कवि दीपक बवेजा Tag: Quote Writer 237 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि दीपक बवेजा 7 Apr 2024 · 1 min read The thing which is there is not wanted The thing which is there is not wanted the thing which is wanted is not there... Those things which are impossible to get, there is no such thing in this... Quote Writer 1 69 Share कवि दीपक बवेजा 1 Apr 2024 · 1 min read कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता... कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता... हर एक लफ्ज़ की हमको गनीमत पता चली अम्मा ये कहती थी की पैसा कुछ नहीं होता बाजार में गया तो मुझको... Quote Writer 2 69 Share कवि दीपक बवेजा 1 Apr 2024 · 1 min read बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे किसी की मतहोशी में जाना छोड़ दे अपने किरदार से जीत लो हर शख्स इससे पहले की कोई आना छोड़ दे ✍️दीपक सरल⬆️ Quote Writer 1 55 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read जीवन को पैगाम समझना पड़ता है जीवन को पैगाम समझना पड़ता है मदहोशी को जाम समझना पड़ता है मंजिल को अपनी पाने की खातिर मेहनत को भगवान समझना पड़ता है ✍️𝐃𝐞𝐞𝐩𝐚𝐤 𝐬𝐚𝐫𝐚𝐥☑️ Quote Writer 55 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read दूर हो गया था मैं मतलब की हर एक सै से दूर हो गया था मैं मतलब की हर एक सै से गरीब इतना हुआ कि मैं भाव दे नहीं पाया आईने से गुजरती देखी हमने सारी दुनिया फिर भी खुद... Quote Writer 80 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है वही तपा है जो हर मौसम से गुजरा है कोई तरासता है खुद को मूरत की तरहा किसी के लिए जिंदगी एक मुजरा... Quote Writer 61 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read रात का आलम किसने देखा रात का आलम किसने देखा भोर की सबको आशा है रस्तो से किसको मतलब है बस मंजिल की अभिलाषा है बिना श्रम के कर्म भूमि पर दिखती अजब निराशा है... Quote Writer 71 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read दो रंगों में दिखती दुनिया दो रंगों में दिखती दुनिया अंदर से ये रंग बिरंगी है अंग्रेजों को छोड़ो तुम यहां अपने ही फिरंगी है मतलब के है यार यहां कौन किसका संगी है अनुभव... Quote Writer 54 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read धूप निकले तो मुसाफिर को छांव की जरूरत होती है धूप निकले तो मुसाफिर को छांव की जरूरत होती है मंजिल को पाने निकले तो राहों की जरूरत होती है शहरों में हमने संस्कारों के बीज पनपते नहीं देखे, बच्चे... Quote Writer 64 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है जब भी मैं बहुत थक जाता हूं तब चाय पी जाती है कोई कहीं ना उसके जैसा , ऐसा... Quote Writer 75 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है जुगनू से आगे जाकरके दीप जलाने निकला है गूंगों की बस्ती की ज्वाला भड़क रही है भडने दो सरकारों में आकर... Quote Writer 46 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है जिंदगी के तमाम रास्तों में तन्हा चलना पड़ता है.... कहीं धूप हो ,कहीं अंधेरा कहीं-कहीं गर्दिस भी भौर को लाने... Quote Writer 70 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read भारत मां की लाज रखो तुम देश के सर का ताज बनो भारत मां की लाज रखो तुम देश के सर का ताज बनो गूंज उठे आवाज़ तुम्हारी , तुम गूंगो की आवाज बनो जग को रोशन करने वाला एक अकेला सूरज... Quote Writer 1 54 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं उनके अंदर के गम यारों दफन कहां हो जाते हैं मनुहारी की बात अगर कोई बतला दे तुमको जो खुशियों से अंदर... Quote Writer 60 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा आसानी से मिल जाए कहां अनमोल समझेगा देखकर जरूरत को मूल्य लगाया जाता है यहां रंग बदलती दुनिया को हर कोई गोल... Quote Writer 77 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता तुम्हे रास्तों से कोई हटा नहीं सकता खुद तह करो तुम्हारी कीमत क्या है कोई तुम्हारी कीमत बता नहीं सकता कवि दीपक सरल Quote Writer 53 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब् शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब् अंधेरों ने तो बहुत ही वीरान किया होता है मंजिल पर आकर राही को मिलता है सुकून वर्ना रास्तों ने तो बहुत... Quote Writer 79 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read मुझे अकेले ही चलने दो ,यह है मेरा सफर मुझे अकेले ही चलने दो ,यह है मेरा सफर रास्तों में कहीं उलझा तो कैसे घर जाऊंगा रास्तों की ठोकरे नहीं रोक पाएंगी मुझको मुझको रोका गया तो काफिला हो... Quote Writer 59 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read हर एक ईट से उम्मीद लगाई जाती है हर एक ईट से उम्मीद लगाई जाती है तब जाकर के दीवार सजाई जाती है सफलता इतना आसान रास्ता नहीं संभलने से पहले ठोकर खाई जाती है सपने हकीकत से... Quote Writer 1 57 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है किसी का लहजा ऐसा की दिल से उतर जाता है कोई सड़क बनकर लोगों को घर पहुंचाता है कोई दरिया... Quote Writer 63 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे जख्म भी हमारे नासूर हो गए थे जब हम जमाने को खोजने निकले हम खुद के अंदर से ही खो गए थे लोगों... Quote Writer 84 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया हमने आखिरी तक आवाज को बुलंद रहने दिया तमाशा ए शहर में कीमत लगाने निकल गए लोग मगर हमने खुद... Quote Writer 92 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग मेरे हौसलों को देखेंगे तो गैरत ही करेंगे लोग मेहनत छोड़ देंगे या मेहनत ही करेंगे लोग । मैं इस कदर खुद को लाया हू किनारे तक मेरी खामोशी को... Quote Writer 87 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read नाजुक देह में ज्वाला पनपे नाजुक देह में ज्वाला पनपे कौन सहेगा तपिश यहाँ बरसों से अब बारिश को तरस रही है झितिज जहां लक्ष्मी जैसी बाई कहां अब वीर शिवा सा योद्धा नहीं कृष्ण... Hindi · Quote Writer 78 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read एक दिया बुझा करके तुम दूसरा दिया जला बेठे एक दिया बुझा करके तुम दूसरा दिया जला बेठे वृक्ष को विस्थापित कर कौन सा पुण्य कमा बैठे जीत की जद से हार भली थी यह तो सोचा होता किसी... Quote Writer 94 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read सुकून में जिंदगी है मगर जिंदगी में सुकून कहां सुकून में जिंदगी है मगर जिंदगी में सुकून कहां जिसमें प्रचंड उबाल हो रगों में ऐसा खून कहां भारत मां की परमभूमि की ये तस्वीर बदल जाए तूफानों से जा... Quote Writer 60 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read यह जो आँखों में दिख रहा है यह जो आँखों में दिख रहा है वह भी हमें अभी मिला नहीं हर रास्ता रास्ता ही है केवल मंजिलों का सिलसिला नहीं ✍️कवि 𝓓𝓮𝓮𝓹𝓪𝓴 𝓼𝓪𝓻𝓪𝓵 𝓭𝓮𝓮𝓰 Quote Writer 85 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read हमेशा आंखों के समुद्र ही बहाओगे हमेशा आंखों के समुद्र ही बहाओगे या कभी हमसे मिलने भी आओगे मत रखो तुम इतना गर्म मिजाज नहीं तो सूरजमुखी बन जाओगे ✍️𝓚𝓪𝓿𝓲 𝓓𝓮𝓮𝓹𝓪𝓴 𝓼𝓪𝓻𝓪𝓵☑️ Quote Writer 62 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read गहरी हो बुनियादी जिसकी गहरी हो बुनियादी जिसकी तपकरके जिसने सीचा हो बहुत मुश्किल है उसे गिराना अनुभव से जिसने सीखा हो ◦•●◉✿Kavi Deepak saral✿◉●•◦ Quote Writer 68 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read हर एक मंजिल का अपना कहर निकला हर एक मंजिल का अपना कहर निकला चंद अपने थे और तमाशा ए शहर निकला जिसको दूर से हमनें देखा मंजिल की तरह वो मरीचिका की तरह पानी सा लहर... Quote Writer 75 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read हर एक भाषण में दलीलें लाखों होती है हर एक भाषण में दलीलें लाखों होती है मगर बेटी के हक में हिफाजत कौन देता है बुझ जाता है दिया हवा के साए में आकर फिर इस दिय को... Quote Writer 64 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read टूटी हुई उम्मीद की सदाकत बोल देती है..... टूटी हुई उम्मीद की सदाकत बोल देती है..... अंधेरों की हिफाजत को रोशनी बोल देती है | हकीकत को छुपाने की कोशिशे लाख कर लेना अंदर की हुई हलचल को... Quote Writer 59 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read तारीफ किसकी करूं किसको बुरा कह दूं तारीफ किसकी करूं किसको बुरा कह दूं किसको थाम लूं मैं किसको हवा कह दूं किस तरह परखू मैं जमाने को आखिर किसको दर्द कहूं मैं किसको दवा कह दूं... Quote Writer 83 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read कोई दरिया से गहरा है कोई दरिया से गहरा है कोई गहरा ये दरिया है कहीं पर प्यास का मौसम कहीं बरसात ज्यादा है..।। कहीं रोता खुद आंसू कहीं आंसू ही मोती है कहीं पर... Quote Writer 65 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया अब तो ऐसा समय आ गया जाने दो जो जिधर गया चांद पर जाना हुआ मुनासिफ धरती पर आए नहीं... Quote Writer 64 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read वह लोग जिनके रास्ते कई होते हैं...... वह लोग जिनके रास्ते कई होते हैं...... रास्तों से भटक जाते हैं ,यह लोग वही होते हैं [1] किरदार से नीम की तरह दिखते हैं...... चुभ जाते हैं सुई की... Quote Writer 117 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था गिराया उसने जिसने चलते हुए हाथ थामा था जिनमें छुपे हुए थे कहीं तूफानों के कई किस्से उन्ही दरख्तों का हमारे... Quote Writer 62 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read हमने बस यही अनुभव से सीखा है हमने बस यही अनुभव से सीखा है हर कोई शिखर तक नहीं जाता है.। जो समझता है कदर सिक्कों की यहाँ, वही एक दिन नोटों से भर जाता है ।।... Quote Writer 72 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है हमने दीवारों को शीशे में हिलते देखा है चांदनी रात में भी धूप को खिलते देखा है तुम बात करते हो मौसम बदलने की हमने लोगों को सूरत बदलते देखा... Quote Writer 72 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read मययस्सर रात है रोशन मययस्सर रात है रोशन तो साथ खुदा है क्या .. मंजिल को देखते हो रास्ते का पता है क्या रातों से रोशनी वो... निकालने को चला है इसमें बताओ कोई....... Quote Writer 68 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read हर मंजिल के आगे है नई मंजिल हर मंजिल के आगे है नई मंजिल रास्ता कोई आखिरी होता है क्या हर मुहिम मे जाकर के देखो जरा फेसला कोई आखिरी होता है क्या आग लगी हो दिल... Quote Writer 58 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read हर एक राज को राज ही रख के आ गए..... हर एक राज को राज ही रख के आ गए..... हम कई जगह हथेली पे जान रख के आ गए मत्सलाह यह था की पगड़ी संभालती थी.. यह सोचकर हम... Quote Writer 60 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read हर एक अनुभव की तर्ज पर कोई उतरे तो.... हर एक अनुभव की तर्ज पर कोई उतरे तो.... हर इत्तेफाकन बात को अता किया जाये....। पहले परखा जाए किसी को मुद्दतों तक आखिर तब जाकर आगे का कोई निर्णय... Quote Writer 55 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read चिलचिलाती धूप में निकल कर आ गए चिलचिलाती धूप में निकल कर आ गए रास्तों के तूफानों से गुजर के आ गए......। अफ़वाह यह थी कि हम डूब जाएंगे....., समुद्र की लहरों को भी कुचल के आ... Quote Writer 91 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read हर एक शक्स कहाँ ये बात समझेगा.. हर एक शक्स कहाँ ये बात समझेगा.. जो मेरे मौन को एक आवाज समझेगा मुद्दतों के बात आया है जिंदगी का हुनर कोई होगा जो मुझे भी नादान समझेगा ✍️कवि... Quote Writer 74 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read मदहोशी के इन अड्डो को आज जलाने निकला हूं मदहोशी के इन अड्डो को आज जलाने निकला हूं मैं दीपक बनकर के अब दीप जलाने निकला हूं.. संघर्षों की जद् मैं कब तक तुम मुझको रुकोगे छोटे-छोटे लफ्जों को... Quote Writer 52 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो.. आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो.. क्यों फिर छोटी-छोटी बातों पर तुम शर्मिंदा हो खुला आसमान खुली हवाएं अंतर्मन में ज्वाला.. फिर भी पर नहीं फेहराये ऐसा... Quote Writer 83 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read गर्दिश का माहौल कहां किसी का किरदार बताता है. गर्दिश का माहौल कहां किसी का किरदार बताता है. हवाओं में आईना भी दीवार को हिलता दिखाता है जिसे नहीं सुखा पाती कभी सूरज की तपिश ..... वह भी वे-मौसम... Quote Writer 57 Share कवि दीपक बवेजा 16 Mar 2024 · 1 min read ये जो आँखों का पानी है बड़ा खानदानी है ये जो आँखों का पानी है बड़ा खानदानी है हर एक कि आंखों में एक नई कहानी है.. ✍️Deepak saral Quote Writer 61 Share कवि दीपक बवेजा 16 Mar 2024 · 1 min read हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे... हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे... हर किसी के आगे किताब कोंन रक्खे हर उपलब्धि का कारण जानना है क्यों हर बात का हमेशा जबाब क्यू रक्खे...! कवि दीपक... Quote Writer 1 1 61 Share Page 1 Next