Vishnu Prasad 'panchotiya' 92 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vishnu Prasad 'panchotiya' 1 May 2024 · 1 min read हे कृतघ्न मानव! हे मानव! तू कितना कृतघ्न है। जिस वृक्ष ने तुझे जीवन दिया तु उसे निर्दयता से काटा जा रहा तू इतना निर्दय कब हो गया? जो तुझे सांस देते रहे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 8 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 25 Mar 2024 · 1 min read अभी सत्य की खोज जारी है... क्या लिया यहाँ क्या दिया यहाँ बस अर्थ चक्र में फँसा रहा। किस हेतु जीवन जी रहा कुछ पता नहीं बस लगा रहा। मैं काम क्रोध की अग्नि में जीवन... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 4 48 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 21 Jan 2024 · 7 min read श्री राम भक्ति सरिता (दोहावली) श्री गजानन गणपति, सहज करो कल्याण विष्णु मन रमे राम में, दो ऐसा वरदान।1 बुद्धि के दाता प्रभु, गजानन महाराज, विष्णु सुबुद्धि दीजिए, राम भक्ति के काज।2 श्वेत अंबर धारिनी,... Hindi · दोहा 1 113 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 4 Sep 2023 · 1 min read सुन लो दुष्ट पापी अभिमानी सुन लो दुष्ट पापी अभिमानी तुम इतना ना दंभ भरो अपने अभिमान में चूर होकर सनातन पर ना चोट करो पाप का घड़ा थोड़ा ही खाली है जिस दिन समझलो... Quote Writer 310 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 4 Sep 2023 · 1 min read जिस सनातन छत्र ने, किया दुष्टों को माप जिस सनातन छत्र ने, किया दुष्टों को माप उसे बदनाम कर रहे हैं, आस्तीनों के सांप। जो अनादि है अनंत, जिसका ना कोई पार है क्या मिटाएगा मूर्ख उसे, तेरी... Quote Writer 176 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 31 Aug 2023 · 1 min read राम कहने से तर जाएगा राम कहने से तर जाएगा राम का नाम ले, जीवन तेरा संवर जाएगा। राम राम जय राजा राम। राम राम जय सीता राम।। तीनों लोकों के स्वामी श्री राम रघुनाथ... Hindi · गीतिका 176 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 29 Jun 2023 · 1 min read हम नही रोते परिस्थिति का रोना हम नही रोते परिस्थिति का रोना दुनिया भर के सामने। इसका ये अर्थ तो नहीं कि अपने हालात अच्छे हैं। ये आँखे झुकी हुई है सम्मान में बड़ों के। इसका... Quote Writer 1 365 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 8 Jun 2023 · 1 min read यह कौन सा विधान हैं? सुन रही वसुंधरा सुन रहा है गगन सुमधुर गीत आज गुनगुना रही पवन। प्रभात सूर्य तेज लिए पूर्व मुस्कुरा रहा लाल ताम्र रंग की रश्मियाँ लुटा रहा। कली-कली खिल उठी... Poetry Writing Challenge · गीत · गीतिका 307 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 1 Jun 2023 · 1 min read कहते हैं हम कहते हैं हम सुन पाकिस्तान कान खोलकर आज सीधे-सीधे आजा अपनी हरकतों से बाज। क्यों हमारे जागीरो पर नजर गड़ा कर बैठा है आतंकवाद को पनाह देता तु आतंकवाद का... Poetry Writing Challenge · कविता 139 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 31 May 2023 · 1 min read श्री कृष्ण का चक्र चला असुर दैत्य दुष्ट पापियों का जब जब धरा पर पाप बढ़ा साधु संत ऋषि मुनियों पर जब इनका अत्याचार बढ़ा तब तब धर्म की रक्षा हेतु प्रभु श्री कृष्ण का... Poetry Writing Challenge · कविता 363 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 30 May 2023 · 1 min read मैं राम का दीवाना मैं राम का दीवाना राम राम जपता हूंँ अपने हृदय में छवि श्रीराम की रखता हूँ। तुम हो मेरे आराध्य मेरे रामजी हो तुम हो दिनों के नाथ दीनानाथ जी... Poetry Writing Challenge · गीत · गीतिका 1 386 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 30 May 2023 · 1 min read हे कृतघ्न मानव! हे मानव! तू कितना कृतघ्न है। जिस वृक्ष ने तुझे जीवन दिया तु उसे निर्दयता से काटा जा रहा तू इतना निर्दय कब हो गया? जो तुझे सांस देते रहे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 558 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 29 May 2023 · 1 min read जीवन के खेल जीवन का खेल समझ ना आया कभी धूप तो कभी छाया जो चाहा क्या मिला मुझे? आज तक कुछ समझ ना पाया ज्वार भाटा के समान आते रहे उतार-चढ़ाव मैं... Poetry Writing Challenge · कविता 77 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 29 May 2023 · 1 min read सुनो पुलिस जी सुनो पुलिस जी रिश्वत खाना छोड़ भी दो सरकार। वरना पछताओगे रिश्वत खाने के बाद। जनता बेचारी पर करते मनमानी और नेताओं का भरते तुम पानी पैसा तो खाते हो... Poetry Writing Challenge · कविता 77 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 29 May 2023 · 1 min read रंग बदलते आप नेता गिरगिट के समान ,रंग बदलते आप। अपने वोट के खातिर ,कहे पुण्य को पाप। प्यारे भारत देश का, करते तुम ना मान जब देखो बस लगत हो, करने को... Poetry Writing Challenge · दोहा 1 2 59 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 29 May 2023 · 1 min read नाच ना आवे आंगन टेढ़ा विद्वानों को समझ न आये अपने काम को सही बताएं परिस्थिति पर दोष लगाये अपनी गलती पर पर्दा डाले जो अभ्यास की कमी रही मेहनत पर क्यों जी लगाए अल्प... Poetry Writing Challenge · कविता 1 59 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 29 May 2023 · 1 min read आजादी का दीवाना था था गजब फौलादी वह आजादी का परवाना था आजाद रहा न झुका कभी आजादी का दीवाना था। ब्राह्मण कुल में जन्मा पर वह वनवासी संग रहता था उन मित्रों संग... Poetry Writing Challenge · कविता 1 526 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 28 May 2023 · 1 min read श्याम की बंसी श्याम की बंसी की धुन सुन सुन कर गोपीकायें व्याकुल होने लगी है। चली यमुना तीर दौड़ी-दौड़ी टोली टोली सुधी अपनी वे भूलने लगी है। मोद भरे घनश्याम के मोह... Poetry Writing Challenge · मुक्तक 80 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 28 May 2023 · 1 min read एक तेरे नाम पर हजारों आँसू पी गई वह एक तेरे नाम पर दर बदर फिरती रही वह एक तेरे नाम पर। क्या होता दिल का लगाना थी नही वह जानती पर कब दीवानी... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 1 141 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 28 May 2023 · 1 min read जीवनसाथी वह रात सुहानी रात थी जिसमें आए थे अनेक बराती उनसे क्या मुझको लेना देना मेरा तो केवल एक ही था साथी वह बना मेरा जीवन साथी। गठबंधन का पवित्र... Poetry Writing Challenge · कविता 45 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 28 May 2023 · 1 min read संबंधों का मेला है विधाता की इस सृष्टि में संबंधों का मेला है। पर लोगों की इस भीड़ में हर व्यक्ति अकेला है। भौतिक सुख की चाह में क्यों भाग रहा है प्राणी। जितने... Poetry Writing Challenge · कविता 1 2 62 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 28 May 2023 · 1 min read जीवन का सुख मैंने अपने जीवन की नाव को धकेला था एक सुंदर सुखद टापू की खोज में। मन आशा से भरा हुआ कि संभवतः जीवन के सुख का आनंद उस पड़ाव पर... Poetry Writing Challenge · कविता 67 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 27 May 2023 · 1 min read अहंकार हर व्यक्ति में एक विकार भरा हुआ है अपार अहंकार ही अहंकार ना समझ सका स्वयं वह रावण जिसने उसके कुल का विनाश किया वही तो था अहंकार था कंस... Poetry Writing Challenge · कविता 323 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 27 May 2023 · 1 min read प्रेम प्रेम जगत की रित यही, प्रेम भये सब होय यह तो निर्मल धार है, शितल करे सब कोय। निश्छल हृदय प्रेम बसे, कपट न जिसको भाय जैसे मीरा बावरी, गिरधर... Poetry Writing Challenge · दोहा 277 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 27 May 2023 · 1 min read बरसाती बयार तपती वसुधा को शीतल करने चली बयार बरसाती बयार। संग लाई अपने बूंदों की लड़ियाँ और माटी की सौंधी सुगन्ध कृषको की आँखों में चमक और होठों पर मधुर मुस्कान... Poetry Writing Challenge · कविता 1 167 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 26 May 2023 · 1 min read भेड़ चालों का रटन हुआ अब गाँव सारा पट चुका है वाहन के शोर शराबे से बचपन के सब खेल चले गए मोबाइल के आ जाने से । गाँवों का वह आम आदमी आमों से... Poetry Writing Challenge · कविता 82 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 26 May 2023 · 1 min read प्यारा सुंदर वह जमाना कवि हूँ मैं तो गाँव का शहर न मुझको रास आता गाँव में हूँ पला बड़ा गाँव ही मुझको है भाता। पर गाँव भी अब वह कहाँ रहा जैसा पहले... Poetry Writing Challenge · कविता 1 302 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 24 May 2023 · 1 min read तितली रानी तितली रानी तितली रानी मेरे पास भी आओ ना अपने प्यारे रंग - बिरंगे पंख हमे दिखलाओ ना। कितनी फुर्ती तुम में भरी है कितनी चंचलत हो तुम पल में... Poetry Writing Challenge · कविता · बाल कविता 272 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 23 May 2023 · 1 min read दिहाड़ी मजदूर अब भोर हुई बस यही चिन्ता संध्या भोजन का क्या होगा। कुछ कला नहीं जिन हाथो में जिसने शिक्षा न पाई है कभी दिहाड़ी मजदूरी कर के ही तो अपनों... Poetry Writing Challenge · कविता 322 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 22 May 2023 · 1 min read बरसो रे मेघ (कजरी गीत) प्यासी धरती की तृष्णा मिटाओ रे मेघ। आज गरजो नहीं तुम बरसो रे मेघ। कब से राहें तुम्हारी अपलक देख रही ग्रीष्म भर तपती जेष्ठ भर जलती प्यासी अवनी की... Poetry Writing Challenge · गीत 1 246 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 20 May 2023 · 1 min read प्रभु जी हम पर कृपा करो प्रभु जी! हम पर कृपा करो बरसओ अपना आशीर्वाद हम नेक राह पर चला करें दो हमें ऐसा वरदान। दुखियों के दुख दूर करें हो हम में ऐसे संस्कार गुरुजनों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 387 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 20 May 2023 · 6 min read भूरा और कालू 5 एकड़ भूमि का काश्तकार (किसान) रामू का एक बैल गलाघोटू रोग से चल बसा जिससे उसके तंदुरुस्त बैलों की जोड़ी बिखर गई। इससे रामू को बड़ा दुख हुआ। जिन... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता 2 431 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 20 May 2023 · 1 min read शरद निशा आज शरद निशा की चांदनी की छटा निराली है। धरती की सुंदरता हृदय को भाने वाली है। स्वच्छ – निर्मल नभ मंडल में, तारे उज्जवल चमक रहे हैं झिलमिल करते... Poetry Writing Challenge · गीत 245 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 20 May 2023 · 1 min read फूल और कांटे फूल को देखिए, खुशबू को लीजिए। व्यक्ति को न देखिए, गुणों को लीजिए। फूल के कई हे रंग व्यक्ति के कई हे ढंग रंगों को लीजिए न कि ढंगो को... Poetry Writing Challenge · कविता 239 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 15 May 2023 · 2 min read जनसंख्या में अव्वल भारत लो हो गए हम विश्व में सबसे आगे जनसंख्या में। तोड़ दिए हमने रिकॉर्ड विश्व के सारे जनसंख्या में। बन गए हम विश्व के अग्रणी जनसंख्या में। हमारे दुश्मन देश... Hindi · लेख 137 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 20 Apr 2023 · 1 min read मेरा आंगन मेरा आंगन प्यारा आंगन प्रेम सुधा बरसाता आंगन। कुरद कुरद कर मिट्टी खाता लुढ़क- लुढ़क कर लोट लगाता हँसी भर भर कर ताली बजाता रात - दिन भर धूम मचाता... Hindi · कविता 239 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 18 Apr 2023 · 2 min read मेरी माँ तू प्यारी माँ मेरी माँ तू प्यारी माँ अच्छी भोली न्यारी माँ। तूने मुझ को जन्म देकर धरती पर अवतरित किया अपना अमृत दूध पिलाकर अपार शक्ति और बल दिया मुझ पर अपना... Hindi · कविता 481 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 17 Apr 2023 · 1 min read कोमल चितवन चंचलता से आच्छादित वह जीवन रंग बिरंगे फूलों सा कोमल चितवन। खिलखिलाता कोमल सा मुखड़ा सुंदर और मासूम सा चेहरा कोमल पौध टहनी से कर और पत्ति से नाजुक करतल... Hindi · कविता 138 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 12 Nov 2022 · 1 min read आओ नया निर्माण करें एक साथ सब रहे हिल मिल एक साथ सब काम करें। एक साथ सब हिल मिलकर आओ नया निर्माण करें। आपस में ना हो द्वन्द्व हम में। न आपस में... Hindi 2 1 176 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 7 Nov 2022 · 1 min read भैंस के आगे बीन बजाना जिन कानों पर जूँ न रेंगे क्या भला उन्हें समझाना? बोल-बोल कर बता-बता कर केवल अपना मुँह दुखाना अकर्मण्य की आदत बन गई उनसे भी क्या कर्म कराना? वह तो... Hindi · हास्य-व्यंग्य 4 2 397 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 22 Oct 2022 · 1 min read माँ धनलक्ष्मी धनलक्ष्मी की हो कृपा, भरे देश भंडार रहे सदा ही संपदा, बरसे कुबेर धार । बरसे कुबेर धार, राष्ट्र बने धनवान रहे सदा ही आगे हिंदराष्ट्र हमेशा विष्णु सिरमौर रहे... Hindi 4 1 251 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 22 Oct 2022 · 1 min read नीति दोहे समय कभी ना तोलिए, समय बड़ा बलवान राजा होय रंक कभी, रंक बने धनवान। आज समय कुछ और है, काल रहेगा और विष्णू साधो बन गया, कल तक था जो... Hindi 2 154 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 14 Oct 2022 · 1 min read तन्मय तन्मय अगर हो जाओ तुम फिर क्या नहीं कर सकते हो। और कुछ नहीं करना तुम्हें बस लक्ष्य निर्धारित करो। हो अथाह दृढ़ निश्चय मन और अथाह साहस भरा। देखलो... Hindi 2 311 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 20 Sep 2022 · 1 min read लोकतंत्र में तानाशाही पहले लोकतंत्र की आवाज कुचलती तानाशाही अब लोकतंत्र में तानाशाही घुस गई है। पहले पद में रहती थी जो तानाशाही अब तानाशाही पद धारक में घुस गई है। पहले स्वतंत्रता... Hindi · तेवरी 2 1 243 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 15 Jul 2022 · 1 min read फिर झूम के आया सावन आनन्द विभोर छाया सावन जीवन सुख बरसाया सावन खुशियों बहार लाया सावन सब के मन भाया सावन फिर झूम के आया सावन। दादुर मोर पपीहा नाचे घुमड़ - घुमड़ कर... Hindi 5 320 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 13 Jul 2022 · 1 min read गुरु महिमा जिसने जीवन सफल बनाया गुरु ही वह वरदान है। जिसने मुझे इंसान बनाया गुरु ही वह भगवान है। गुरु की महिमा गुरु की कृपा से में धन्योधान हुआ। गुरु की... Hindi 3 283 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 13 Jul 2022 · 1 min read पथ जीवन पथ जीवन और क्या है ? कभी धूप है कभी छाँव है। रुकना नहीं तुझे चलना है। बस चलता जा आगे बढ़ता जा कभी छाँव का सुख लेता चल कभी... Hindi 7 2 288 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 26 Jun 2022 · 1 min read अपने पथ आगे बढ़े नया उजाला लिए हुए हर दिन सवेरा होता है। एक नई आशा लिए सूरज रोज निकलता है। इन आशाओं को बटोर हम भी नया विश्वास भरे एक नया उत्साह लिए... Hindi 5 2 314 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 26 Jun 2022 · 1 min read विचारों की आंधी विचारों की आँधी ऐसी आई कि हृदय रूपी सागर में शब्दों की पतवार डगमगा गई । जीव्हा के चापू अधरों की चट्टानों से टकराने लगे। अंतः तूफान के बवंडर में... Hindi 3 2 1k Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 2 Jun 2022 · 1 min read पर्व ऐसे मनाइए पर्व ऐसे मनाइए, मीटे कटुता द्वेष। प्रेम रंग से भर जाय , व्यक्ति कुटुंब देश। हिंदू भारतवर्ष के, रहे सदा ही एक जाति वर्ग में ना बटे,ऊँच-नीच का भेद। -विष्णु... Hindi · दोहा 2 212 Share Page 1 Next