गीत 1 78 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Sep 2023 · 1 min read श्री गणेश वंदना: श्री गणेश वंदना: गणनाथ दया करना हम पर, शुभ कार्य तुम्हारी ही दम पर। पथ पर कोई बाधा आये, दुःखों का बादल घिर आये। षटदोषों का उन्मोचन कर, करुणा बरसाना... Hindi · गीत 1 153 Share जगदीश शर्मा सहज 27 Jun 2023 · 1 min read किस दुनिया में खोजूँ तुमको किस दुनिया में खोजूँ तुमको, आभासी संसार बड़ा। किस सागर की परिधि नापूँ,सागर का आकार बड़ा।। मेरे मन में बिखरी थी जो, अब तक छूटी गंध नहीं। प्रेम वही होता... Hindi · गीत 3 2 85 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Jan 2023 · 1 min read कर्तव्यपथ अपने-अपने कर्तव्यों का, निष्ठा से यदि पालन होगा। प्रेम हृदय में पुष्पित होगा, फुलवारी सा जीवन होगा।। उद्वेलित मन की चंचलता, कलुषित मन के कारण ही है। हठधर्मी बनकर हमने... Hindi · गीत 2 146 Share जगदीश शर्मा सहज 1 Apr 2022 · 1 min read वसंत की हवा वसंत की हवा चली, प्रफुल्ल है कली-कली। प्रसून भी खिले कई, सुगंध है नई-नई । विरंच की विभावरी, किशोर उम्र में ढली। समष्टि में विलास है, मनुष्य में हुलास है।... Hindi · गीत 4 4 282 Share जगदीश शर्मा सहज 13 Feb 2022 · 1 min read वसंत को छाने दो सूने-सूने उद्यानों में फूलों का मौसम आने दो ऋतु वसंत को छाने दो। सूखी कलियाँ मनुहार करें कब सज-धजकर शृंगार करें डाली से मत तोड़ो उनको कुछ पल तो मुस्काने... Hindi · गीत 1 2 363 Share जगदीश शर्मा सहज 25 Oct 2021 · 1 min read शरद का चंद्रमा शरद का चंद्रमा प्यारा, हमें कितना लुभाता है। कलाधर बन गगन में यह, सुबह तक जगमगाता है।। शरद की पूर्णिमा का दिन, बड़ा पावन, बड़ा शीतल। धवल आकाश स्वर्णिम सा,... Hindi · गीत 318 Share जगदीश शर्मा सहज 13 Oct 2021 · 1 min read जयति जय दुर्गा भवानी जयति जय दुर्गा भवानी। तुम सकल वरदानदानी।। हरि शयन करने सिधारे, देवता हा-हा पुकारे । मात ने मधु और कैटभ, दैत्य शुम्भ-निशुम्भ मारे।। कल्प का उद्गम निकट था, और था... Hindi · गीत 2 3 201 Share जगदीश शर्मा सहज 7 Oct 2021 · 1 min read माता के जयकारे जगमग दीपक चमके द्वारे ।। माता के गूँजे जयकारे।। जय जगदम्बे अम्बे काली। ऊँचे पर्वत- महलों वाली।। श्रद्धा के फूलों से भरकर । लाया हूँ पूजा की थाली ।। माता... Hindi · गीत 2 2 303 Share जगदीश शर्मा सहज 1 Oct 2021 · 1 min read रचें मधुभाव भरे हम छंद आधार छंद - मोतियदाम(मापनीयुक्त वर्णिक छंद) मापनी- लगाल लगाल लगाल लगाल।(12 वर्ण) ध्रुव शब्द- "भाव" ------------------------------------------------- रचें मधुभाव भरे हम छंद। सुवासित ज्यों महके गुलकंद।। रचें बहु सुंदर-सुंदर गीत। तपाकर... Hindi · गीत 1 250 Share जगदीश शर्मा सहज 30 Sep 2021 · 1 min read निगाहें न फेरो *गीत आधार छंद शैल (मापनी युक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- लगागा लगागा लगागा लगाल निगाहें न फेरो करो खूब प्यार । न मानो कभी प्रेम में जीतहार।। लिए सात फेरे सजी... Hindi · गीत 1 216 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Mar 2021 · 1 min read कविता हृदय से फूटती कविता हृदय से फूटती मानस पटल पर कौंधती जब भावना का ज्वार हो लिपि का वृहद भंडार हो लय, ताल स्वर को बाँधकर सरिता सदृश ये कूदती कुछ और कवि... Hindi · गीत 1 293 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Mar 2021 · 1 min read लाड़ली भोली चिरैया लाड़ली भोली चिरैया शहर के भीतर न आना शहर में झाड़ी नहीं है बैठने को घास का तिनका नहीं है नोंचने को है कहाँ सुखसार छैया हर्ष का बीता जमाना... Hindi · गीत 2 402 Share जगदीश शर्मा सहज 4 Mar 2021 · 1 min read अश्रु तुम पानी नहीं हो आँसुओं!तुम आत्मबल खोना नहीं। जीर्ण होकर व्यर्थ में रोना नहीं।। आँसुओं, तुम तो सदा निष्पाप हो। वेदना का गूँजता आलाप हो।। तुम कमलदल का सरोवर शांत सा। दैन्य दुख में... Hindi · गीत 1 1 209 Share जगदीश शर्मा सहज 20 Feb 2021 · 1 min read 'प्रिये, तुम प्रण निभाना' ढले जब शाम की लाली, उजाला चंद्रमा का हो। नुपुर झंकार करके तुम, सदन मेरे चली आना ।। मदन बनकर करूँ विचरण, तुम्हारे रूप यौवन में । फिरे ज्यों मृग... Hindi · गीत 1 361 Share जगदीश शर्मा सहज 17 Feb 2021 · 1 min read जय माँ शारदे शुभदा, अनुकोष हृदय भर दे । स्वर, अक्षर का, मति का वर दे ।। नव गीत, नया विश्वास जगे, उत्साह जगे, अभिलाष जगे। अणिमा, लघिमा, अभिधा बरसे, नव हर्ष, नया... Hindi · गीत 1 1 486 Share जगदीश शर्मा सहज 3 Feb 2021 · 1 min read "सुबह की धूप आशा है" विधान :- विजात छंदाधारित गीत मात्राभार :- १२२२ १२२२ सुबह की धूप आशा है। विवशता ही निराशा है।। सुखों की आश जीवन में। न होती काश जीवन में।। न होती... Hindi · गीत 2 4 238 Share जगदीश शर्मा सहज 31 Jan 2021 · 1 min read "अपना वतन" आसमानी रंग भर के, ग़म-खुशी के गीत गाता लाड़ला अपना वतन । पावनी धरती वतन की, दूर तक जिसकी महक। एक भारत का तराना, गूँजता है दूर तक। हूक देते... Hindi · गीत 2 4 477 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Jan 2021 · 1 min read 'प्रेम' मानव जीवन नीरस होता , प्रेमसुधारस पास न होता । नीड़ज भी उन्मुक्त न होता, भोजन भी रसयुक्त न होता। प्रेम बिना यह सृष्टि न होती, और कहीं उल्लास न... Hindi · गीत 3 4 276 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Jan 2021 · 2 min read "दिल के बंधन" प्रस्तुत गीत के चार महत्वपूर्ण पड़ाव हैं, जिन्हें गीत के माध्यम से चार बन्धों में चरणबद्ध करने का प्रयास किया है। 1-प्रथम चरण में नायिका के घर पर शादी की... Hindi · गीत 368 Share जगदीश शर्मा सहज 18 Jan 2021 · 1 min read चाहतों के मेले चाहतों की महफिल में,दूर तक अँधेरे हैं। दुश्मनों के कूचे में, टूटे सपने मेरे हैं ।। धड़कनों की डोरी से, तुमको मैंने बॉंधा था, वे-वफा नहीं था मैं,हद से तुमको... Hindi · गीत 3 2 344 Share जगदीश शर्मा सहज 17 Jan 2021 · 1 min read साँझ की लाली छुप रहा सूरज गगन में, सॉंझ के दामन तले। ये जमीं दुल्हन बनी है, दीप तारों के जले।। एक तो अंजान पथ है, आपका यह साथ है। मैं तुम्हारी सांस... Hindi · गीत 2 2 334 Share जगदीश शर्मा सहज 17 Jan 2021 · 1 min read गीत :- प्रियतमा सुनकर कंगन नूपुर की धुन, मदहोश न अब मैं हो जाऊँ। तुम गीतों की आशा मेरी, जीवन की अभिलाषा मेरी। तुम उपवन की हरियाली हो, मैं प्रियदर्शन मैं खो जाऊँ... Hindi · गीत 1 2 239 Share